—विष्णु पुराण के विवादास्पद एपिसोड पर रोक, कलचुरि समाज की जीत
—समाज से जुडे लोगों ने जताई आपत्ति, सरकार ने किया हस्तक्षेप
—इस ऐतिहासिक जीत पर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर दी बधाईया
(कंचन लता)
नई दिल्ली/टीम डिजिटल । कलचुरी, कलवार, कलाल, कलार, जायसवाल समाज के लोगो के लिए आज का दिन ऐतिहासिक, सुनहरे अक्षरों में लिखा जायेगा, क्योकि इस दिन के लिए पुरे देश के इस समाज को लोग संघर्ष कर रहे थे। वो संधर्ष था बी आर चोपड़ा का विवादित धारावाहिक विष्णु पुराण जो इतिहास और पुराण, ग्रंथो को तोड़ मरोड़ कर बनाया गया था।
इस धारावहिक में इनके समाज के कुल देवता राज राजेश्वर श्री कार्तवीर्य सहस्त्रार्जुन चरित्र हनन किया गया था। उनके मान सम्मान को ठेस पहुंचाकर 15 करोड़ से भी ज्यादा लोगो को अपमानित किया गया। जिसको लेकर पुरे देश से इस विवादित एपिसोड को बंद करने के लिए आवाज उठा और वो आवाज दिल्ली दरबार तक जा पहुंचा। जिसमे सबसे बड़ा योगदान दिल्ली NCR के सहस्त्रार्जुन संघर्ष समिति के संयोजक एडवोकेट शैलेन्द्र जायसवाल और उनके टीम का रहा इन लोगो ने वो हर संभव प्रयास किया जनप्रतिनिधियों से लेकर राज नेता मंत्री संत्री सभी के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया।
इन्ही के समाज दो सांसद और मंत्री ने इनका पूरा-पूरा साथ दिया जिनका नाम है सांसद रमा देवी पीठासीन – सभा पति लोकसभा व चेयरपर्सन -सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता संसदीय समिति लोकसभा और केन्द्रीय मंत्री आयुष मंत्रालय श्रीपद यसो नाईक ने। देश भर के कलचुरी जनो के प्रबल विरोध के कारण आज से विवादित धारावाहिक विष्णु पुराण विवादित एपिसोड संख्या 49 से 62 तक का प्रसारण बन्द कर दिया गया।
इनमे सहस्त्रार्जुन संघर्ष समिति के संयोजक ऐडवोकेट शैलेन्द्र जायसवाल, अध्यक्ष जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा दिल्ली, श्रीमती मीनाक्षी जायसवाल के साथ-साथ विजय भगत पूर्व उपमहापौर, बृजेश गुप्ता, जयप्रकाश जायसवाल, सच्चिदानंद जायसवाल , गोपालजी जायसवाल, लाल जी जायसवाल दुर्गेश जायसवाल, अमित भगत , किसन चौधरी, राजेश के साथ-साथ भारत के प्रमुख संस्था, गुरूदेव महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद देव महराज जी, हरिहर महाराज- मथुरा, दिनेश राय मुनमुन जी, मप्र का सफल प्रयास रहा।
ग्रंथो को तोड़ मरोड़ कर पेश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मुबंई में बैठे लोग हमारे समाज की अच्छी चीजों को गलत दिशा में ले जाते हैं। पहली बार यह समाज आगे आया है इसके लिए सभी को शुक्रिया।