योगी सरकार के सख्त फरमान के बाद गैंगस्टर से पॉलिटिशियन बने मुख्तार अंसारी की बैंड बजाने के लिए पुलिस ने दिन-रात एक कर दिया है। पुलिस लगातार आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय उनके गुर्गो की संपत्ति जब्त करने से लेकर गैंगेस्टर, गुंडा एक्ट, हिस्ट्रीषीट खोलने के साथ धरपकड़ तेज कर दी है। योगी सरकार का कहना है कि सूबे में अपराधियों में भय व आम जन में सुरक्षा का भाव पैदा करना ही उनकी पहली प्राथमिकता है। यही वजह है कि पुलिस लगातार अपराध एवं अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही कराई जा रही है। जो अपराधी लगातार अपराध करने में सक्रिय है, उनकी थानों में सूची तैयार करा कर हिस्ट्रीशीट खोली जा रही है। खासकर उनकी जो शातिर किस्म का आदतन अपराधी है, क्षेत्र में उनके नाम का भय व्यात है, जिनके विरुद्ध आम जन रिपोर्ट कराने से डरते है, जो कमजोर वर्ग व गरीब व्यक्तियों पर अत्याचार करते है, जिनके विरुद्ध गम्भीर प्रकृति के अपराध जैसे हत्या, मारपीट, चोरी के अभियोग दर्ज है।
(सुरेश गांधी)
कानपुर के कुख्यात गैंग्सटर विकास दुबे भले ही एनकाउंटर में मार दिया गया हो लेकिन इस प्रकरण ने यूपी की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसे में विपक्ष के सवालों से घिरी योगी सरकार इस तरह की घटना रोकने के लिए यूपी के तमाम कुख्यात गैंगस्टर्स पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस मुख्यिा को सख्त निर्देष दी है। इस सिलसिले में यूपी पुलिस ने मोस्ट वांटेड लोगों की एक लिस्ट तैयार की है, जिसके तहत एक-एक करके सबके नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुट गई है। इस लिस्ट में मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, खान मुबारक, बबलू श्रीवास्तव समेत कई माफिया हैं जिन पर सरकार की निगाह तिरछी है। पुलिस का कहना है कि विकास दुबे जैसा प्रकरण अब दोबारा न हो इसके लिए सख्त आदेश आ चुके हैं। पुलिस ऐसे माफियाओं को बढ़ने से पहले ही गिरफ्तार कर सजा दिलाने के प्रयास में जुटी है। वहीं जेलों में जो माफिया बंद हैं उनके गुर्गों की तलाश की जा रही है। यूपी के टॉप मोस्ट वांटेड लोगों की लिस्ट तैयार की गई है। इसी सिलसिले में अभी तमाम गिरफ्तारियां की जाएंगी ताकि इन पर शिकंजा कसा जा सके।
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इसमें मुख्तार गैंग पर योगी सरकार ने निर्णायक जंग छेड़ दी है। उनके खिलाफ बड़ा एक्शन लिया जा रहा है। गाजीपुर, आज़मगढ़, मऊ, वाराणसी, जौनपुर, चंदौली और पूर्वांचल के कई जिलों में सक्रिय उनके उनके नेटवर्क को पुलिस खत्म करने में जुट गई है। उनके अवैध वसूली गैंग के 11 सदस्यों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया है। इन्हें जल्द गिरफ्तार करने के आदेश भी दिए गए हैं। फिलहाल, मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी जेल में हैं। लेकिन पुलिस उन्हें एवं उनके गैंग को किसी भी दषा में बख्शने के मूड नहीं है। तीन दिन कार्रवाई में पुलिस ने अब तक मुख्तार की लगभग 50 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। उनके सहयोगी शूटर श्रीप्रकाश मिश्रा की 58 लाख एवं बृजेश सोनकर की 60 लाख की संपत्ति ज़ब्त कर ली गई है। झुन्ना पंडित के घर कुर्की भी की गयी है। झुन्ना पंडित फिलहाल चित्रकूट जेल में बंद है। पंजाब में इसकी गिरफ्तारी हुई थी। इसके अलावा मुख्तार गैंग के 8 लोगों पर गैंग्स्टर एक्ट लगाया गया है। मुख्तार अंसारी के 3 रिश्तेदारों के शस्त्र लाइसेंस रद्द किए गए है। जबकि मुख्तार के करीबी गाजीपुर निवासी नन्हे ख़ां, जौनपुर निवासी रवीन्द्र निषाद व वी नारायण की संपत्ति जब्त करने की तैयारी है।
मुख्तार अंसारी की ’क्राइम कुंडली’
पूर्वांचल का बड़ा माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पर 40 से ज्यादा मुकदमे हैं। इनके उपर पहला केस साल 1988 में हत्या के आरोप में मुकदम दर्ज हुई। इसके बाद गुनाहों का सिलसिला शुरु हुआ तो थमा नहीं। साल 1990 के दशक में माफिया बनकर उभरा और साल 2005 में मऊ में दंगा भड़काने का भी ये आरोपी है। साल 2005 में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की भी हत्या का आरोप है। मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी, इस समय गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। पूर्वांचल के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी अफजाल की अच्छी पकड़ है। 2019 लोकसभा चुनाव में अफजाल ने मनोज सिन्हा को हराया था। मुख्तार का मुख्य पेशा कोयला, रेलवे, शराब का ठेका, गुंडा टैक्स है। कहते है जब पूर्वांचल में 1970 के दौर में कई सरकारी योजनाएं लाईं गईं, तो उनके ठेके हथियाने की होड़ में कई गैंग भी उभरने लगे। उसमें मुख़्तार अंसारी बड़ा नाम है।
पूर्व सांसद और बहुबली अतीक अहमद
प्रयागराज की फूलपुर सीट से पूर्व सांसद और बहुबली अतीक अहमद और उसके करीबियों पर भी सरकार की तिरछी नजर है। अतीक इस वक्त गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। उस पर मर्डर, धोखाधड़ी समेत कुल 109 केस दर्ज हैं। उनके भाई व पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ को पिछले हफ्ते गिरफ्तार करने के बाद उसे प्रयागराज की नैनी जेल से बरेली जेल शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं दोनों के गुर्गों की तलाश में पुलिस की दबिश जारी है। अतीक के पूरे गैंग को पकड़ने की तलाश में पुलिस की टीमें लगी हैं। अशरफ को कौशाम्बी जिले में उसकी ससुराल से गिरफ्तार किया गया है। अशरफ के खिलाफ 33 मुकदमे दर्ज हैं। कई साल से फरार रहने की वजह से अशरफ पर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया था।
सुंदर, अनिल सिंह राज भाटी
पश्चिम यूपी में संगठित अपराध के लिए मशहूर रहे सुंदर भाटी व उसके साथियों की फाइल खोली गई है। हाल ही में नोएडा पुलिस ने भाटी अवैध संपत्तियों को कुर्क किया है। फिलहाल सुंदर भाटी अभी हमीरपुर के जेल में बंद है। उसके खिलाफ लूटपाट, हत्या, अपहरण, वसूली समेत दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। बता दें कि विकास दुबे की तरह ही कई बार मुकदमों में सुंदर भाटी के खिलाफ भी गवाह और सबूत नहीं मिलने के कारण क्लीन चिट दिया जा चुका है। इस बार पुलिस ऐसा मौका नहीं गवाना चाहती इसलिए इसके खिलाफ सारे सबूत ढूंढ़े जा रहे हैं। वहीं फरार चल रहे उसके भतीजे अनिल भाटी के खिलाफ 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया है। एक ट्रांसपोर्टर से रंगदारी मामले के आरोप में वह फरार है। इसके अलावा बीजेपी नेता शिव कुमार की हत्या के मामले में वह जमानत पर चल रहा है। वहीं सुंदर भाटी का भाई सिंह राज भाटी अभी फैजाबाद जेल में बंद है। उस पर भी अपने भाई का अपराध में साथ देने का आरोप है।
पश्चिमी यूपी के अनिल दुजाना की फाइल खोली
पश्चिमी यूपी के एक दूसरे कुख्यात माफिया अनिल दुजाना के खिलाफ भी पुलिस ने फाइल खोली है। उसके गुर्गों की तलाश जारी है। ग्रेटर नोएडा का रहने वाला दुजाना फिलहाल महाराजगंज जिला कारागार में बंद है। उस पर हत्या, डकैती, गैंगस्टर एक्ट, एनएसए समेत 50 मुकदमे दर्ज हैं। वह नोएडा में बिल्डरों से वसूली करने के लिए कुख्यात रहा है। पुलिस उससे जुड़े सभी तारों को जोड़कर उसके साथियों को पकड़ने के प्रयास में जुट गई है। छोटा राजन गैंग से जुड़े रहे खान मुबारक जो कि लखनऊ जेल में बंद है। वहीं माफिया बबलू श्रीवास्तव, पूर्वांचल के माफिया बृजेश सिंह समेत कई अन्य माफियाओं की फाइल खोल ली गई है। इनसे जुड़े गुर्गों की गिरफ्तारी में पुलिस जुट गई है।