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Tuesday, October 21, 2025

गर्भवती महिलाओं का कोरोना काल में मानसिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी

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कोरोना काल में गर्भवती महिलाएं कैसे रखें अपना ख्याल
– डॉ. स्वाति जैन से जानिए सेफ्टी टिप्स

नई दिल्ली/ कंचन लता। कोरोना कॉल डॉक्टर्स, जनता, बुजुर्ग, बच्चे और खासतौर से गर्भवती महिलाएं जिनको साधारण तौर पर भी ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, सभी के लिए एक मुश्किल समय है। गर्भवती महिलाओं के मन में जो उत्साह, बच्चे के होने की खुशी का जो एहसास पहले था, वो कोरोना के नाम से अब डर में बदल गया है। वायरस का डर लाजमी है, लेकिन गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए महिला का मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस संबंध में डॉ. स्वाति जैन (स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ, मैक्स हॉस्पिटल) ने WOMEN EXPRESS से खास बातचीत की और इन्हीं सवालों के जवाब दिए जो हर गर्भवती महिला के मन में आज की स्थिति में आ रहे हैं।

गर्भवती महिलाओं का कोरोना काल में मानसिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरीसवाल- कोरोना काल में अपनी डॉक्टर से रूटीन चेकअप कैसे कराएं?
जवाब- टेलीकंसल्टेशन के जरिए आप अपनी डॉक्टर को अपॉइंटमेंट के बाद रूटीनली दिखा सकती हैं। डॉक्टर्स अब अपने एंटेनेटल पेशेंट्स को पहले से कम विजिट की सलाह दे रहे हैं।अपनी अटोनल पेशेंट को अगर महिला अपने साथ ही बच्चे को रखना चाहती है तो बच्चे और मां के बीच में 6 फीट का डिस्टेंस होना

अगर महिला अपने साथ ही बच्चे को रखना चाहती है तो-
1. बच्चे और मां के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी होनी चाहिए।
2. दूध पिलाने से पहले, फेस मास्क खुद पहनें, बच्चे को मास्क न पहनाएं। हाथों को 20 सेकंड तक साबुन और पानी से धोएं, निप्पल को अच्छे से साफ करें।
3. अगर महिला अपना दूध निकालकर पिलाना चाहती है तो
– स्टेरेलाइज्ड ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करें।
– फेस मास्क और हैंडवॉश का ध्यान रखें।
– जब भी हॉस्पिटल आएं, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
– किसी भी परेशानी में कोरोना से डरकर घर पर ना बैठें, डॉक्टर को विजिट जरूर करें।
– ब्लड टेस्ट होम फैसिलिटी टेस्टिंग द्वारा करवाएं।
-अल्ट्रा साउंड कराने से पहले वहां की स्टैरिलिटी और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में पता कर लें।

सवाल- कोरोना वायरस का गर्भवती महिलाओं पर क्या प्रभाव होता है?
जवाब- कोरोना वायरस का गर्भवती महिलाओं उतना ही प्रभाव होता है जितना कि नॉर्मल जनता पर। कोरोना वायरस एक इंफेक्श है और गर्भवती महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर होती है, इसलिए यह महिलाएं जल्दी इंफेक्टेड हो जाती हैं, पर जितनी भी स्टडीज चल रही हैं, अब तक ये ही सार है कि गर्भवती महिलाएं ज्यादातर इंफेक्शन के बाद रिकवर हो जाती हैं और उन्हीं महिलाओं को ज्यादा रिस्क होता है जिनको बीपी, शुगर, जॉन्डिस या और कॉम्प्लीकेशन पहले से ही हों।

सवाल- कोरोना वायरस का मेरे होने वाले बच्चे पर क्या प्रभाव हो सकता है?
जवाब- कोरोना वायरस अभी नया है और हम अभी इससे सीख ही रहे हैं। जो अभी तक पता चला है वह यह है कि जिन औरतों को ये इंफेक्शन होता है, बच्चों में ये इंफेक्शन जाने की संभावना, जिसको हम वर्टिकल ट्रांसमिशन कहते हैं, पाई जाती है, पर ज्यादातर बच्चे जल्दी रिकलर कर जाते हैं। महिलाओं की समय से पूर्व डिलीवरी होने की संभावना हो सकती है।

सवाल- कोरोना वायरस में गर्भवती महिलाएं क्या स्तनपान करा सकतीं हैं?
जवाब- ये सम्पूर्णत: महिला की च्वॉइस है कि वो स्तनपान कराना चाहती है या नहीं, हम केवल प्रीकॉशन्स बता सकते हैं। अभी तक शोधकर्ताओं से डायरेक्ट स्तनपान द्वारा बच्चे को इंफेक्शन के बारे में कोई क्लैरिटी नहीं है। लेकिन ब्रेस्ट मिल्क बच्चों के लिए बहुत जरूरी होता है, तो प्रीकॉशन्स द्वारा ये बच्चे को दिया जा सकता है।

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