–रेलमंत्री पीयूष गोयल एवं कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने दिखाई हरी झंडी
–पहली ट्रेन महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच शुरू
–महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश होते हुए पहुंचेगी बिहार
–प्रयोग सफल होने के बाद देश के बाकी हिस्सों में चलेगी किसान रेल
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : भारतीय रेलवे ने देश की पहली किसान रेल की शुरुआत आज की। ट्रेन महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर तक 30 अगस्त तक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलेगी। रेलमंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा शुक्रवार को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। जबकि महाराष्ट्र में राज्य के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री छगन भुजबल भी उपस्थित थे। ये ट्रेन मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से हो कर गुजरेगी और करीब 14 स्टेशनों पर रुकेगी। इस ट्रेन की खासियत ये है कि हर स्टेशन पर किसान अपना पार्सल चढ़ा सकेंगे और उतार भी सकेंगे। किसान रेल दूध, फल, सब्जी जैसी जल्दी खराब हो जाने वाली चीजों को बाजार तक पहुंचाने के साथ ही नेशनल कोल्ड सप्लाई चेन को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। ये किसान ट्रेन हर शुक्रवार देवलाली से सुबह 11 बजे चलेगी।
प्रधानमंत्री @NarendraModi जी ने देश की पहली #KisanRail के लिये अपना अमूल्य मार्गदर्शन और सुझाव दिये।
उनकी इस प्रेरणा से रेलवे ने देश के किसानों के हित में अपने दायित्वों को निभाकर, उन्हें पूर्ण करना सुनिश्चित किया। मैं इसके लिये उनका आभारी हूँ। pic.twitter.com/gqh2Zj7DUL
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) August 7, 2020
ये लगभग 1,500 किलोमीटर की यात्रा करीब 32 घंटों में तय करके अगले दिन शाम 6.45 पर दानापुर पहुंचेगी। इस दौरान नासिक रोड, मनमाड, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मानिकपुर, प्रयागराज, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और बक्सर में रुकेगी। स ट्रेन से जाने वाले पार्सल की बुकिंग स्टेशन पर ही की जा सकेगी। इसमें शुरुआत में 10 डिब्बे लगाए गए हैं, बाद में पायलट प्रोजेक्ट से मिली सफलता के आधार पर इसके डिब्बों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। इस ट्रेन का भविष्य भी पायलट प्रोजेक्ट पर टिका हुआ है। यदि ये सफल हुआ तो दूसरे मार्गों पर भी ऐसी और ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। इस परियोजना की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में अपने बजट भाषण में की थी। इस ट्रेन में आगे चलकर कई तरह की चीजें एक राज्य से दूसरे राज्यों में भेजी जा सकेंगी।
इस मौके पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली किसान रेल के लिये अपना अमूल्य मार्गदर्शन और सुझाव दिये। उनकी इस प्रेरणा से रेलवे ने देश के किसानों के हित में अपने दायित्वों को निभाकर उन्हें पूर्ण करना सुनिश्चित किया।
किसान रेल से सस्ती दरों पर कृषि उत्पादों के परिवहन में मदद मिलेगी
वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान रेलवे और किसानों ने देश के कोने कोने में, किसी को भी, किसी भी वस्तु की कमी ना हो, यह सुनिश्चित किया। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान रेल से सस्ती दरों पर कृषि उत्पादों, खासतौर से जल्दी खराब होने वाली उपज के परिवहन में मदद मिलेगी, और यह पहल किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने में सहायक होगी। तोमर ने कहा कि भारतीय रेलवे ने कोविड-19 महामारी के बीच देश भर में खाद्य पदार्थों की आपूॢत सुनिश्चित करने के लिए 96 मार्गों पर 4,610 रेलगाडिय़ों का संचालन किया।
किसान रेल में रेफ्रिजरेटेड कोच लगे होंगे
बता दें कि किसान रेल में रेफ्रिजरेटेड कोच लगे होंगे। इसे रेलवे ने 17 टन की क्षमता के साथ नए डिजाइन के रूप में निर्मित करवाया है। इसे रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बनाया गया है। इस ट्रेन में डिब्बे कंटेनर फ्रीज की तरह होंगे। मतलब यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज होगा, इसमें किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क रख सकेंगे।