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Wednesday, April 30, 2025

किसान रेल से दक्षिण भारत की फल एवं सब्जियां आएगी दिल्ली

(अदिति सिंह)
नई दिल्ली / टीम डिजिटल :  देश की दूसरी और दक्षिण भारत की पहली किसान रेल बुधवार को शुरू हुई। यह ट्रेन दक्षिण मध्य रेलवे के गुंतकल मंडल में पड़ते अनंतपुर (आंध्र प्रदेश) से आदर्श नगर (दिल्ली) के लिए रवाना हुई। आंध्रप्रदेश से दिल्ली तक रास्ते के सभी राज्यों के किसानों को भी इसका लाभ होगा। अनंतपुर में 2 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फल-सब्जियों की खेती की जाती है, किसान रेल चलने से इन किसानों का उत्पाद देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंचेगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने किया शुभारंभ
अब आंध्र से दिल्ली तक कम समय में किसानों के उत्पाद पहुंच जाएंगे। केंद्र सरकार के नए अध्यादेश से किसान उनके उत्पाद वहां बेच सकते है, जहां उन्हें उसकी सही कीमत मिलें। इसका शुभारंभ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल राज्य मंत्री  सुरेश सी. अंगड़ी ने किया।

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से दिल्ली के आदर्श नगर चली ट्रेन
बता दें कि बागवानी में आंध्रप्रदेश का महत्वपूर्ण स्थान है। टमाटर, पपीता, कोको व चिली के उत्पादन में देश में आंध्रप्रदेश का पहला स्थान है। कोविड संकट के चलते ये उपज दिल्ली  तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा था, इसलिए प्रधानमंत्री से निवेदन किया गया था, जिन्होंने किसानों की सुविधा के लिए इसकी व्यवस्था कराई। इसके अलावा आंध्रप्रदेश, दक्षिण भारत का बड़ा फल उत्पादक राज्य भी है। लाकडाउन में 11 विशेष रेलगाड़ी अनंतपुर से मुंबई चलाई गईं ताकि यहां के फल देश के विभिन्न स्थानों तक पहुंच सकें।

किसान अपने उत्पाद अब दिल्ली की मंडियों में बेच सकेंगे

किसान रेल से दक्षिण भारत की फल एवं सब्जियां आएगी दिल्ली

इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान रेल से कृषि की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, इसके माध्यम से आंध्र प्रदेश के मशहूर फल देश में सुगमता से पहुंचेंगे। तोमर ने कहा कि गांव-गरीब-किसान हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता पर रहे हैं। खेती की व्यवस्था में किसानों को मुनाफा हो, उनकी आय दोगुनी हो, इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पीएम हर बजट में प्रयत्न करते रहे हैं, जो सफल भी हो रहे हैं। बजट में किसान रेल व किसान उड़ान की सुविधाओं की घोषणा की गई थी, ताकि फल-सब्जियां कम समय में एक से दूसरे स्थान पर भेजे जा सकें।  रेल राज्य मंत्री अंगड़ी ने कहा कि जहां किसानों को परिवहन की सुविधा नहीं है, वहां किसान रेल प्रारंभ करके उनकी सहायता की जा रही है। किसानों व व्यापारियों से रेलवे लगातार संपर्क में हैं, ताकि उन्हें सुविधाएं मिल सकें। यह गाड़ी दक्षिण भारत के किसानों को उत्तर भारत से जोडऩे का काम करेगी।

आंध्रप्रदेश से दिल्ली तक के किसानों को होगा लाभ
बता दें कि गत 7 अगस्त को देवलाली से दानापुर तक पहली किसान रेल प्रारंभ की गई, जिसकी मांग बढ़ने पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसके फेरे भी बढ़ा दिए हैं। अब दूसरी किसान रेल चलने से आंध्रप्रदेश से दिल्ली तक रास्ते के सभी राज्यों के किसानों को भी इसका लाभ होगा। अनंतपुर में 2 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फल-सब्जियों की खेती की जाती है, किसान रेल चलने से इन किसानों को लाभ होगा। किसान उड़ान का क्रियान्वयन भी किया जाएगा, जिससे बागवानी फसलों के परिवहन में बड़ी सुविधा मिलेगी।

ट्रेन में 322 टन ताजा फल दिल्ली पहुंचेगा

इस ट्रेन में 14 पार्सल वैन हैं और यह ट्रेन 40 घंटे में 2150 किलोमीटर का सफर तय करेगी। ट्रेन में 322 टन ताजा फल दिल्ली पहुंचेगा। ट्रकों के माध्यम से परिवहन की मौजूदा व्यवस्था में, किसानों को फसल के बाद के लगभग 25 प्रतिशत नुकसान से प्रतिवर्ष करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। अब इसे खत्म कर सकते हैं क्योंकि ट्रेन से परिवहन होने पर उत्पाद यथावत रहेगा जिससे उसका अच्छा मूल्य प्राप्त होगा। चंद्रुडू ने कहा, 300 करोड़ रुपये (परिवहन क्षति के कारण) का नुकसान समाप्त करने के अलावा, किसान अपनी उपज की अच्छी कीमत प्राप्त करके प्रतिवर्ष 400 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

आंध्र प्रदेश का फल का कटोरा माना जाता है अनंतपुरमू

अनंतपुरमू में हालांकि वर्षा कम होती है लेकिन इसे आंध्र प्रदेश का फल का कटोरा माना जाता है, जहां बागवानी के अंतर्गत आने वाला फसली क्षेत्र 2.02 लाख हेक्टेयर का है, जिससे विभिन्न फलों और सब्जियों का प्रतिवर्ष 58.39 लाख टन का उत्पादन होता है। राज्य में फल और सब्जियों की खपत केवल छह लाख टन के आसपास है, बाकी देश और विदेश में विपणन किया जाता है। ‘मीठा संतरा, केला, आम, पपीता, अनार और खरबूज हमारी प्रमुख उपज हैं जिनका दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोवा, तमिलनाडु, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात और कर्नाटक में अच्छा बाजार है। टमाटर, अंगूर, अनार, मीठे संतरे और केले का निर्यात बांग्लादेश, नेपाल और पश्चिमी देशों में किया जाता है।

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