नई दिल्ली/ गीतिका : उत्तर प्रदेश के हाथरस में दो हफ्ते पहले गैंगरेप और प्रताड़ना का शिकार बनी 20 साल की निर्भया आज जिंदगी की जंग में हार गई और दिल्ली के एम्स में दम तोड दिया। दरिंदों ने महिला के साथ गैंगरेप के बाद उसे मारा पीटा और वह जुबान ना खोले इसलिए उसकी जीभ काट डाली थी। पीड़िता की हालत बहुत बुरी थी, उसके शरीर में कई जगह फ्रैक्चर आए थे और रीढ की हडिडयां भी टूट गई थी। वारदात के बाद वह एक हफ्ते से ज्यादा बेहोश रही थी। सोमवार को ही हालत खराब होने के बाद निर्भया को एम्स दिल्ली ले जाया गया था। मंगलवार की सुबह लगभग चार बजे उसने दम तोड़ दिया।
हैवानियत का नंगा नाच, महिला को किया अधमरा, शरीर पर कई जख्म, रीढ की हडिडयां भी टूटी
मेडिकल परीक्षण में पता चला था कि युवकों ने गैंगरेप के बाद पीड़िता की रीढ़ की हड्डी को तोड़ डाला था। पुलिस ने छेड़खानी के आरोप में इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। 21 सितंबर को किशोरी के होश में आने के बाद किए गए डॉक्टरी परीक्षण के दौरान मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि हुई। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। पीड़िता ने होश में आने पर यह भी बताया था कि आरोपियों ने उसकी जीभ काट दी थी, जिससे वह लोगों को घटना के बारे में ना बता सके।
घटना के नौ दिन बाद आया था बेटी को होश तो बताई थी आपबीती
इस घटना के बाद देशभर में लोगों के भीतर जबरदस्त आक्रोश है। निर्भया की मां ने भी इस घटना पर अपना बयान दर्ज किया है। निर्भया की मां ने कहा, आज हम एक बार फिर 2012 में पहुंच गए, सुबह हमें खबर मिली कि आज फिर एक बच्ची ने अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठी। बहुत दुख होता है हम बार-बार ऐसी घटनाएं सुनते हैं कि ऐसी बच्चियों के साथ हैवानियत होती है। लेकिन वही सुनने को मिलता है कि मुजरिम पकड़े गए जेल चले गए और फिर दो-चार दिन बाद दूसरा केस हो जाता है। इस घटना पर उन्होंने यह भी कहा, हाथरस की बेटी के साथ जो हादसा हुआ, उसने दम तोड़ दिया। मैं उनके परिवार के साथ हूं, जो चला गया हम उसे वापस तो नहीं ला सकते, लेकिन मैं उनके मां-बाप को विश्वास दिलाती हूं कि जो भी हो पड़ेगा हम उनके साथ हैं। यूपी सरकार और पुलिस से हमारी प्रार्थना है कि इस मामले के मुजरिमों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो, फास्ट ट्रैक कोर्ट में इस केस को लगाया जाए। उन मुजरिमों के जल्द से जल्द फांसी की सजा हो और बच्ची को न्याय मिले।
सोमवार को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज से दिल्ली हुई थी रिफर, मंगलवार को मौत
बताते चले कि पीड़िता गंभीर चोटें लगी थीं और उसका आईसीयू में इलाज चल रहा था। कथित रूप से उसके गांव में लगभग दो हफ्तों पहले चार-पांच लोगों ने मिलकर उसका गैंगरेप किया था और प्रताड़नाएं दी थीं। पीड़िता की हालत बहुत बुरी थी, उसके शरीर में कई जगह फ्रैक्चर आए थे और उसकी जीभ काट दी गई थी। मामले में सभी चार आरोपी जेल में हैं। पीड़िता दलित जाति से थी, वहीं सभी आरोपी कथित रूप से उच्च जाति से संबंध रखते हैं। 20 साल की पीड़िता पर 14 सितंबर को राजधानी दिल्ली से लगभग 200 किमी दूर स्थित हाथरस के एक गांव में हमला किया गया था। आरोपियों ने उसे उसके दुपट्टे से खींचकर खेतों में ले जाया गया था। वो अपने परिवार के साथ घास काट रही थी।
पीड़िता के परिवार का आरोप है कि यूपी पुलिस ने उनकी शिकायत पर पहले कोई एक्शन नहीं लिया, लेकिन मामले पर गुस्सा बढ़ने लगा, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। पीड़िता के भाई ने बताया, मेरी मां, बहन और बड़ा भाई एक खेत में घास काटने गए थे। मेरा भाई घास का बड़ा बंडल लेकर घर चला गया और मेरी मां और बहन घास काटते रहे। दोनों एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर थे, तभी चार-पांच लोग पीछे से आए और मेरी बहन का दुपट्टा उसके गले में डालकर उसे घसीटकर बाजरा के खेतों में ले गए। महिला के भाई ने कहा, मेरी मां को एहसास हुआ कि वह गायब थी और वह उसकी तलाश में गई। मेरी बहन बेहोश पाई गई। उन्होंने उसके साथ बलात्कार किया था। पुलिस ने शुरू में हमारी मदद नहीं की, उन्होंने त्वरित कार्रवाई नहीं की। उन्होंने चार-पांच दिनों के बाद कुछ कार्रवाई की।
योगी सरकार ने की 10 लाख रुपये मदद की घोषणा
इस मामले में यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि जो घटना है वो बेहद दुखद है। मुख्यमंत्री जी भी बहुत दुखी हैं। पूरी सरकार उस परिवार के साथ संवदेना प्रकट कर रही है। लेकिन जब यह घटना हुई तो पीड़िता के भाई जब पुलिस स्टेशन गए तो कार्रवाई तुरंत हुई। चार लोगों को पुलिस ने पकड़ा है। सरकार कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करेगी। सरकार की तरफ से इसे मुआवजा नहीं कहना चाहिए पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की मदद दी जा रही है।
गैंगरेप के खिलाफ भीम आर्मी ने दिल्ली में किया प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप की घटना में पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत के बाद अब राजनीति तेज हो गयी है। भीम आर्मी ने दिल्ली में अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया है। घटना से नाराज चंद्रशेखर आज़ाद और उनके समर्थकों ने सड़क अवरुद्ध कर हत्यारों को फांसी देने की मांग करते हुए जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि हमने एम्स में इलाज की मांग की थी, सफदरजंग में भर्ती करवाया गया। साथ ही उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कल रात में उस लड़की की हत्या कर दी गयी। हम पोस्टमार्टम के लिए पैनल या बोर्ड के गठन की मांग करते हैं। भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि घटना की सीबीआई जांच हो, फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चले पीड़ित परिवार को आवास दें ताकि शहर में रहकर वो न्याय के लिए लड़ सकें। साथ ही उन्होंने एक करोड़ का मुआवजा और एक सरकार नौकरी परिवार को देने की भी मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा कि अपराधी सीएम की जाति से हैं और पीड़िता मेरी जाति से तो इंसाफ़ कैसे मिलेगा? भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि इस घटना पर अबतक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तरफ से एक भी ट्वीट देखने को नहीं मिला है।