पंजाब के अमृतसर से उठकर चंडीगढ़ होते हुए भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने वाले नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुग भाजपा के कद्दावर नेताओं की कतार में शामिल हो गए हैं। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों एवं इस बीच हुए विधानसभा चुनावों में वह पर्दे के पीछे रहते हुए संगठन की मजबूती के लिए काम करते रहे हैँ। उन्होंने पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का वॉर रूम भी बड़ी कुशलता से संभाला और अच्छे नतीजे पार्टी को मिले। उनसे दुनिया के पहले महिलाओं के हिंदी दैनिक वूमेन एक्सप्रेस की प्रधान संपादक खुशबू पाण्डेय ने खास बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश…
प्रश्न : मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है, विपक्षी विरोध कर रहे हैं?
उत्तर : नरेंद्र मोदी जी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में, जो काम किसानों के लिए फैसला किया है, वो केवल ऐतिहासिक ही नहीं, बल्कि आने वाले समय में भारत के भविष्य के लिए एक सार्थक कदम है। ये इस शताब्दी का सबसे बड़ा किसान सुधार रिफोम है, जिससे किसान व किसानी खुशहाल होगी, किसान अपने जीवन को खुद सुधार सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने अपने 6 वर्ष के कार्यकाल में किसान की मिट्टी से लेकर, किसान की मिट्टी की जांच, किसान की मिट्टी को क्या चाहिए, उसकी योजना, लगभग 11 करोड़ खेतों की मिट्टी की जांच की गई है। फसल बेचने की चिंता से मुक्ति दिलाने के लिए, बुआई से पहले फसल के उचित दाम तय करना, जैसे महत्वपूर्ण कदम पिछले कुछ दिनों में उठाए गए हैं, जिसके माध्यम से आज किसान आगे बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर बनाने के लिए, इजराईल की किसानी के बराबर भारत की किसानी को खड़ा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने 9 अगस्त, 2017 को संसद के सदन में यह संकल्प लिया था कि किसानों की आमदन को दोगुना किया जाएगा। इस संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने के लिए दिन-रात प्रधानमंत्री जी काम कर रहे हैं।
प्रश्न : विपक्षी सवाल उठा रहे हैं कि एमएसपी खत्म हो जाएगा?
उत्तर : आपने एमएसपी की बात की है, एमएसपी को ऑटोमेटिक मोड पर लाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में पंजाब की धरती पर खड़े होकर शुरू किया था और स्वामीनाथन रिपोर्ट को किसान के हित में लागू करने का नीतिगत फैसला लिया था। सरकार ने पहले ही कह दिया कि एमएसपी है और आगे भी जारी रहेगा।
प्रश्न : कांग्रेस आरोप लगा रही है कि BJP किसान विरोधी है, कॉरपोरेट घरानों के लिए हैं?
उत्तर : राहुल गांधी जी पार्ट टाइम राजनेता हैं, जिनके लिए सेवा नहीं अपितू साधनों का उपभोग, ऐसो आराम विद सेवन स्टार लाईफ स्टाइल महत्वपूर्ण है। उनको याद दिलाना चाहता हूं कि कांग्रेस शासनकाल में जब उनकी माताजी सोनिया गांधी देश की सरकार को कठपुतली की तरह चलाती थी, तब 2009 और 2010 का कृषि मंत्रालय का कुल बजट 12 हजार करोड़ रुपए होता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में आज कृषि मंत्रालय का बजट 1 लाख 34 हजार करोड़ रुपए का है। ये नरेंद्र मोदी जी की सरकार की किसानों के प्रति वचनबद्धता है और उनके किए हुए कार्य आज बोल रहे हैं। जिनके पास कुछ कहने को नहीं है, वो ऐसी छोटी, ओछी राजनीति कर देश का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। देश की जनता उनका असली सच जानती है।
प्रश्न : मोदी सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ा है, ऐसा राहुल गांधी आरोप लगाते हैं?
उत्तर : मैं राहुल गांधी जी से पूछना चाहता हूं कि आपके पिता राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्री काल में भाषण में कहा था कि मैं 100 रुपए दिल्ली से भेजता हूं और किसानों के पास 14 रुपए पहुंचते हैं। ये उनके समय में भ्रष्टाचार की हालत थी, जबकि आज 192 हजार करोड़ रुपए सीधे किसान के डीबीटी के माध्यम से पहुंच चुके हैं।
प्रश्न : किसानों की जिंदगी खुशहाल बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की क्या योजना है?
उत्तर : मोदी सरकार ने किसानों के समुह को बढ़ाने के लिए, किसानों की क्रय-विक्रय शक्ति एवं बारगेनिंग की शक्ति को बढ़ाने के लिए 10 हजार नए एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा है। उसके लिए 1850 करोड़ रुपए का सपोर्ट उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से देने की योजना बनाई है। किसान समृद्ध हो उसके लिए आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत एक लाख करोड़ रुपए का पैकेज, किसान खुशहाल हो उसके लिए, फार्मर इंस्फ्रास्ट्रक्चर के लिए, किसान आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए, एक लाख करोड़ रुपए का पैकेज रखा गया है। फिशरी के लिए 20 हजार करोड़ रुपए, पशुपालन के लिए 15 हजार करोड़ रुपए, हरबल खेती के लिए 4 हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं, जबकि कांग्रेस के शासन में इन मदों में कोई काम ही नहीं हुआ था।
प्रश्न : स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट ना लागू करने का आरोप लग रहा है ?
उत्तर:: मेरे कांग्रेस के मित्र कैप्टन अमरेंदर सिंह व सो कॉल्ड कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार राहुल गांधी जी झूठ, फरेब और षड्यंत्र की राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस की सरकार 10 साल तक सत्ता में रही, इन्होंने स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को अपने पांव के नीचे दबा कर रखा। हमारी सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी जी ने 2018 को पंजाब के मलौट में खड़े होकर किसानों के मध्य घोषणा की थी। स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को मानने का नीतिगत फैसला भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है। अब खरीद ऑटोमेटिक मोड पर होगी और एमएसपी का रेट ऑटोमेटिक मोड पर होगा। राहुल गांधी जी आपको जवाब देना होगा कि आपने 10 साल तक व उससे पीछे भी लगभग 40 साल के शासन में किसानों व किसानी की चिंता क्यों नहीं की?
प्रश्न : राहुल गांधी ने कहा था कि अगर केंद्र में हमारी सरकार आई तो किसान बिलों को फाड़ देंगे ?
उत्तर : राहुल गांधी जी पंजाब के अंदर केवल सैर-सपाटे के लिए गए थे। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उनकी ही सरकार, उनकी ही पार्टी ने 9 जनवरी, 2017 को पंजाब का घोषण पत्र जारी किया था, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी उपस्थित थे और उसमें कांग्रेस ने 90 हजार करोड़ रुपए किसानी कर्ज को माफ करने की तथा प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषण की थी। अब कांग्रेस की सरकार को आए 4 साल बीत चुके हैं, अभी तक वो वादा वफा नहीं हुआ है, पर 400 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं। आप अगर पंजाब में सचमुच किसानों के लिए कुछ करने आए थे, तो उन आत्महत्या किए हुए किसानों की विधवाओं के घरों का दरवाजा तो खटखटाया होता। पर बड़े दुख की बात है कि राहुल गांधी जी और कैप्टन अमरेंद्र सिंह जी के पास उनकी सरकार की वादा-खिलाफी के कारण आत्महत्या किए 400 से ज्यादा किसानों को सुनने के लिए समय नहीं है। यही नहीं, कुछ दिनों पहले नकली, जहरीली कांग्रेस द्वारा स्थापित माफिया द्वारा बेची गई शराब के कारण मारे गए 124 के करीब दलित भाईयों की मौत पर राहुल गांधी ने एक ट्विट तक नहीं किया था। यह राहुल गांधी और कैप्टन अमरेंदर सिंह का दोहरा चेहरा दर्शाता है।
प्रश्न : अकाली दल शुरू से इस बिल का समर्थन करता रहा है। अचानक संसद में विरोध करने लगे ?
उत्तर : दुर्भाग्य है कि जिन्होंने हमारे साथ बैठकर किसान रिफोम का इतना बड़ा बिल कैबिनेट में पास किया, आज वो इसका विरोध कर रहे हैं। सुखबीर सिंह कह रहे हैं कि मुझे पिछले 6 वर्षों में सरकार के क्या निर्णय हुए, उसकी जानकारी नहीं है, हम से पूछा नहीं गया। सुखबीर सिंह जी 26 मई, 2014 के बाद नरेंद्र मोदी की सरकार का हर निर्णय कैबिनेट में हुआ है और हर कैबिनेट में आपकी पत्नी श्रीमती हरसिमरत कौर बादल उपस्थित रही हैं। अब अगर आपकी श्रीमती आपको सरकार के निर्णयों के बारे में नहीं बताती तो इसके लिए भाजपा जिम्मेदार नहीं है, यह एक पति और पत्नी के मध्य का विषय है।
प्रश्न : अकाली दल आरोप लगा रहा है भाजपा किसान विरोधी और लोकतंत्र विरोधी है?
उत्तर : सुखबीर सिंह को याद दिलाना चाहूंगा कि 26 मई, 2014 को जब मोदी सरकार बनी थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकाली दल से सरकार में मंत्री बनाने के लिए एक प्रतिनिधि मांगा था। उस समय सदन में किसान नेता सुखदेव सिंह ढींडसा, बलविंदर सिंह भुदंड, किसान नेता जत्थेदार प्रेम सिंह चंदुमाजरा व किसान नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा भी सांसद थे, पर तथाकथित किसानों की सबसे बड़ी पार्टी के नेता सुखबीर सिंह बादल ने किसी किसान नेता को प्रतिनिधि भेजने की बजाए कॉरपोरेट घराने की बेटी श्रीमती हरसिमरत कौर बादल मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए भेजा। बाद में वह केंद्रीय मंत्री बनी। यह तो देश और उनकी पार्टी खुद देख रही है कि कौन किसान विरोधी है।
प्रश्न : पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी अलग लड़ेगी या गठजोड़ होगा ?
उत्तर : भारतीय जनता पार्टी किसानों की पार्टी है। किसानों, गरीबों, वंचितों की पार्टी है। भाजपा ने 1992 तक अकेले चुनाव लड़ा था और 1992 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 64 को सीटें लडऩे पर 16.08 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। अब हम 117 सीटों पर लडऩे जा रहे हैं, ये वोट प्रतिशत लगभग 30 प्रतिशत बनता है। अब हमारे पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा विश्व स्तरीय, निर्णय लेने वाला, गरीबों, वंचितों व किसानों के लिए लड़ाई लडऩे वाला नेता है। निश्चित रूप से भाजपा 117 सीटें लड़ेगी। साथ ही पंजाब, पंजाबीयत और पंजाबी भाईचारे की रक्षा करने वाला, वंचितों, गरीबों, किसानों व युवाओं के लिए काम करने वाली, महाराज रणजीत सिंह की शासन व्यवस्था को आदर्श मानकर चलने वाली, पंजाबी की भाजपा की पहली सरकार फरवरी 2022 में बनने जा रही है।
प्रश्न : पंजाब में 2022 के चुनाव में भाजपा का मुकाबला किस पार्टी के साथ होगा?
उत्तर : 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस के मध्य मुकाबला होगा, बाकी सब पार्टियां पिछड़ चुकी हैं। 3-4 नंबर की लड़ाई लड़ रही हैं। जनता बदलाव चाहती है। भाजपा शासन व्यवस्था में बदलाव, गरीब, वंचित और किसानों को मध्य में रखकर योजनाएं बनाएंगी, जिसके अंदर पंजाब के सभी उपभोक्ता को 5 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी और नश्ेां के हैंडलर को नहीं, हम नशों के किंगप्रिंस को जेल की सलाखों के पीछे भेजेंगे। अमन, शान व कानून-व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
प्रश्न : अकाली दल से बागी होकर नई पार्टी बनाने वालों से भाजपा गठबंधन कर सकती है?
उत्तर : 2017 में जिस अकाली दल के साथ मिलकर हमने चुनाव लड़ा था, उसमें से दो अकाली दल पहले ही निकल चुके हैं। इसमें से एक है सरदार रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा की पाटी और दूसरा सरदार सुखदेव सिंह ढींडसा की पार्टी। भाजपा अपने बल पर, जनता के आशीर्वाद से सरकार बनाएगी, जो पंजाब के लोगों की इच्छाओं को पूर्ण करेगी।
प्रश्न : क्या नवजोत सिंह सिद्धू भाजपा में शामिल हो रहे हैं?
उत्तर : भाजपा में बहुत लोग शामिल होना चाहते हैं। सत्ताधारी पार्टी के मुखिया के दांये-बांये वाले भी और मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखने वाले नेताओं के दांये-बांये वाले भी भाजपा में शामिल होना चाहते हैं। समय आने दीजिए उनके नाम के खुलासे भी करेंगे और उनको शामिल करके पंजाब की राजनीति को एक नई दिशा भी देंगे। भाजपा की नीति और नियत एक है, सबका साथ, सबका विकास। बाकी रही बात नवजोत सिंह सिद्धू की तो आप उनसे ही पुछिए उनकी योजना क्या है? उनकी श्रीमती हर 15 दिन बाद एक बयान जारी कर देती हैं कि वह भाजपा में जाना चाहती हैं। बाकी कांग्रेस में तो उनके मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री या प्रदेश अध्यक्ष बनने की शहनाईयां बज रही हैं, आप उनके कांग्रेस छोडऩे की बात कर रहे हैं।
प्रश्न : एसजीपीसी में 2016 से चुनाव टल रहा था, क्या भाजपा धार्मिक सियासत में दखल देगी ?
उत्तर : ये बात ठीक है कि पिछले 10 वर्षों से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) का चुनाव नहीं हुआ। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी का इन चुनावों के साथ कोई लेना देना नहीं है। न भाजपा गुरूद्वारों के प्रबंधन का चुनाव लड़ती है, ना ही किसी की सपोर्ट करती है। ये पूरी तरह से गुरूद्वारों के प्रबंध एवं उनकी कमेटी के चुनाव हैं। भाजपा शामिल नहीं होगी।
प्रश्न : पंजाब के CM कहते हैं कि उनकी सरकार नरेंद्र मोदी के बिलों को अपनी विधानसभा में रोकेंगे?
उत्तर : किसानों से प्रतिवर्ष लगभग 35 सौ करोड़ रूपए टैक्स में रूप में उगाने वाले कैप्टन अमरेंदर सिंह जी अगर इस सदी का सबसे बड़ा वादा खिलाफी का अवार्ड होगा तो, वो उनको मिलना चाहिए, जिन्होंने अपने मेनिफेस्टो में एपीएमसी एक्ट में बदलाव की बात कही थी, सरकार बनते ही वह मुकर गए। अब जब केंद्र की मोदी सरकार कृषि बिलों में कुछ बदलाव कर दिया तो इसका विरोध कर रहे हैं। पंजाब सरकार एवं खुद कैप्टन चाहते ही नहीं हैं कि गरीब किसानों का भला हो, यही कारण है कि वह विरोध करवा रहे हैं।
प्रश्न : राहुल गांधी ने सिक्खों के साथ इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ अच्छे संबंध होने की बात कही थी ?
उत्तर : राहुल गांधी जी, जिस गांधी वंश ने 1984 के सिख कत्लोगारत को संरक्षण दिया, संचालित किया, इसमें शामिल कातिल नेताओं को महिमामंडित किया, पाला, पोशा, संरक्षण दिया, श्री हरिमंदिर साहिब पर टैंक चढ़ा दिए, उनके मुख से ऐसे शब्द अच्छे नहीं लगते। उनके मुंह से इतना बड़ा झूठ अच्छा नहीं लगता। 1984 के सिख कत्लोगारत की एफआईआर की फाइलें 30 वर्षों तक टू-कोर्ट नहीं हो पाईं। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी जी ने एसआईटी बनाई। जिसकी बदौलत आज सज्जन कुमार जेल में है, लेकिन आज भी वो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। 1984 सिख दंगों पर बड़बोले बयान देने वाले, जगदीश टाइटलर भी आज कांग्रेस के नेता के रूप में शोभनीय हैं। जिस व्यक्ति पर गुरूद्वारों को जलाने के बारे में, चश्मदीद गवाह द्वारा अदालत में बयान दिया हो, उस कमलनाथ को सुशोभित व महिमामंडित करके मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जाता है और वो भी आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। क्या राहुल गांधी जी ये सच नहीं है कि जिन्होंने सिखों के गलों में टायर डाले, उनको जिंदा जलाया, गुरूद्वारे जला दिए, चुन चुन कर सिखों की दुकाने लुटी गई, जलाई गई, सिखों के शिक्षण संस्थान जला दिए गए। ऐसे लोगों को कांग्रेस 30 वर्ष तक अपने आंचल में छिपा कर पालती रही, महिमामंडित करती रही, पद प्रतिष्ठा करती रही।