—जागो पार्टी और सरना दल के बीच होगा गठबंधन
–बिहार समझौते की तर्ज पर दिल्ली में भी गठबंधन करने की तैयारी
–सांसद सुखदेव ढींढसा की अगुवाई में दो दिनों से दिल्ली में चल रही है मैराथन बैठक
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के आम चुनाव इस बार कुछ अलग होंगे। सत्ताधारी दल शिरोमणि अकाली दल (बादल) को हटाने के लिए अकाली विरोधी सभी पार्टियां एकजुट होने जा रही है। इसके लिए सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा सेतु का काम कर रहे हैं। ढींढसा की अगुवाई में मंजीत सिंह जीके की अगुवाई वाली पार्टी जागो और परमजीत सिंह सरना की अगुवाई वाली पार्टी शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के बीच गठबंधन होगा। इसको लेकर पिछले दो दिनों में दिल्ली में हाईलेवल बैठकें हो रही हैं।
पंत मार्ग स्थित राज्यसभा सांसद एवं शिरोमणि अकाली दल डेमोके्रटिक के अध्यक्ष सुखदेव सिंह ढींढसा के सरकारी आवास पर दोनों दलों की शनिवार को भी बैठक हुई है। बहुत सारे मुद्दों पर दोनों दल एकमत लगभग हो चुके हैं। मुख्य तौर पर यही दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन होगा। बाद में श्री अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार भाई रंजीत सिंह की पार्टी अकाल सहाय वेलफेयर सोसायटी और तिलकनगर के आप विधायक जरनैल सिंह के कुछ समर्थकों केा सीटें देने का फैसला जागो और शिअद दिल्ली के समझौते के बाद हो सकता है। दोनों पार्टियों की तरफ से वरिष्ठ नेता आगामी रणनीति पर विचार कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो दोनों पार्टियों पर गठबंधन के लिए भारी दबाव भी है। दिल्ली के तमाम बुद्विजीवी सिख, संत समाज, तथा सुखदेव सिंह ढींढसा खुद चाहते हैं कि दोनों में गठबंधन हो जाए। ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली कमेटी से बादल दल की विदाई होने के बाद ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के चुनाव व पंजाब विधानसभा चुनाव में ढींढसा की नई पार्टी को पैर जमाने का मौका मिल सकता है।
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इसके अलावा दिल्ली कमेटी से बादल पार्टी को कमजोर होने का इंतजार, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भाजपा तीनों को है। क्योंकि तीनों को अकाली दल के कमजोर होने से ही पंजाब में मजबूती से खड़े होने का मौका मिल सकता है। पंजाब में भाजपा ने पहले ही ऐलान कर चुकी है कि वह सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी।
सूत्रों के मुताबिक जागो और सरना दल में गठबंधन होने के बाद दोनों दलों में आगे कमेटी को चलाने के लिए न्यूनतम सांझा कार्यक्रम भी बन सकता है, जिससे पंथक मुददों पर विचार धारा का टकराव ना होने पाए। उम्मीद है कि इस सप्ताह गठबंधन पर फैसला हो जाएगा।
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बता दें कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के कुल 46 वार्ड हैं, जिनपर संगत मतदान के द्वारा अपने वार्ड का प्रतिनिधि चुनती है। अगर जागो और सरना दल का गठबंधन हो जाता है तो कहीं न कहीं बादल विरोधी वोट के छिटकने का खतरा भी खत्म हो जाएका। हालांकि बादल दल भी अपनी जमीन मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोक दी है। पार्टी दिलली कमेटी के द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को लेकर संगत के बीच पहुंचना भी शुरू कर दिया है। इसलिए इस बार का आम चुनाव बेहद खास होने वाला है।