नयी दिल्ली/ अदिति सिंह : सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई वाली शिरोमणि अकाली दल (बादल) को दिल्ली में बड़ा झटका लगा है। इसके साथ ही पार्टी टूट की कगार पर पहुंच गई है। पार्टी के दिल्ली ईकाई के प्रदेश अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने सोमवार की शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कालका का इस्तीफा उस वक्त हुआ है जब उनकी पार्टी पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए संघर्ष कर रही है। सुखबीर सिंह बादल को भेजे अपने इस्तीफे में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का ठीक तरीके से संचालन करने की वजह बताई है। कालका के पार्टी अध्यक्ष पद छोडऩे के बाद दिल्ली की सिख सियासत तेज हो गई है और पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया है। पंजाब में विधानसभा चुनाव में उतरी पार्टी के योद्वा एक-एक करके पार्टी छोड़ रहे हैं। वर्तमान में अकाली दल के पास न तो महिला अध्यक्ष है और ना ही पुरूष अध्यक्ष। महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष बीबी रंजीत कौर ने दो दिन पहले ही इस्तीफा देते हुए पार्टी छोड़ दी थी।
– दिल्ली में टूट की कगार पर पहुंची सुखबीर बादल की पार्टी अकाली दल
-शिरोमणि अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष रहे हरमीत सिंह कालका
-दो दिन पहले महिला विंग की अध्यक्ष ने छोड़ी थी पार्टी, मचा हड़कंप
-पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ रही है पार्टी, दिल्ली में योद्वा छोड़ रहे हैं साथ
अगस्त 2021 में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव जीतने वाली शिरोमणि अकाली दल (बादल) से बड़े नेताओं का पलायन लगातार जारी है। पहले पूर्व कमेटी अध्यक्ष मनजिदर ङ्क्षसह सिरसा ने पार्टी छोड़ी, उसके बाद स्त्री अकाली दल की प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कौर, एसओ वाई के प्रदेश अध्यक्ष गगन सिंह छियासी और अब मौजूदा दिल्ली कमेटी अध्यक्ष तथा दिल्ली ईकाई के प्रदेश हरमीत सिंह कालका ने पार्टी के प्रदश्ेा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर ङ्क्षसह बादल को भेजे इस्तीफे में हरमीत सिंह कालका ने कहा कि पंथ और देश की चढदीकला के लिए शिरोमणि अकाली दल पार्टी हमेशा सबसे आगे होकर सेवा निभाती रही है। कालका ने कहा कि आपने मुझ़े अकाली दल दिल्ली ईकाई के अध्यक्ष के तौर पर सेवा देकर मान बक्शा है। इसके लिए तहेदिल से धन्यवादी हूं। उन्होंने यह सेवा पूरी तनदेही और पार्टी के प्रति वफादारी निभाते हुए निभाई है। दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रंबधक कमेटी के चुनावों में अकाली दल दिल्ली ईकाई को संगतों से बहुत प्रेम मिला है और दिल्ली की संगातें ने दिल्ली कमेटी के मुख्य सेवादार के तौर पर सेवा सौंपी है। इसलिए उनका फर्ज बनता है कि इस सेवा को राजनीति से उपर उठकर सभी सदस्यों को अपने साथ लेकर निभांऊ। यही वजह है कि वह अकाली दल की दिल्ली ईकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं, ताकि दिल्ली की संगातों को निष्पक्ष सेवा कर सकूं।
दिल्ली में नई धार्मिक पार्टी का गठन : सूत्र
शिरोमणि अकाली दल का अध्यक्ष पद छोडऩे वाले हरमीत सिंह कालका ने बाकी सदस्यों के साथ मिलकर एक नई पार्टी सोसायटी एक्ट के तहत पंजीकृत करा ली है। सूत्रों का दावा है कि उस पार्टी का नाम शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली स्टेट) बताया जा रहा है। कालका की पत्नी मनप्रीत कौर कालका मौजूदा समय में भाजपा से निगम पार्षद हैं। इसके अलावा कमेटी के कई मौजूदा सदस्य चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं, इसलिए हो सकता है कि नई पार्टी के झंडे तले कालका दिल्ली निगम चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी या दिल्ली की सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन कर सकते हैं। यह पंजाब में चुनाव लड़ रही अकाली दल के लिए बड़ा झटका है।
सियासी हनीमून खत्म भी नहीं हुआ, होने लगा तलाक : सरना
शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के प्रधान महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका के अकाली दल बादल के प्रदेश अध्यक्ष पद को छोडऩे के ऐलान पर चुटकी ली है। सााथ ही दावा किया कि ये तो होना ही था। सरना ने कहा कि नई नवेली कमेटी के पदाधिकारियों का सियासी हनीमून अभी खत्म भी नहीं हुआ कि ‘तलाक भी होने शुरू हो गए। सरना ने कहा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में गुंडागर्दी करके अध्यक्ष पद काबिज करने वाले कालका ने आज अपने उस पद को त्याग दिया, जिस पद और पार्टी की बैनर के जरिये संगत के बीच जाकर वोट मांगा था। उन्हें जनरल हाउस वाले दिन ही अंदेशा हो गया था कि यह कमेटी ज्यादा दिन सकुशल चलने वाली नहीं है। कमेटी का संचालन कहीं और से हो रहा है। कालका पुलिस के दम पर अध्यक्ष तो बन गए, लेकिन उन्होंने अपनी मां पार्टी का नाम एक बार भी नहीं लिया। ऐसा लगता है कि वह किसी के दबाव में अकाली दल बादल का नाम लेने से बचते रहे और आज उसी पार्टी के अध्यक्ष पद को छोडऩे का ऐलान कर दिया।