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Thursday, May 1, 2025

अकाली दल ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, हस्तक्षेप की गुहार

–किसानों के मुददे पर देश की अंतरआत्मा की आवाज बनने के लिए कहा
–बिल बिना मंजूरी संसद को वापस भेजने पर दिया जोर
–शिरोमणी अकाली दल किसानों के साथ डटकर खड़ा : सुखबीर बादल

नई दिल्ली /टीम डिजिटल : संसद द्वारा पाए किए गए किसान बिलों को लेकर शिरोमणी अकाली दल ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। इस मौके पर अकाली दल ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा और किसानों के मुद्दे पर देश की अंतरआत्मा की आवाज बनने के लिए कहा। साथ ही बिलों को बिना मंजूरी संसद को वापस भेजने पर जोर दिया। इन बिलों से किसान और अन्य श्रम से संबधित व्यापार तथा मजदूरों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। अकाली दल ने राष्ट्रपति से कहा कि वे देश के किसानों के बचाव में आगे आए, क्योंकि उनकी देश को जरूरत है। पार्टी अध्यक्ष एवं सांसद सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में गए प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वे देश के रक्षक तथा संविधान के संरक्षण के रूप में कार्य करें तथा किसान तथा खेत मजदूरों, दलितों के बचाव के लिए आगे आएं।
मुलाकात के बाद राष्ट्रपति भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए बादल ने कहा कि पार्टी ने किसानों के विचारों को उच्चतम स्तर तक पहुंचाया है। पार्टी की कोर कमेटी की मीटिंग जल्द होगी तथा न्याय के लिए संघर्ष करने के लिए अगली कार्रवाई के लिए फैसला शीघ्र लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अकाली दल किसानों के साथ है। सुखबीर बादल ने दावा किया कि अकाली दल एक किसान पार्टी है और उनके 95 फीसदी सदस्य किसान हैं।
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि किसानों की भावनाओं की अनदेखी करना सामाजिक सदभावना और शांति को बिगाडऩे का कारण बन सकती है। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि पार्टी ने राष्ट्रपति से लाखों, करोड़ों परेशान किसान, खेत मजदूरों, आढतियों और दलितों की भावनाओं को ख्याल का प्रतिनिधित्व करें तथा संबधित विधेयकों पर पुनर्विचार करने के लिए वापिस संसद में भेजें। शिरोमणी अकाली दल द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में राष्ट्रपति से यह भी कहा गया है कि वे समाज तथा सामाजिक तौर पर आर्थिक तौर पर कुचले वर्गों के हकों के लिए प्रभावशाली तथा डटकर खडे हों। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने हमेशा हमारी तरफ देखा है तथा हम उनके अधिकारों की आवाज बनें।

शिरोमणी अकाली दल  दलितों और शोषित वर्ग के साथ  खड़ा

राष्ट्रपति से गुहार लगाई कि ऐसी घड़ी आती है जब किसी को राष्ट्र के लिए या तो मर मिटने या फिर शोषित हो जाने की घड़ी आती है। यही घड़ी हमपर है। शिरोमणी अकाली दल बेहिचक होकर दलितों और शोषित वर्ग के साथ डटकर खड़ा है । इसमें कहा गया है कि लगभग एक सदी से शिरोमणी अकाली दल ने पूरी भावना से प्रभावी ढ़ंग से किसान, खेत मजदूर, दलित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए खड़ा रहा है। पंजाब के किसान हमेशा अपनी आवाज उठाने के लिए हमारी तरफ ही देखते हैं।

आम राय बनाने की समय रिवायतों की अनदेखी

ज्ञापन में कहा कि कैसे सत्ताधारी पार्टी ने संसद में अपने बहुमत का उपयोग करके महत्वपूर्ण मसलों पर विपक्ष तथा सहयोगियों को विश्वास में लेने तथा राष्ट्रीय आम राय बनाने की समय रिवायतों की अनदेखी की है। इससे हमारी लोकतांत्रिकर रवायतों पर काली परछाई पड़ी है, इससे संसद लोकतंत्र के मूल्यों तथा तरीकों को दरकिनार किया गया है। यह लोकतंत्र के लिए बेहद मंदभागा दिन था।
राष्ट्रपति को यह याद दिलया गया कि शिरोमणी अकाली दल की पंथक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष तथा बलिदान की विरासत है। इस विरासत से हम गरीबों के खिलाफ अन्याय हमारे गुरु साहिबान द्वारा सिखाएं गए मूल्यों में से सर्वोपरि है तथा शिरोमणी अकाली दल ने इस विरासत को संभाल कर रखा है तथा भविष्य में भी यही विरासत जारी रहेगी।
इस अवसर पर सांसद नरेश गुजराल भी मौजूद रहे।

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