नई दिल्ली /टीम डिजिटल : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने दावा किया कि तकनीकी रूप से वह ही प्रधान हैं, और अगले 20 जनवरी तक वह ही तकनीकी रूप से अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक मेरे ही साइन चल रहे हैं। अब ये लोग अपनी मर्जी से चाहे किसी को कुछ भी बना दे। उन्होंने कहा कि वह तो पहले ही साफ कर चुके हैं कि मुझे दिल्ली कमेटी की न तो सदस्य बनना है और न ही अध्यक्ष। कमेटी के सदस्यों के आग्रह पर उन्होंने इस्तीफा वापस लिया है ताकि कार्य सुचारू रूप से चल सके जो कि बंद हो गया था। सिरसा ने आरोप लगाया कि आज कमेटी के महासचिव हरमीत कालका ने माहौल बनाने के लिए सभी लोग एवं सभी दल मिलकर एकजुट हो गए हैं। कालका आम आदमी पार्टी के नुमाइंदे को कमेटी में पदभार दिला रहे हैं। लेकिन वह पार्टी लाइन से उपर उठकर कमेटी, पंथ की रक्षा के लिए प्रतिबध हैं।
-दूसरे धड़े के द्वारा बुलाई गई बैठक को किया खारिज, 20 जनवरी तक संभालेंगे काम
-अंतरिम कमेटी के पास किसी भी अधिकारी को हटाने का अधिकार नहीं
– हरमीत सिंह कालका की तरफ से गई मीटिंग गैर कानूनी : काहलों
कमेटी के लीगल सेल के चेयरमैन जगदीप सिंह काहलों ने दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशक की ओर से प्राप्त हुए एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि कमेटी की अंतरिम कार्यकारी समिति को किसी पदाधिकारी को हटाने या नियुकत करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि मौजूदा अंतरिम समिति का कार्यकाल 29 सितम्बर तक ही था। काहलों ने दावा किया कि उन्होंने और अंतरिम कार्यकारी समिति के तीन सदस्यों एमपी सिंह चड्ढा, कुलदीप सिंह साहनी और परमजीत सिंह चंडोक ने समिति की ओर से गुरुद्वारा चुनाव निदेशक से मनजिंदर सिंह सिरसा के इस्तीफे की स्थिति को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था। उनके अनुसार निदेशक ने यह स्पष्ट किया है कि वर्तमान अंतरिम कार्यकारी समिति का कार्यकाल 29 सितम्बर तक ही था और इसका कार्यकाल बढ़ाने संबंधी फाइल उपराज्यपाल के पास विचाराधीन है। उन्होंने यह भी दावा किया कि गुरुद्वारा चुनाव निदेशक ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब मौजूदा अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था। ऐसे में कार्यकाल पूरा कर चुकी अंतरिम कार्यकारी समिति द्वारा इसे स्वीकार किए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। काहलों ने दावा किया कि कानूनी रूप से मनजिंदर सिरसा ही गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के इस समय अध्यक्ष हैं और 20 जनवरी को या इसके बाद नई कमेटी के गठन तक इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। उन्होंने जानकारी दी कि कमेटी के महाप्रबंधक धरमिंदर सिंह ने अंतरिम कार्यकारी समिति के सदस्यों को एक पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि गुरुद्वारा चुनाव निदेशक से प्राप्त पत्र के मद्देनजर शनिवार को हरमीत सिंह कालका की अध्यक्षता में हुई अंतरिम कार्यकारी समिति की बैठक को अयोग्य करार दिया गया है। काहलों ने बताया कि आज जब कान्फ्रेंस हाल में सरदार हरमीत सिंह कालका को यह बताया गया कि डायरैक्टर गुरुद्वारा चुनाव द्वारा यह हिदायत प्राप्त हुई है कि अंतरिम कमेटी के पास अधिकारी के इस्तीफे बारे फ़ैसला लेने का अधिकार नहीं है तो सरदार हरमीत सिंह कालका कान्फ्रेंस हाल में मीटिंग में से उठ कर चले गए। काहलों ने दावा किया कि आज जो मीटिंग बुलाई गई थी वह पूरी तरह गैर कानूनी है।
उन्होंने बताया कि निदेशक ने स्पष्ट किया है कि जब मौजूदा प्रधान सरदार मनजिन्दर सिंह सिरसा ने अपना इस्तीफा वापिस ले लिया है तो इसको अंतरिम कमेटी की तरफ से मंजूर करने का सवाल ही नहीं उठता। यह भी स्पष्ट किया है कि अंतरिम कमेटी के पास कोई भी फैसला लेने का अधिकार नहीं है क्योंकि इसका कार्यकाल खत्म हो चुका है। निदेशक ने स्पष्ट किया कि किसी भी अधिकारी को हटाने का अधिकार सिर्फकमेटी के जनरल हाऊस के पास है और किसी को भी हटाने के लिए कमेटी के जनरल हाऊस की तरफ से तीन चौथाई बहुमत के साथ संकल्प पास किया जाना जरूरी है।