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Saturday, September 13, 2025

भारत के वस्त्र उद्योग ने वैश्विक अस्थिरता और कुछ साझेदारों के भारी शुल्कों के बावजूद मजबूती का प्रदर्शन किया: गिरिराज सिंह

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नई दिल्ली, 10 सितंबर (WomenExpress)। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत का कपड़ा क्षेत्र 2030 तक 100 अरब डॉलर के निर्यात के साथ 250 अरब डॉलर का घरेलू बाजार बनने का लक्ष्य रखता है। ये बात उन्होंने वस्त्र एवं परिधान मूल्य श्रृंखला के एमएसएमई कपड़ा निर्यातकों के साथ एक परामर्श बैठक में कही।

कपड़ा क्षेत्र भारत की ताकत और संस्कृति का प्रतीक

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि भारत का कपड़ा उद्योग हमारी आर्थिक मजबूती और सांस्कृतिक विरासत का सबसे शानदार प्रतीक है। ये क्षेत्र जीडीपी में करीब 2 प्रतिशत का योगदान देता है और वैश्विक व्यापार में 4.1 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है। इससे भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक बन जाता है।

भारतीय वस्त्र 220 से ज्यादा देशों और 520 से ज्यादा जिलों में निर्यात होते हैं। ये आत्मनिर्भर भारत के विजन और स्वदेशी की भावना को मजबूती देते हैं। यानी, हमारा कपड़ा बिजनेस न सिर्फ पैसे कमाता है, बल्कि हमारी जड़ों को भी जोड़ता है।

प्रमुख देशों में निर्यात में शानदार बढ़ोतरी

मंत्री जी ने कपड़ा निर्यात वृद्धि के बारे में अच्छी खबर दी। पहली तिमाही में जापान में 17.9 प्रतिशत, यूनाइटेड किंगडम में 7.39 प्रतिशत, यूएई में 9.62 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया में 1.74 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वैश्विक अस्थिरता और कुछ देशों के भारी टैक्स के बावजूद, हमारा भारतीय कपड़ा उद्योग ने दम दिखाया।

जुलाई 2025 में निर्यात 5.37 प्रतिशत बढ़कर 3.10 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। अप्रैल-जुलाई 2025 में कुल निर्यात 12.18 बिलियन डॉलर पहुंच गया, जो पिछले साल से 3.87 प्रतिशत ज्यादा है। रेडीमेड गारमेंट्स में 7.87 प्रतिशत, कालीन में 3.57 प्रतिशत और जूट उत्पादों में 15.78 प्रतिशत की ग्रोथ हुई। हस्तशिल्प और एमएमएफ कपड़े का प्रदर्शन स्थिर रहा।

मुक्त व्यापार समझौते से बड़ा बाजार हासिल करने का मौका

गिरिराज सिंह ने जोर देकर कहा कि ये सकारात्मक ट्रेंड्स बताते हैं कि 590 बिलियन डॉलर के वैश्विक कपड़ा बाजार में भारत की बड़ी हिस्सेदारी संभव है। खासकर प्रमुख फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTA) वाले देशों में। उन्होंने पीएम मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के कॉल पर आधारित रणनीति पर जोर दिया। यानी, 40 वैश्विक बाजारों में डाइवर्सिफिकेशन और घरेलू डिमांड बढ़ाने की जरूरत है। ताकि हमारा बिजनेस और मजबूत बने।

जीएसटी परिषद की बैठक से कपड़ा क्षेत्र को फायदा

केंद्रीय मंत्री ने 56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग के अहम रिजल्ट्स पर बात की। उन्होंने कहा कि ये सुधार कमियों को दूर करेंगे, कॉस्ट घटाएंगे, डिमांड बढ़ाएंगे और निर्यात प्रतिस्पर्धा को मजबूत करेंगे। इससे भारत का कपड़ा निर्यात 2030 का लक्ष्य आसानी से हासिल हो सकेगा।

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