नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय: केंद्रीय चुनाव आयोग (Central Election Commission) ने बुधवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों को शांतिपूर्ण व प्रलोभन-मुक्त लोकसभा चुनाव सुनिश्चित करने और पिछले अनुभवों के आधार पर सांप्रदायिक तनावों से निपटने के लिए ऐहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया। आयोग ने कहा कि मणिपुर में हाल में हुई हिंसा व उथल-पुथल और शांतिपूर्ण चुनाव के आयोजन पर इसके प्रभावों पर भी चर्चा की गई। साथ ही आयोग ने आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों की सहायता के लिए त्वरित कार्रवाई करने और चुनावी प्रक्रिया में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
—लोकसभा चुनाव : चुनाव आयोग ने कानून-व्यवस्था, सुरक्षा की समीक्षा की
—सांप्रदायिक तनावों से निपटने के लिए ऐहतियाती कदम उठाने का निर्देश
—सभी राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों की बैठक
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि यह सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक बैठक है जो हर पांच साल में चुनाव के दौरान होती है। कुमार ने अधिकारियों से कहा कि निर्वाचन आयोग बिल्कुल बेदाग चुनाव कराना चाहता है। आयोग ने पड़ोसी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के बीच समन्वय और सहयोग के लिए सभी संबंधित हितधारकों को एक मंच पर लाने के लिए बैठक बुलाई थी। आयोग ने कहा कि जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई, उनमें केंद्रीय बलों की तैनाती, सुरक्षा कर्मियों की आवाजाही और सीमावर्ती क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्थानों की पहचान व निगरानी शामिल हैं, जिनका चुनाव प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ सकता है। केंद्रीय बलों, तटरक्षक बल के शीर्ष अधिकारियों, राज्यों के मुख्य सचिवों और रक्षा मंत्रालय और रेलवे के प्रतिनिधियों ने ‘हाइब्रिड’ बैठक में भाग लिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) Rajiv Kumar की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने भी भाग लिया। कुमार ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आयोग की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और इसके लिए सभी हितधारकों से मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने राज्य और केंद्र के अधिकारियों को इस को‘संकल्प’को ठोस‘कारर्वाई’में बदलने का आह्वान किया। बैठक में इन चुनावों के दौरान पड़ोसी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया गया। आयोग की ओर से राज्यों को कहा गया है कि वे चुनाव ड्यूटी के लिए उपलब्ध कराए गए केंद्रीय बलों की समुचित ढंग से तैनाती करें। आयोग ने सीमावर्ती राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों की आवाजाही और परिवहन के लिए साजो-सामान संबंधी सहायता, सीमावर्ती क्षेत्रों में उन फ़्लैशपॉइंटों की पहचान और निगरानी करने के भी निर्देश दिए है जो चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। एजेंसियों को पिछले अनुभवों के आधार पर सांप्रदायिक तनाव को दूर करने के लिए निवारक उपाय, और खुली सीमाओं पर अवैध गतिविधियों के खिलाफ चौकसी, आयोग ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार नशीले पदार्थों, शराब, हथियारों और विस्फोटकों सहित प्रतिबंधित वस्तुओं की आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी निगरानी के महत्व को रेखांकित किया।
सीमाओं पर शराब और नकदी की आवाजाही पर दें ध्यान
कुछ राज्यों में अवैध गांजा की खेती पर अंकुश लगाने, सीमाओं पर शराब और नकदी की आवाजाही के लिए निकास और प्रवेश बिंदुओं की पहचान करने का निर्देश दिया गया। आयोग ने अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र जैसे 11 राज्यों के चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में मतदान टीमों को पहुंचाने के लिए भारतीय वायु सेना और राज्य नागरिक उड्डयन विभाग से समर्थन की समीक्षा की। विशेष रूप से छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में खतरे की आशंका के आधार पर राजनीतिक पदाधिकारियों और उम्मीदवारों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के निर्देश दिए गए।
मतदान के दिन अंतरराज्यीय सीमा सील करने का निर्देश
मुख्य चुनाव आयुक्त ने अधिकारियों को सामान्य निर्देश के तहत अंतररष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमाओं पर एकीकृत जांच चौकियाँ स्थापित करने सीमावर्ती जिलों के बीच अपराधियों और असामाजिक तत्वों पर खुफिया जानकारी साझा करने, फर्जी मतदान रोकने के लिए अंतरराज्यीय सीमाओं को पहले से सील करने, अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में गश्त तेज करने, मतदान के दिन अंतरराज्यीय सीमा सील करने, सीमावर्ती राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के आबकारी आयुक्तों द्वारा परमिट की वास्तविकता की जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
शराब की दुकानों की औचक जांच,भगोड़ों, हिस्ट्रीशीटरों पर नजर
विशेष रूप से सीमावर्ती जिलों में शराब की दुकानों की औचक जांच, लाइसेंसी हथियारों को समय पर जमा करने और गैर-जमानती वारंट का निष्पादन कराने, भगोड़ों, हिस्ट्रीशीटरों, चुनाव संबंधी अपराधों में संलिप्त अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही करने, खतरे की आशंका के आधार पर राजनीतिक पदाधिकारियों/उम्मीदवारों को पर्याप्त सुरक्षा कवर देने, चुनाव खर्च की निगरानी, अंतरराज्यीय और अंतररष्ट्रीय सीमाओं पर अवैध शराब, नकदी, नशीली दवाओं के प्रवाह को रोकने, सीसीटीवी कैमरे लगाकर चेकपोस्टों पर निगरानी मजबूत करने और पुलिस, आबकारी, परिवहन, जीएसटी एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त चेकिंग एवं अभियान हेलीपैड, हवाई अड्डों, बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों पर कड़ी निगरानी करने के भी निर्देश दिए गए हैं।