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Saturday, July 27, 2024

CM योगी का फैसला, 500 करोड़ से UP की सड़कों को मिलेगा इंटरनेशनल लुक

लखनऊ/ अदिति सिंह। उत्तर प्रदेश में बढ़ते नगरीकरण के कारण सड़कों पर आए अतिरिक्त वाहनों के बोझ को कम करने तथा आवागमन में सुगमता बनाए रखने के लिए योगी सरकार ने एक अभिनव पहल की है। योगी कैबिनेट (yogi cabinet) ने मंगलवार को प्रदेश के सभी शहरों की सड़कों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए 500 करोड़ रुपए की मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) यानी‘सीएम ग्रिड्स योजना’को मंजूरी दे दी है। इससे शहरों की सभी सड़कों को सुरक्षित, टिकाऊ और समावेशी बनाया जाएगा तथा ये सड़कें हरियाली और पर्यावरण के अनुकूल होंगी। ये महत्वाकांक्षी योजना प्रथम चरण में 17 नगर निगमों में सड़क निर्माण संबंधी कार्य होगा तथा 10-45 मीटर के बीच की सभी सड़कों को अत्याधुनिक सड़क के रूप में विकसित किया जाएगा। दूसरे चरण में 200 नगरपालिका और 545 नगर पंचायतों की सड़कों को शामिल किया जाएगा।

—शहरों की सभी सड़कों को सुरक्षित, टिकाऊ और समावेशी बनाने को दी मंजूरी
—प्रथम चरण में 17 नगर निगमों में सड़क निर्माण संबंधी कार्यों की होगी शुरुआत
—10-45 मीटर के बीच की सभी सड़कों को दिया जाएगा अत्याधुनिक रूप
—दूसरे चरण में 200 नगरपालिकाओं और 545 नगर पंचायतों की सड़कों में किया जाएगा शामिल
—यूरिडा करेगा सड़क के विकास, वित्त पोषण और कार्यों की निगरानी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मंगलवार को 21 प्रस्तावों में से 19 प्रस्तावों को मंजूर किया गया। इसमें से नगर विकास विभाग के 03 प्रस्तावों को भी मंजूरी मिली है। इसमें सबसे प्रमुख प्रस्ताव मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) यानी सीएम ग्रिड योजना भी है। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद लोक भवन के मीडिया सेंटर में इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की सभी शहरों की सड़कों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए 500 करोड़ रुपए की मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (Chief Minister Green Road Infrastructure Development Scheme), ‘सीएम ग्रिड्स योजना’मंजूर की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार निकायों की सड़कों के विकास, वित्त पोषण और कार्यों की निगरानी के लिए अर्बन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एजेंसी (यूरिडा) की स्थापना करेगी। यूरिडा के कार्यों की मॉनीटरिंग के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इसके कार्यों की भी निगरानी की जाएगी। इस योजना के तहत किसी भी निकाय को प्रतिवर्ष अधिकतम 100 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा। 10 प्रतिशत अंश का व्यय निकाय स्वयं अपनी निधि से उठाएगा। इस योजना के आने से नगरीय सड़कें सुरक्षित रहेंगी, वायु गुणवत्ता और लोगों के स्वास्थ्य में सुधार होगा।

नगर विकास मंत्री ने बताया कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में स्थित सांस्कृतिक, पौराणिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं सुशोभन के लिए ‘वंदन योजना’को कैबिनेट की मंजूरी मिली है और इस योजना के तहत 50 करोड़ रुपए का प्राविधान भी किया गया है। मुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री ने इसमें और अधिक धनराशि बढ़ाने का आश्वासन दिया है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी कमेटी ऐसे स्थलों का चयन करेगी। इस योजना के तहत ऐसे स्थलों पर संपर्क मार्ग, विश्राम स्थल, शेड, पेयजल की व्यवस्था, लाइटिंग, पेन्टिंग, इन्टरलाकिंग, परिक्रमा पथ, घाटों का निर्माण आदि कार्यों को पर्यटन विभाग से समन्वय कर कराया जाएगा।

62 की जगह 65 वर्ष की उम्र में रिटायर होंगे चिकित्साधिकारी

योगी कैबिनेट ने प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के अंतर्गत कार्यरत लेवल 1, लेवल 2, लेवल 3, लेवल 4 तक के चिकित्साधिकारियों की सेवानिवृत आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। लेकिन यह निर्णय प्रशासनिक स्तर पर आसीन वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियो पर लागू नहीं होगा। संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Finance Minister Suresh Khanna) ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर आसीन वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी 62 वर्ष में ही सेवनिवृत होंगे। उदाहरण के तौर पर जिला कुष्ठ रोग अधिकारी, जिला क्षय रोग अधिकारी, प्रधानाचार्य ट्रेनिंग सेंटर, महानिदेशक आदि 62 वर्ष के ही आयु मे सेवनिवृत होंगे।

बड़ी दुर्घटनाओं की जांच करेगी कमेटी

योगी सरकार बड़ी रोड दुर्घटनाओं की जांच अब कमेटी द्वारा कराएगी। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि इसको लेकर भी कैबिनेट का अनुमोदन प्राप्त हो गया है। ऐसी दुर्घटनाएं जिनमे 3 या इससे अधिक लोगों की मृत्यु होगी उसकी जांच सरकार एक विशेष कमेटी द्वारा कराएगी। इस कमेटी में परिवहन विभाग, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग के सदस्य होंगे। साथ ही रोड सेफ्टी के समाजसेवी भी शामिल होंगे। इससे क्लेम मिलने मे सहायता मिलेगी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता मे यह कमेटी गठित की जाएगी। परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता मे राज्य स्तर पर भी कमेटी गठित होगी। इसके अलावा उन्होंने बताया कि बस अड्डों को आधुनिक एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली। पहले चरण मे लखनऊ समेत 5 बस अड्डे इस परियोजना मे आएंगे। लखनऊ (विभूतिखण्ड गोमतीनगर), आगरा (फोर्ट), प्रयागराज (सिविल लाइंस), गाज़ियाबाद (कौशाम्बी) समेत 5 बस अड्डो का शिलान्यास नवरात्र मे मुख्यमंत्री कर सकते हैं। साथ ही 18 और बस अड्डो को भी इसमें मंजूरी दी गई है जिनके  लिए टेंडर जल्द जारी होंगे।

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