29.1 C
New Delhi
Saturday, July 27, 2024

दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के 125 बेड के कोविड अस्पताल को लेकर टकराव !

-कमेटी 13 अगस्त को हर हाल में अस्पताल शुरू करने को तैयार
–कमेटी ने पांचों तख्तों के जत्थदारों से लगाई गुहार, दें दखल
–अदालत में है मामला, 11 अगस्त को होगी सुनवाई, बढ़ सकता है विवाद
–चुनाव के बीच अस्पताल शुरू करने को लेकर विपक्ष ने उठाए हैं सवाल

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से बाला साहिब अस्पताल परिसर में बनाए जा रहे 125 बेड के कोविड अस्पताल को लेकर टकराव कि स्थिति बन गई है। अस्पताल को चुनावी प्रक्रिया के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन करने का हवाला देते हुए विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है तो कमेटी प्रबंधन ने हर हाल में 13 अगस्त को ही अस्पताल शुरू करने का ऐलान कर दिया है। हालांकि, मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट की तारीख 11 अगस्त को मुकर्रर की गई है। इन सबके बीच दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा ने अपनी तैयारियां तेज करते हुए पांचों तख्तों के जत्थेदार साहिब से दखल देने की गुहार लगाई है। इसके साथ ही दिल्ली की सिंह सभाओं, सिख जत्थेबंदियों व दिल्ली की संगत से अपील की है कि कोरोना अस्पताल की राह में रोडा बने पूर्व कमेटी अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना को समझाएं और अस्पताल को शुरू होने दें।
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए मनजिंदर सिरसा ने कहा कि यह 125 बेड का अस्पताल कौम की जायदाद है जो मानवता के बचाव के लिए बनाई गई है। 12 वर्षों के अपने कार्यकाल के दौरान परमजीत सिंह सरना और 6 वर्ष के कार्यकाल के दौरान मनजीत सिंह जी.के ने इस अस्पताल के निर्माण के लिए कोई ध्यान नहीं दिया। अब जबकि वर्तमान कमेटी यह सपना पूरा कर रही है तेा विरोधी दल रोड़ा अटका रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब संगत द्वारा दिये जाने वाले दसवंद व कौम के सरमाये में से 14 करोड़ रुपये देकर इस अस्पताल को वापिस लाया और इसका निर्माण पंथ रतन बाबा हरबंस सिंह के वरोसाये हुए बाबा बचन सिंह कार सेवा वालों ने अपने हाथों से किया है। इस अस्पताल की शुरुआत कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए बहुत जरूरी है और कमेटी 13 अगस्त को अरदास के पश्चात इसकी शुरुआत करेंगे, जिसके लिए उन्होंने पूरी संगत को निमंत्रण दिया है।

अस्पताल को रुकवाना चाहते हैं सरना 

सिरसा ने कहा कि यह अस्पताल भारत का एकमात्र अस्पताल है, जिसके लिए विदेश की सरकारों ने भी यह कह कर योगदान डाला कि दिल्ली कमेटी मानवता की सेवा कर रही है। फ्रांस की सरकार ने ढाई करोड़ रुपये का ऑक्सीजन प्लांट भेजा, ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने 3 लाख डॉलर भेजे, अमरीका की सरकार ने वेंटिलेटर भेजे, वहीं इंग्लैंड सहित दुनिया के अन्य मुल्कों की सरकारों ने इसके लिए योगदान डाला और प्रवासी पंजाबियों ने बहुत बढ़-चढ़ कर योगदान दिया। उन्होंने कहा कि सरना अदालत में केस डाल कर इस अस्पताल को रुकवाना चाहते हैं पर वह उन लोगों से पूछें जिन्हें कोरोना संकट में अस्पतालों में बेड नहीं मिला और उनके परिवारों पर क्या बीती।

समूची मानवता के लिए है अस्पताल बनाया

सिरसा ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए ही यह अस्पताल बनाया है जो सिर्फ दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के सदस्यों के लिए नहीं बल्कि समूची मानवता के लिए है। हमने रिकार्ड समय में यह अस्पताल तैयार किया है। इससे पहले 400 बेड वाला गुरु तेग बहादुर कोरोना केयर सेंटर भी लोगों के लिए रिकार्ड समय में तैयार किया था।
उन्होंने कहा कि परमजीत सिंह सरना केवल वोटों को देखते हुए ऐसे काम कर रहे हैं पर वह सरना को अपील करते हैं कि कौम पहले है वोट बाद में इसलिए वह कौम का नुकसान ना करें।

कोरोना आचार संहिता को पूछ कर नहीं आया : सिरसा 

पत्रकारों द्वारा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होने की बात पूछने पर सिरसा ने कहा कि कोरोना आचार संहिता को पूछ कर नहीं आया। जब अप्रैल में चुनाव टाले गये थे तो केवल कोरोना के कारण ही टली थीं। हमनें भी कोरोना से बचाव के लिए ही अस्पताल बनाया है। उधर, विपक्षी दलों का कहना है कि वह अस्पताल बनने का विरोध नहीं कर रहे हैँ बल्कि चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के बाद बनाए जा रहे अस्पताल का कर रहे हैं। यह सरासर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।

latest news

Related Articles

epaper

Latest Articles