नयी दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला आरक्षण कानून लागू होने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि सरकार नारीशक्ति का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए हर स्तर पर काम कर रही है। राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा एवं राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुर्मू ने महिला आरक्षण कानून का उल्लेख करते हुए कहा, तीन दशक बाद, नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करने के लिए मैं आपकी सराहना करती हूं। इससे लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित हुई है।
—नारीशक्ति का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए हर स्तर पर काम कर रही
उन्होंने कहा कि यह महिला नीत विकास के सरकार के संकल्प को मजबूत करता है और सरकार ने ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ (सुधार, कार्य प्रदर्शन और बदलाव) की अपनी प्रतिबद्धता को बनाये रखा है। राष्ट्रपति ने कहा, सरकार मानती है कि विकसित भारत की भव्य इमारत 4 मज़बूत स्तंभों पर खड़ी होगी। ये स्तंभ हैं – युवाशक्ति, नारीशक्ति, किसान और गरीब। देश के हर हिस्से, हर समाज में इन सभी की स्थिति और सपने एक जैसे ही हैं। इसलिए इन 4 स्तंभों को सशक्त करने के लिए मेरी सरकार निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल में देशभर में 10 करोड़ उज्ज्वला गैस कनेक्शन पूरे हुए हैं और इसके माध्यम से लाभार्थी बहनों को बहुत सस्ती गैस भी दी जा रही है। मुर्मू ने कहा कि इस पर भी सरकार द्वारा ढाई लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा, नारीशक्ति का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए सरकार हर स्तर पर काम कर रही है। इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड भी नारीशक्ति के लिए समर्पित थी। इस परेड में दुनिया ने हमारी बेटियों के सामर्थ्य की झलक देखी। मेरी सरकार ने जल, थल, नभ और अंतरिक्ष, हर तरफ बेटियों की भूमिका का विस्तार किया है। उन्होंने कहा, सरकार ने महिलाओं को पहली बार सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन दिया है। पहली बार सैनिक स्कूलों और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिला कैडेट्स को प्रवेश दिया गया है। आज महिलाएं लड़ाकू विमानों की पायलट भी हैं और नौसेना के जहाज को भी पहली बार कमांड कर रही हैं। मुर्मू ने कहा, हम सब जानते हैं कि महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता के क्या मायने हैं। मेरी सरकार ने महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। आज लगभग 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ चुकी हैं। इन समूहों को 8 लाख करोड़ रुपए बैंक लोन और 40 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार 2 करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना के तहत, समूहों को 15 हजार ड्रोन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के तहत जो 46 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए गए हैं। उनमें करीब 31 करोड़ से ज्यादा ऋण महिलाओं को मिले हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना से लाभ लेकर करोड़ों महिलाओं ने स्वरोजगार शुरु किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने से देश की लाखों महिलाओं को बहुत मदद मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की वजह से आज देश में शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव हो रहे हैं और इस कारण मातृ मृत्यु दर में भी भारी गिरावट आई है। मुर्मू ने पिछले साल राजधानी में दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन का उल्लेख करते हुए कहा, ऐसे बंटे हुए माहौल में भी एकमत से दिल्ली घोषणापत्र जारी होना ऐतिहासिक है। महिला नीत विकास से लेकर पर्यावरण के मुद्दों तक भारत का दृष्टिकोण, दिल्ली घोषणापत्र की नींव बना है।
श्रीमती मुर्मू ने संसद के बजट सत्र के शुरू होने पर यहां नये संसद भवन में लोकसभा के सदन में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि तीन दशक बाद, नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करने से लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि यह वीमेन लेड डेवलपमेंट के सरकार के संकल्प को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत की भव्य इमारत मज़बूत स्तंभों युवाशक्ति, नारीशक्ति, किसान और गरीब पर खड़ी होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड भी नारीशक्ति के लिए समर्पित थी और दुनिया ने हमारी बेटियों के सामर्थ्य की झलक देखी। सरकार ने जल, थल, नभ और अंतरिक्ष, हर तरफ बेटियों की भूमिका का विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।