38.6 C
New Delhi
Monday, June 2, 2025

सम्पूर्ण मानवता के मसीहा और प्यार की मूरत बाबा हरदेव सिंह जी

बाबा हरदेव सिंह जी प्यार की मूरत थे। समस्त मानव कल्याण के लिए समर्पित और शांति से भरे विश्व की परिकल्पना को साकार करने वाले निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी ने मानव मात्र को जीवन भर केवल प्रेम और शांति का पाठ पढ़ाया और संपूर्ण मानव जाति को जागरूकता प्रदान करते हुए कहा कि इस निरंकार की जानकारी प्राप्त करके ही विश्व में आदर्श समाज की स्थापना की जा सकती है। अपने जीवन के अंतिम स्वास तक बाबा जी इसी पवित्र उद्देश्य की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयासशील रहे। ‘खून नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहना चाहिए’, ‘धर्म जोड़ता है, तोड़ता नहीं’, ‘नफरत वैर की दीवारें तोड़कर पुल बनाइए प्यार के’, ‘एक को जानो, एक को मानो, एक हो जाओ’, ‘कुछ भी बनो मुबारक है, लेकिन पहले इंसान बनो’, प्यार, प्रीत, नम्रता, सहनशीलता , ब्रह्मज्ञान आदि का संदेश देने वाले बाबा हरदेव सिंह जी निरंकारी मिशन के मुखी थे। इनका जन्म 23 फरवरी 1954 को दिल्ली में पिता गुरुबरचन सिंह (बाबा जी) और माता कुलवंत कौर के गर्भ से हुआ। आप चार बहनों के एकलौते भाई थे।

आप जी की शादी नवंबर 1975 में माता सविंदर कौर जी के साथ हुई जिन्होंने आप जी के ब्रह्मलीन होने के उपरांत दो वर्षों तक मिशन की बागडोर सतगुरु रूप में संभाली और भक्तों को स्नेह प्रदान किया। आप के घर तीन सुपुत्रियां समता, रेणुका और सुदिक्षा जी (निरंकारी मिशन के मौजूदा सतगुरु माता जी) ने जन्म लिया। आपने अपनी प्राथमिक शिक्षा राजौरी पब्लिक स्कूल दिल्ली में प्राप्त की। उसके उपरांत सेकेंडरी शिक्षा के लिए आपको 1963 में यादविंदरा पब्लिक स्कूल पटियाला (पंजाब) में दाखिल करवाया गया जहाँ से 1969 में आपने मैट्रिक पास की। उच्च शिक्षा आपने दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। बचपन से ही आप जी ने अपने पिता सतगुरु बाबा गुरुबरचन सिंह जी और राज माता कुलवंत कौर जी के साथ देश विदेश में आध्यात्मिक यात्राएं करनी शुरू कर दी थीं। 1971 में आप संत निरंकारी सेवादल में भर्ती हो गए और खाकी वर्दी पहनकर सेवा में रुचि लेने लगे।

जवानों को अच्छे कामों के लिए प्रेरित करने के लिए आपने 24 अप्रैल 1986 को रक्तदान कैंप की शुरुआत की और मानवता को मानवता के करीब लाने का एक नारा दिया ‘खून नालियों में नहीं, नसों में बहना चाहिए’। निरंकारी मिशन द्वारा रक्तदान का विश्व रिकॉर्ड इतिहास में दर्ज है। आपजी द्वारा शुरू की गई रक्तदान कैंपों की श्रृंखला के तहत संत निरंकारी मिशन ने अब तक 8644 रक्तदान कैंप लगाकर 14,05,177 यूनिट रक्तदान कर चुके हैं और यह श्रृंखला लगातार जारी है। आपने 36 साल मिशन का नेतृत्व किया। आप प्रेम के मसीहा थे।

आप जी द्वारा समाज कल्याण के लिए की गईं अनथक सेवाओं को कभी भूला नहीं जा सकता। इसके अलावा आज जब ‘ग्लोबल वार्मिंग’ (धरती का बढ़ता तापमान) का खतरा जो पूरे देश पर मंडरा रहा है, तब ऐसी घातक परिस्थिति में उस समस्या को दूर करने के लिए आप जी ने पूरे भारत और विश्व में अपने सेवादारों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत मुहिम में भी भरपूर योगदान दिया। जब भी कभी किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं, भूकंप, सुनामी, बाढ़ आदि आईं, तब वहां भी आप जी के सेवादारों ने मानवता की भलाई के लिए दिन रात एक कर दिया। बाबा हरदेव सिंह जी ने जातियों-पातियों को खत्म करने, नशे से दूर रहने की प्रेरणा, दहेज और समाज की जितनी भी कुरीतियां थीं, उन्हें अपने उपदेशों के जरिए मानव जीवन से निकालने का उपाय किया।

आप जी को 27 यूरोपीय देशों की संसद ने उच्च तौर पर इंग्लैंड में सम्मानित किया और आप जी को विशेष तौर पर संयुक्त राष्ट्र (यू.एन.ओ) का मुख्य सलाहकार भी बनाया गया। इसके अलावा आप जी को विश्व शांति स्थापित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया गया।
13 मई 2016 को बाबा हरदेव सिंह जी के ब्रह्मलीन होने के बाद माता सविंदर हरदेव जी निरंकारी मिशन के पांचवे सतगुरु बने और मिशन की सेवाओं में अपना भरपूर योगदान दिया। माता सविंदर हरदेव जी ने अपनी पहली विचार में ही बाबा हरदेव सिंह जी को प्यार का मुजस्मा कहकर संबोधित किया। अब वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज निरंकारी मिशन के छठे सतगुरु के तौर पर सेवाएँ निभा रहे हैं और निरंकारी मिशन को बुलंदियों पर ले जा रहे हैं।

लेखक: अनिल निरंकारी

latest news

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Latest Articles