नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : केंद्रीय चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। हिमाचल में 12 नवम्बर को मतदान होगा और 26 दिन बाद यानी 8 दिसंबर को चुनाव का रिजल्ट निकलेगा। उम्मीद है कि इस बीच गुजरात विधानसभा के भी चुनाव के लिए मतदान होंगे, इसलिए आयोग ने मतगणना में लम्बा गैप रखा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार को विज्ञान भवन में चुनावी बिगुल फूंका। उनके मुताबिक 68 विधानसभा सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में सिंगल फेज में मतदान होगा। मतदान शांतिपूर्ण हो इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। हिमाचल में कुल 55,07261 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। इसमें 27,80,208 पुरुष मतदाता हैं, जबकि 27,270,16 महिला मतदाता पंजीकृत हैं। इसके अलावा 1,22,087 मतदाता 80 वर्ष से अधिक उम्र हैं। इसी प्रकार 67532 सर्विस वोटर हैं। खास बात यह है कि 1,86, 681 मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। उसमें ज्यादातर यूथ की उम्र (18 से 19 वर्ष) है।
-12 नवम्बर को होगा मतदान, 26 दिन बाद 8 दिसम्बर में आएगा रिजल्ट
-हिमाचल में सिंगल फेज में होगा चुनाव, 186681 यूथ पहली बार डालेंगे वोट
-सोशल मीडिया, फेक न्यूज, अफवाहों पर रहेगी कड़ी नजर, होगी कार्रवाई
-हिमाचल प्रदेश में 8 जनवरी 2023 को कार्यकाल खत्म हो रहा
-356 पोलिंग स्टेशन अधिक बनाए, कुल 7881 पर होगा मतदान
-बुजुर्गों, दिव्यांग, कोरोना पीड़ित मतदाताओं को पोस्टल बैलेट की सुविधा
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में नोटिफिकेशन 17 अक्टूबर को जारी होगी। 25 अक्टूबर तक प्रत्याशी नामांकन करा सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 27 अक्टूबर को होगी। 29 अक्टूबर तक प्रत्याशी अपनी दावेदारी वापस ले सकते हैं। 12 नवंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को नतीजे घोषित होंगे। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 8 जनवरी 2023 को कार्यकाल खत्म हो रहा है। पिछली बार नौ नवंबर 2017 को वोटिंग हुई थी और 18 दिसंबर 2017 को नतीजे आए थे।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं को पोस्टल बैलेट की सुविधा दी जाएगी। निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी। वोट की गोपनीयता से समझौता किए बिना प्रक्रिया की जाएगी। घर से मतदान करें इसके लिए उन्हें पहले से सूचित किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अक्टूबर त्योहारों का महीना है और इसमें लोकतंत्र का त्योहार भी जुडऩे जा रहा है। चुनाव आयोग ने पिछले कई महीनों से तैयारी की है। कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर भी तैयारी की गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने मीडिया को भी तथ्यों की परख के बाद पब्लिश करने की सलाह देते हुए कहा कि फेक न्यूज से दूर रहें। हालांकि चुनावों के दौरान सोशल मीडिया पर चलने वाली फर्जी एवं फेक खबरों पर नजर रखी जाएगी। इसके अलावा अफवाह फैलाने वालों पर भी निगरानी होगी। चुनाव आयोग की टीम चौबीस घंटे काम करेगी। चुनाव आयुक्त के मुताबिक प्रत्येक प्रत्याशी को अपने ऊपर लगे आपराधिक मामलों की जानकारी सार्वजनिक तौर पर जारी करनी होगी। ये जानकारी कम से कम तीन बार प्रकाशित करनी होगी। कम से कम दो राष्ट्रीय अखबार और चैनल में इसकी सूचना प्रकाशित करवानी होगी। प्रत्याशी के बारे में सारी सूचना चुनाव आयोग अपने वेबसाइट पर भी जारी करेगा।
चुनाव की समय सारणी
नोटिफिकेशन -17 अक्टूबर को
नामांकन की अवधि- 25 अक्टूबर
नामांकन पत्रों की जांच -27 अक्टूबर
नाम वापसी की तिथि 29 अक्टूबर
मतदान एक चरण में –12 नवंबर को
मतगणना —–8 दिसम्बर 2022
वोटिंग बढ़ाने के लिए जागरूकता
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक मतदाता सूची का पब्लिकेशन हो चुका है। नए मतदाता जोड़े गए हैं। त्रुटियों को दूर किया गया है। शहरों में वोटिंग बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया है। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव का भी उदाहरण दिया कि मेट्रो शहरों में मतदान कम हुआ था। सभी विधानसभा क्षेत्रों में उन क्षेत्रों में मतदान बढ़ाने की कोशिश की जा रही है, जहां पहले मतदान कम होता रहा है। चुनाव आयुक्त ने कहा कि यदि किसी के पास वोटर कार्ड नहीं है तो भी दूसरे अन्य दस्तावेजों के सहारे वोट डाल सकते हैं।
एक मतदान केंद्र 100 प्रतिशत महिलाओं का होगा
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक हर बूथ पर एक रैंप की व्यवस्था होगी। पीने की पानी की व्यवस्था होगी। हर बूथ ग्राउंड फ्लोर पर होगा। मतदाताओं को अधिकतम सुविधा देने की कोशिश होगी। कुछ पोलिंग बूथ ऐसे होंगे जिनका संचालन सिर्फ महिलाएं करेंगी। हर विधानसभा में कम से कम एक ऐसा बूथ 100 प्रतिशत महिलाओं का होगा। यहां महिला कर्मचारी होंगी और सुरक्षा कर्मी भी महिलाएं होंगी। यह महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करेगा। कुछ पोलिंग स्टेशन को दिव्यांग कर्मचारी संभालेंगे।
चुनाव में तकनीक का इस्तेमाल, 90 मिनट में शिकायतों का निपटारा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव में मतदाताओं की सुविधा और चुनावी प्रक्रिया को दखल मुफ्त रखने के लिए टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया जाएगा। सी विजिलेंस ऐप के जरिए कोई भी मतदाता शिकायत कर सकता है। 60 मिनट के भीतर हमारी टीम पहुंचेगी और 90 मिनट के अंदर उसका निपटारा करेंगे। इसी तरह दिव्यांग मतदाता भी ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। केवाईसी ऐप के जरिए वोटर्स प्रत्याशियों की पूरी जानकारी ले सकेंगे। उनके खिलाफ यदि कोई आपराधिक केस है तो उसकी भी पूरी जानकारी होगी। इसके अलावा उम्मीदवारों को तीन बार इसे पब्लिश भी कराना होगा।
पहली बार चुनाव में होगा
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि नए वोटर नामांकन तक यानी 25 अक्टूबर तक अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकते हैं। इसके अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों और कोरोना पीड़ितों को घर से वोटिंग की सुविधा दी जाएगी। हिमाचल में 80 प्लस उम्र वाले 1.22 लाख बुजुर्ग हैं। इसके अलावा 1184 वोटरों की उम्र 100 साल से ज्यादा है।
चुनाव आयोग फ्री स्कीम की घोषणा पर भी नजर रखेगा। इस बार निगरानी ज्यादा मुस्तैद होगी। चुनाव में मुफ्त वादों का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। आयोग ने कोर्ट में कहा था कि फ्री की परिभाषा तय नहीं होने की वजह से इस पर रोक लगाने में मुश्किलें आती हैं।
8 जनवरी को खत्म हो रहा हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल
हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी को खत्म हो रहा है। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। इनमें 20 सीटें आरक्षित हैं। 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 3 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हैं। 2017 में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी। चुनाव में भाजपा 44, तो कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली थी। एक सीट पर सीपीआई एम और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे।
कुल 55 लाख 07 हजार 261 मतदाता
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 55 लाख 07 हजार 261 मतदाता हैं। इनमें 27 लाख 80 हजार 208 पुरुष और 27 लाख 27 हजार 16 महिला वोटर्स हैं। 67 हजार 532 मतदाता सरकारी कर्मचारी हैं। 56,001 दिव्यांग वोटर्स हैं। इसके अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के 1.22 लाख मतदाता हैं। 1,184 मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है। 1.86 लाख मतदाता ऐसे हैं, जो पहली बार वोट करेंगे। इनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। इनमें 43 हजार 172 वोटर्स ऐसे हैं, जिनकी आयु एक जनवरी 2022 से एक अक्टूबर 2022 के बीच 18 साल पूरी हुई है।
356 बूथ बढ़े, कुल 7,881 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे
चुनाव आयोग के मुताबिक हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए 7,881 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। हर एक पोलिंग स्टेशन पर औसतन 699 वोटर वोट डाल पाएंगे। शहरी इलाकों में 646 और ग्रामीण इलाकों में 7,235 पोलिंग बूथ होंगे। इनमें 142 पोलिंग बूथ महिलाएं संचालित करेंगी और 37 दिव्यांग कर्मचारी करेंगे। पिछली बार के मुकाबले वोटिंग पोलिंग स्टेशन की संख्या में 4.73 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पिछले चुनाव में 7525 पोलिंग बूथ बनाए गए थे। इस हिसाब से इस बार 4.73 प्रतिशत बूथ में बढ़ोतरी की गई है। कुल 356 बूथ अधिक बनाए जा रहे हैँ।