नई दिल्ली/ अदिति सिंह : केंद्रीय चुनाव आयोग ने पंजाब में श्री गुरु रविदास जी जयंती समारोह के चलते राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों की तारीख में बदलाव कर दिया है। पंजाब में 14 फरवरी को मतदान होना था। लेकिन अब 20 फरवरी को वोटिंग होगी। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने राज्य में चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी सभी तिथियों में बदलाव कर दिया है। आयोग की प्रवक्ता के मुताबिक चुनाव की अधिसूचना 25 जनवरी को जारी की जाएगी। इसके हिसाब से नामांकन की अंतिम तारीख 1 फरवरी निर्धारित की गई है। नामांकन पत्रों की जांच 2 फरवरी को होगी और नामांकन वापस लेने की तारीख 4 फरवरी सुनिश्चित की गई है। इसके बाद मतदान 20 फरवरी दिन रविवार को एक ही चरण में होगा। जबकि मतगणना 10 मार्च गुरुवार को होगी।
-चुनाव की अधिसूचना 25 जनवरी को जारी की जाएगी
-श्री गुरु रविदास जी जयंती समारोह के चलते आयोग ने लिया फैसला
-नामांकन की अंतिम तारीख 1 फरवरी निर्धारित की गई
-पंजाब सरकार, भाजपा, आप सहित सभी दलों ने लगाई थी गुहार
चुनाव आयोग के प्रवक्ता के मुताबिक पंजाब सरकार, राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों की ओर से कई अनुरोध पत्र प्राप्त हुए हैं, जिसमें 16 फरवरी को मनाए जाने वाले श्री गुरु रविदास जी जयंती समारोह में भाग लेने के लिए पंजाब से बड़ी संख्या में भक्तों की वाराणसी आवाजाही के संबंध में ध्यान आकर्षित किया गया है। उन लोगों द्वारा इस तथ्य की ओर भी ध्यान दिलाया गया है कि समारोह के दिन से लगभग एक सप्ताह पहले बड़ी संख्या में भक्त वाराणसी की ओर रवाना होना शुरू कर देते हैं और मतदान का दिन 14 फरवरी को रखे जाने से बड़ी संख्या में मतदाता मतदान से वंचित रह जाएंगे। इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने मतदान की तिथि को बदलकर 16 फरवरी के कुछ दिनों बाद रखने का अनुरोध किया है। आयोग ने इस संबंध में राज्य सरकार और पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी से भी जानकारी ली। इन अनुरोध पत्रों, राज्य सरकार और मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा दी गई जानकारियों, पूर्व के निर्णयों और इस विषय से संबंधित विभिन्न पहलुओं और परिस्थितियों की वजह से सामने आए इन नए तथ्यों पर विचार करने के बाद, अब आयोग ने पंजाब की विधानसभा के आम चुनावों को पुनर्निर्धारित करने का फैसला लिया।
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने उपलब्ध कराए गए सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद 8 जनवरी को पंजाब राज्य की विधानसभा के लिए वर्ष 2022 में होने वाले आम चुनावों की घोषणा की है, जिसके तहत चुनाव की अधिसूचना 21 जनवरी को जारी की जानी है और मतदान 14 फरवरी को होना था, में बदलाव किया गया है।
गौरतलब है कि पंजाब की सभी 117 सीटों पर एक ही चरण में मतदान होंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव आयोग को चिट्टी लिखकर सुझाव दिया था कि 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव को गुरु रविदास जयंती को ध्यान में रखते हुए कम से कम छह दिनों के लिए टाल दिया जाना चाहिए। पंजाब के सीएम ने पत्र में लिखा था कि अनुसूचित जाति समुदाय के प्रतिनिधियों, जिसमें पंजाब की आबादी का 32 प्रतिशत शामिल है, ने उन्हें बताया है कि रविदास जयंती की वजह से बड़ी संख्या में समुदाय के लोग 10 से 16 फरवरी को वाराणसी जाते हैं। ऐसी स्थिति में कई लोग विधानसभा चुनाव के लिए अपना वोट नहीं डाल पाएंगे, जो संवैधानिक अधिकार है।
BJP ने पंजाब में मतदान को आगे बढ़ाने का आग्रह किया था
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी और उसकी सहयोगी कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग को ख़त लिखकर पंजाब में मतदान को आगे बढ़ाने का आग्रह किया था। पंजाब बीजेपी के महासचिव सुभाष शर्मा, आप की पंजाब इकाई के प्रमुख भगवंत मान ने भी चुनाव आयोग से इसी तरह की गुहार लगाई थी। भाजपा ने रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे लेटर में कहा था, राज्य में अनुसूचित जाति समुदाय सहित गुरु रविदास जी के अनुयायियों की अच्छी खासी संख्या है, जो यहां की आबादी का करीब 32 प्रतिशत है। इस पवित्र अवसर पर, लाखों लोग गुरपर्व मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के बनारस जाएंगे। इसलिए उनके लिए मतदान प्रक्रिया में भाग लेना संभव नहीं होगा।