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Saturday, July 27, 2024

दिल्ली के मुंडका में आग, 27 लोग जिंदा जले

नई दिल्ली /प्रज्ञा शर्मा : दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास शुक्रवार शाम एक इमारत में भीषण आग लगने से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि करीब 50 से 60 लोगों दमकल विभाग के कर्मचारियों ने सुरक्षित बचा लिया गया है।
पश्चिमी दिल्ली में मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास स्थित एक चार मंजिला व्यावसायिक इमारत में शुक्रवार शाम भीषण आग लग गई। इस हादसे में अब तक कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई और कई लोग झुलस गए। बताया जा रहा है कि फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है। स्थानीय पुलिस के साथ ही दमकल विभाग की टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है। पुलिस और फायर ब्रिगेड की मदद के लिए अब एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई है।

—एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा, 50 से 60 लोगों को बचाया गया, इमारत जलकर खाक
—मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख, घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक मदद

जानकारी के मुताबिक आग इमारत की पहली मंजिल पर बने सीसीटीवी कैमरे और राउटर बनाने वाली कंपनी के कार्यालय में लगी, लेकिन कुछ ही वक्त में इसने पूरी इमारत को घेर लिया। तीन मंजिला बिल्डिंग से आग की कई फीट ऊंची लपटे देखी गईं और भयानक धुएं के बीच अग्निशमन कर्मियों को भी आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। अग्निशमन विभाग की करीब दो दर्जन दमकलों को मौके पर रवाना किया गया था। बचाव कार्य के दौरान हाइड्रोलिक क्रेन से अंदर फंसे लोगों को निकालने के दौरान एक महिला की मौत की खबर है।रात तक भी आग को पूरी तरह बुझाया नहीं जा सका था और उससे धुआं निकल रहा था। बताया जा रहा है कि इतनी बड़ी बिल्डिंग में फायर एग्जिट नहीं था, ये लापरवाही इमारत में फंसे लोगों के लिए काल बन गई।
पश्चिम दिल्‍ली के मुंडका मेट्रो स्‍टेशन के करीब की बिल्डिंग में यह आग लगी थी। अधिकारियों के अनुसार, शाम करीब 4.40 बजे इस बारे में सूचना मिलने के बाद फायरब्रिगेड की 24 दमकलों को मौके पर रवाना किया गया है। मेट्रो स्‍टेशन के पिलर नंबर 544 के पास स्थित इमारत में यह आग लगी है जिसे बुझाने की कोशिश की जा रही है। लोगों का कहना है कि हादसे के वक्त बिल्डिंग में 100 से ज्यादा लोग मौजूद थे। यह आग मुंडका मेट्रो स्टेशन से महज 100 मीटर की दूरी पर लगी थी। ऐसे में यह आग और ज्यादा खतरनाक हो सकती थी। बाहरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) समीर शर्मा ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि तीन मंजिला व्यावसायिक इमारत में कंपनियों के दफ्तर हैं। डीसीपी के मुताबिक, आग इमारत की पहली मंजिल से लगनी शुरू हुई जहां सीसीटीवी कैमरा और राउटर निर्माता कंपनी का कार्यालय है।

वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने देर रात घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। सही स्थिति सुबह तक ही पता लग सकेगी। दमकल विभाग के अधिकारियों के अनुसार आग लगने की सूचना उन्हें शाम 4.45 बजे मिली जिसके बाद 30 से अधिक दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। यह आग मुंडका मेट्रो स्टेशन के पिलर नंबर 544 के पास लगी थी। पुलिस ने बताया कि इमारत से 50 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है तथा कुछ और लोगों के इमारत में फंसे होने की आशंका है।
डीसीपी (बाहरी जिला) समीर शर्मा ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने आज शाम दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास आग लगने वाली इमारत के मालिक हरीश गोयल और वरुण गोयल को हिरासत में ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
इस बीच पीएमओ की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास एक इमारत में आग की घटना पर शोक व्यक्त किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सहायता कोष से मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है।
आग लगने के कारण इमारत पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी है। दिल्ली पुलिस और दिल्ली फायर सर्विस के साथ ही अब एनडीआरएफ भी राहत एवं बचाव कार्य में जुट गई है।
डीसीपी (बाहरी जिला) समीर शर्मा ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने आज शाम दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास आग लगने वाली इमारत के मालिक हरीश गोयल और वरुण गोयल को हिरासत में ले लिया है। इमारत में सीसीटीवी का सामान था। प्लास्टिक के सामान में आग लगने से बड़ी मात्रा में धुआं निकला। अधिकांश लोगों की मौत धुएं के चलते हुए। इमारत संचालकों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।

इमारत में आपातकालीन निकासी की कोई व्यवस्था नहीं

इमारत में फायर उपकरणों की कोई व्यवस्था नहीं थी। व्यवसायिक गतिविधियों से पहले फायर की एनओसी नहीं ली गई। आग लगने के बाद बुझाने का कोई इंतजाम नहीं था और लोग इसमे फंस गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार मुंडका की इमारत में आपातकालीन निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी। एक बार आग लगने के बाद लोग बड़ी संख्या में इमारत में फंस गए और आग और धुएं की चलते उनकी मौत हो गई।

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