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Tuesday, April 16, 2024

जी-20 : महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने पर जोर

नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय । शिखर सम्मेलन; रोडमैप व नीतियों को विकसित करने और समानता तथा महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने के लिए साझा ताकतों को एक-साथ लाने का अवसर प्रदान करता है। भारत की जी-20 की अध्यक्षता के तहत तीन प्रमुख क्षेत्र होंगे महिला उद्यमिता, समानता और अर्थव्यवस्था, दोनों के लिए जीत के अवसर , जमीनी स्तर सहित सभी स्तरों पर महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए साझेदारी तथा शिक्षा- महिला सशक्तिकरण और कार्यबल में समान भागीदारी की कुंजी। जी20 सशक्तिकरण की आरंभि‍क बैठक आ योजित की गई। इस दो दिवसीय आरंभि‍क बैठक की थीम थी – सभी क्षेत्रों में नेतृत्व करने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना: भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत समग्र फोकस क्षेत्रों के साथ डिजिटल कौशल बढ़ाने और भावी कौशल की भूमिका – महिला उद्यमिता: समानता और अर्थव्यवस्था दोनों ही के लिए फायदेमंद , जमीनी स्तर सहित सभी स्तरों पर महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए साझेदारी’ और ‘महिलाओं के सशक्तिकरण एवं श्रमबल में समान भागीदारी की कुंजी है शिक्षा’।

—महिलाओं के लिए विकास के अनगिनत अवसर खुल गए हैं
—जी-20 की अध्यक्षता के तहत तीन प्रमुख क्षेत्र महिला उद्यमिता, समानता और अर्थव्यवस्था होंगे

महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्‍मृति ज़ूबिन इरानी ने उद्घाटन किया। उन्होंने महिलाओं के नेतृत्व में विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर फिर से विशेष जोर दिया। आरंभि‍क बैठक के पहले दिन की शुरुआत ‘महिलाओं के नेतृत्व में विकास: डिजिटल कौशल बढ़ाने के माध्यम से महिलाओं के नेतृत्व को फिर से परिभाषित करना’ विषय पर आयोजित पूर्ण सत्र के साथ हुई।
पैनल में सुश्री अनिता भाटिया, संयुक्त राष्ट्र की सहायक महासचिव एवं संयुक्त राष्ट्र महिला की उप कार्यकारी निदेशक और सुश्री वैशाली सिन्हा, सह-संस्थापक एवं अध्‍यक्ष (निरंतरता), रिन्यू पावर शामिल थीं; रिन्यू फाउंडेशन की अध्‍यक्ष ने एक बड़े संबल के रूप में ‘डिजिटल तकनीकों से व्‍यापक बदलाव’ की चर्चा की जिससे महिलाओं के लिए विकास के अनगिनत अवसर खुल गए हैं।

जी-20 : महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने पर जोर

पहले दिन की प्रमुख पैनल परिचर्चाओं में से एक पैनल परिचर्चा ‘महिलाओं के सशक्तिकरण में डिजिटलीकरण और भावी कौशल की भूमिका’ विषय पर आयोजित की गई जिसमें पैनलिस्ट इसरो, विश्व बैंक और जापान एवं बांग्लादेश के जी20 सशक्तिकरण के सदस्य प्रतिनिधि थे। दूसरी पैनल परिचर्चा ‘गैर-पारंपरिक श्रमबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना: एसटीईएम और एआई में महिला-पुरुष समानता के अवसर शुरू करने के लिए संस्थागत सहायता’ विषय पर आयोजित की गई जिसमें पैनलिस्ट सी6एनर्जी, माइक्रोसॉफ्ट, वीक्विटी, एपीएएएसीआई और फ्रांस के जी20 सशक्तिकरण के सदस्य प्रतिनिधि थे। दिन की औपचारिक चर्चा की समाप्ति महिलाओं के नेतृत्व वाली उद्यमिता की उत्कृष्ट कार्यप्रणालियों को अपनाने के लिए साझेदारी को बढ़ावा देने और उसे संसाधनों से लैस करने से संबंधित एक अंतिम पैनल चर्चा के साथ हुई। शाम को, प्रतिनिधियों को आगरा किले की प्राचीर पर देश की महिलाओं को सम्मान और महत्व देने की भारतीय सांस्कृतिक विरासत के बारे में एक आकर्षक प्रोजेक्शन मैपिंग शो दिखाया गया और उसके बाद भारत के विभिन्न नृत्यकलाओं की एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी गई।

जमीनी स्तर की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद और सेवाओं से संबंधित प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी में विभिन्न उत्पादों लगभग 54 ‘एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) और सात राज्यों से भौगोलिक संकेतों (जीआई) सहित महिला शिल्पकारों तथा उद्यमियों द्वारा पेश की जाने वाली विभिन्न सेवाओं एवं पहल को प्रदर्शित किया गया। महिला एवं बाल विकास तथा आयुष राज्यमंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने भारत में महिलाओं एवं लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए प्रमुख योजनाओं से संबंधित जानकारी को साझा करते हुए लैंगिक समानता की दिशा में भारत सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला।

डॉ. संगीता रेड्डी ने जी20 सशक्तिकरण के तीन स्तंभों को दोहराया और इनमें से प्रत्येक के तहत काम किए जाने वाले चार व्यापक क्षेत्रों पर प्रकाश डाला। इनमें केपीआई डैशबोर्ड, प्रतिज्ञा, कार्यसमूहों के प्रस्ताव और प्रभाव बढ़ाने के लिए परिणामों को दर्ज करने की जरूरत शामिल है।
अवनी फाउंडेशन की प्रतिनिधि द्वारा संचालित ‘कला, संस्कृति और एक बेहतर दुनिया’ से संबंधित सत्र में डब्ल्यू20 की अध्यक्ष और संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा और विभिन्न कला शैलियों से जुड़े कलाकारों ने भाग लिया।

जी20 सशक्तिकरण की अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी द्वारा ‘जी20 सशक्तिकरण की प्राथमिकताओं के संदर्भ में कार्रवाई का निर्धारण और उसके प्रमुख परिणामों की पहचान’ के बारे में पूर्ण समापन सत्र की अध्यक्षता की गई।
विदेश मंत्रालय में जी-20 के विशेष संयुक्त सचिव नाग नायडू ने अपने विशेष संबोधन में कहा की कि श्रम बल की भागीदारी में लैंगिक अंतर को कम करने से वैश्विक जीडीपी में काफी बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने आगे बताया कि लैंगिक अंतर को कम करके जीडीपी लगभग 30 फीसदी तक बढ़ सकती है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की सशक्तिकरण प्रतिनिधि, प्रबंध निदेशक की विशेष सलाहकार रत्ना सहाय ने महिलाओं को नीति निर्माण, डिजिटल कौशल और उद्यमिता के केंद्र में रखने पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
इंडोनेशिया के जी-20 सशक्तिकरण की सह-अध्यक्ष रीनावती प्रिहतिनिंगसिह ने जी-20 सशक्तिकरण संकल्प पर ध्यान केंद्रित किया और चूंकि महिलाएं एसएमई में 90 फीसदी व्यवसायों का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसे देखते हुए उन्होंने इसमें महिलाओं के योगदान पर चर्चा कीं।
नीदरलैंड की जी-20 सशक्तिकरण प्रतिनिधि, एओएन होल्डिंग्स कार्यकारी बोर्ड की अध्यक्ष मार्ग्रेट सोएटमैन राइनन ने कहा कि विश्व समूह वित्तीय समावेशन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
ब्रिटेन के सरकारी समानता कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय लैंगिक नीति के प्रमुख श्री चार्ल्स रैम्सडेन ने उन चीजों को रेखांकित किया, जो सशक्तिकरण को सफल बनाएंगी। इनमें प्रगति करने के लिए साझा प्राथमिकताएं, साझा अनुभव और साझा प्रतिबद्धता शामिल हैं।

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