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Friday, March 29, 2024

देश को अगले तीन वर्षों में मिलेगी नई पीढ़ी की 400 वंदेभारत ट्रेनें

नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : देश में यात्रियों को बेहतरीन एवं आधुनिक अनुभव दिलाने वाली नई पीढ़ी की 400 वंदे भारत ट्रेनें तैयार होने जा रही हैं। यह आधुनिक ट्रेनें अगले तीन वर्षों में पटरी पर दौडऩे लगेंगी। ये नयी ट्रेनें कम वजन की एल्यूमीनियम से बनाई जाएंगी, इस्पात से नहीं। इस लिहाज से प्रत्येक ट्रेन वजन में करीब 50 टन हल्की होगी और इस्पात की रेलगाडिय़ों की तुलना में कम ऊर्जा खपत करेंगी। इसका ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 2022-23 का आम बजट पेश करते हुए किया। साथ ही कहा कि वंदे भारत बेहतर ऊर्जा दक्षता और यात्रियों को बेहतरीन यात्रा अनुभव दिलाने वाली होंगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने बजट-2022 में भारतीय रेलवे को 1,40,367.13 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जबकि पिछले साल एक लाख दस हजार करोड़ रूपये मिला था। इस बार वित्त मंत्रालय ने रेलवे को पिछले साल की तुलना में ज्यादा बजट दिया है। यह रेलवे के विकास में कारगर साबित होगा। साथ ही ट्रेनों की सुरक्षा, संरक्षा में और ज्यादा सुधार हो सकेगा। बंदे भारत ट्रेनों के आने के बाद देश में यात्रियों को समय के अनुसार आधुनिक ट्रेनों का तोहफा मिलेगा।

बजट-2022 में भारतीय रेलवे को 1,40,367.13 करोड़ रुपये आवंटित
-यात्रियों को आधुनिक अनुभव दिलाने वाली नई पीढ़ी की ट्रेनें होंगी तैयार
-दिल्ली मैट्रो से चकाचक होगी वंदे भारत ट्रेनें : सीतारमण
-ट्रेनों का वजन 50 टन हल्का होगा, कम ऊर्जा खपत करेंगी
-आधुनिक ट्रेनों के आने से बदलेगी देश की तस्वीर

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि दिल्ली मेट्रो से ज्यादा चकाचक और आधुनिक होती है वंदे भारत ट्रेनें। इसमें आधुनिक जीपीएस सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, मेट्रो जैसे ऑटोमैटिक डोर के साथ ही हवाई जहाज जैसे टॉयलेट होंगे। इसका फायदा यह होगा कि ये ट्रेनें बहुत कम ऊर्जा खपत करेंगी। हालांकि, वित्त मंत्री यह नहीं बताया है कि इन ट्रेनों का संचालन कब से शुरू किया जाएगा। फिलहाल देश में कुछ रूटों पर वंदे भारत ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। वंदे भारत ट्रेन के अलावा रेलवे छोटे किसानों तथा एमएसएमई के लिए नये उत्पाद भी विकसित करेगा। वंदे भारत ट्रेनें देश की पहली स्वदेशी तकनीक से निर्मित होने वाली सेमी हाई स्पीड ट्रेनें हैं।
अगले वित्त वर्ष में चार बहु-मॉडल पार्क के लिए अनुबंध दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, अगले तीन वर्षों में बेहतर ऊर्जा दक्षता और यात्रियों को बेहतरीन यात्रा अनुभव दिलाने वाली नई पीढ़ी की 400 वंदे भारत ट्रेनें तैयार की जाएंगी। सीतारमण ने कहा कि ये नयी ट्रेनें कम वजन की एल्यूमीनियम से बनाई जाएंगी, इस्पात से नहीं। इस लिहाज से प्रत्येक ट्रेन वजन में करीब 50 टन हल्की होगी और इस्पात की रेलगाडिय़ों की तुलना में कम ऊर्जा खपत करेंगी। उन्होंने कहा कि रेलवे छोटे किसानों और सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए नये उत्पाद तथा सक्षम लॉजिस्टिक सेवाएं विकसित करेगा और पार्सल की सुगम आवाजाही के लिहाज से डाक तथा रेलवे के नेटवर्कों के एकीकरण की दिशा में भी अगुवाई करेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे में ‘एक स्टेशन-एक उत्पाद अवधारणा को लोकप्रिय बनाया जाएगा, ताकि स्थानीय व्यवसायों और आपूॢत श्रृंखलाओं को आवश्यक मदद मिले सके।

क्या हैं वंदेभारत ट्रेन

वंदे भारत ट्रेन कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है। इस ट्रेन में ऑन बोर्ड वाई-फाई, जीपीएस आधारित यात्री इन्फॉर्मेशन सिस्टम, खूबसूरत आंतरिक सजावट, वैक्यूम शौचालय, एलइडी लाइट, हर सीट के नीचे चार्जिंग प्वाइंट, हर सीट के नीचे रीडिंग लाइट, इंटेलिजेंट एयर कंडीशनिंग सिस्टम, दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर के उपयोग से ट्रेन में चढऩे की सुविधा, उनके लिए अलग से शौचालय, सीसीटीवी, फायर फाइटिंग सिस्टम, स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजा जैसी सुविधाएं हैं।

वर्तमान में तैयार हो रही है 44 ट्रेन सेट

सेमी हाई स्पीड ट्रेन यानी वंदेभारत ट्रेन कई अन्य शहरों के लिए शुरू होगी। भारतीय रेलवे ने 44 और ट्रेन सेट बनाने का काम अवार्ड कर दिया है, जो निर्धारत समय पर तैयार होंगी। ये ट्रेनें अगले वर्ष से दौडऩी शुरू हो जाएंगी. सभी ट्रेन मेक इन इंडिया पॉलिसी के तहत बनाई जा रही हैं। इससे 90 फीसदी तक स्वदेसी होंगी। प्रत्येक ट्रेन सेट में 16 डिब्बे होंगे। पहली ट्रेन 18 माह के रिकार्ड समय में बनाई गई थी, जिसकी कीमत करीब 97 करोड़ आई थी। बाद में इसकी डिजाइन में कई चेंज किए गए, जिससे बिजली की खपत और कीमत दोनों कम हुईं।

ट्रेन-18 बनी वंदेभारत एक्सप्रेस

ट्रेन- 18 यानी वंदेभारत भारत बनाने की घोषणा 2017 में हुई थी और 2018 में ट्रेन चलनी थी, इसलिए इसका नाम टी-18 रखा गया था। 2018 के अंत में पहली ट्रेन तैयार हो गई। बाद में इसका नाम बदलकर वंदेभारत कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को 15 फरवरी 2019 को हरी झंडी दिखाई थी। यह ट्रेन दिल्ली और वाराणसी के बीच चलाई गई। दूसरी ट्रेन को गृह मंत्री अमित शाह ने 3 अक्टूबर 2019 को हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन नई दिल्ली और माता वैष्णो देवी कटरा के बीच शुरू हुई।

ये है वंदे भारत की खूबियां

ट्रेन में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। कोच में कुर्सियां 180 डिग्री यानी बल्किुल विपरीत दिशा में घुमाई जा सकती हैं। खाने-पीने का सामान रखने के लिए डीप फ्रीजर लगाए गए हैं। ऑनबोर्ड इन्फोटेनमेंट सिस्टम लगाया गया है, यहां आप अपनी पसंद के गाने या मूवी देख सकते हैं। खिड़कियों पर खास फि़ल्म लगाई गई है। पायलट को तेज रोशनी से बचाने के लिए कॉकपिट के शीशे पर रोलर ब्लाइंड सन स्क्रीन लगाई गई है। इसके अलावा कॉकपिट में ज्यादा शोर न हो, इसके लिए कई इन्सुलेशन का इस्तेमाल किया गया है। ये ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं।

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