-पटियाला हाउस के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा की अदालत ने सुनाया फैसला
-गुरुद्वारा कमेटी में कथित आर्थिक गड़बड़ी का लगा है आरोप
–सरना ने किया खुलासा, सिरसा ने गुरुद्वारों का पैसा फर्जी कंपनियों को भेजा
नई दिल्ली /मोक्षिता : दिल्ली गुरुद्वारा प्रबधंन कमिटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा पर कथित आर्थिक गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में लूक-आउट नोटिस जारी हुआ है। साथ ही देश छोडऩे पर रोक लगा दिया है। यह आदेश पटियाला हाउस स्थित मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा की अदालत ने सुनाया है। अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि वह सुनिश्चित करे कि सिरसर देश छोड़कर न जाने पाएं। सिरसा के खिलाफ महासचिव पद पर रहते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) के फंड में हेराफेरी करने के आरोप की जांच चल रही है। अदालत ने यह आदेश एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। शिकायतकर्ता भूपेंद्र सिंह ने अदालत में याचिका दायर कर कहा कि उन्हें ऐसी जानकारी मिली है कि सिरसा देश छोड़कर जा सकते हैं। इस पर अदालत ने कहा कि उचित जांच के लिए यह जरूरी है कि आरोपी कोई ऐसा कदम न उठा सके जिससे पूरा मामला प्रभावित हो जाए। न्याय के हित में जरूरी है कि पुलिस शिकायतकर्ता की शंका को गंभीरता से ले और उस पर नजर बनाए रखे। साथ ही अदालत ने दिल्ली पुलिस से इस मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 26 जुलाई तय की गई है। दरअसल, शिकायतकर्ता की तरफ से अधिवक्ता संजय अबोट ने कहा कि मनजिंदर सिरसा ने अपनी सारी संपत्ति बेच दी है। उन्हें जानकारी मिली है कि सिरसा देश छोडऩे की तैयारी में हैं। हालांकि पुलिस ने कहा कि सिरसा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह जांच में सहयोग कर रहे हैं। उन्हें जब बुलाया जाता है, वह आ जाते हैं।
ज्ञात रहे कि इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कर रही है। अदालत के आदेश पर पिछले साल नंवबर में सिरसा के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा ने प्राथमिकी दर्ज की थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2013 में जब सिरसा महासचिव पद पर थे, तब उन्होंने बिल के नाम पर हेराफेरी की थी।
इस मामले को लेकर शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने शनिवार को सिरसा पर चौतरफा हमला बोला और हिसाब मांगे। उनके मुताबिक यह मामला गुरुद्वारों के फंड को फर्जी कंपनियों को भेजने से जुड़ा है। गोलक के पैसे को एम राजा टेंट डेकोरेटर्स जैसी सेल कंपनियों को भेजा गया है। गोलक के फंड को फर्जी बिलों के सहारे भी भारी मात्रा में हेराफेरी की गयी है। इसकी जांच चल रही है।
दिल्ली गुरुद्वारा कमिटी में भ्रष्टाचार के केसों को उजागर करने के लिए, लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे परमजीत सिंह सरना और हरविंदर सिंह सरना ने कहा कि बादल दल के करीबी लोगों ने पंजाब को बर्बादी की राह पर ढकेलने के बाद दिल्ली का बीड़ा उठाया हुआ है। लेकिन, हम ऐसा होने नही देंगे। सरना बंधुओं ने कहा कि कथित आर्थिक गड़बड़ी करने वालों को एक-एक करके संगत के सामने उजागर किया जाएगा। सिखों के धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था पर कभी ना मिटने वाला चोट करने वालों को जवाब देना पड़ेगा। आप भाग नहीं सकते।
तख्त श्री पटना साहिब गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष हरविंदर सिंह सरना ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल से दिल्ली कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा को कमिटी से बर्खास्त करते हुए शहीदाँ -दी-जत्थेबंदियों का उदाहरण पेश करें। सरना ने बताया कि उनकी पार्टी बादल दल के दूसरे सदस्यों का भी भंडाफोड़ करने के लिए कानून की मदद लेगी। किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सिख संगत से अपील करते हुए कहा कि यदि आपको गुरुद्वारा कमिटी से जुड़ी कोई भी हेर-फेर की जानकारी मिलती है तो हमें बताएं। हम दोषियों के खिलाफ तुरंत करवाई करेंगे।
इस मौके पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी, कमेटी सदस्य कुलवंत सिंह बाठ, भूपिंदर ङ्क्षसह सहित सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।
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झूठे व दुष्प्रचार के लिए सरना के खिलाफ केस करूँगा : सिरसा
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सरना बंधुओं द्वारा उनके खिलाफ अदालत द्वारा लुक आउट नोटिस जारी किए जाने के किये जा रहे झूठे व दुष्प्रचार के लिए उनके खिलाफ धारा 340 के तहत हाईकोर्ट में केस करेंगे।
सिरसा एवं महासचिव हरमीत सिंह कालका ने प्रेस काफ्रेंस कर मीडिया को हाइकोर्ट के आदेशों की कापी जारी की। साथ ही कहा कि अदालत ने स्पष्ट किया है कि सिरसा को जब भी जांच के लिए बुलाया है तो वह आये हैं और कभी भी कुछ गलत नहीं किया जबकि इसके विपरीत सरना बंधुओं ने अदालत से बाहर आ कर यह झूठा शोर मचाया है कि अदालत ने लुकआउट नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि इस झूठे, नफरत भरे व द्वेष भाव के साथ किये जा रहे प्रचार के लिए वह धारा 340 के तहत अदालत में सरनों के खिलाफ केस दायर करेंगे और हाईकोर्ट में बतायेंगे कि कैसे सरना भाई अदालत के आदेशों को तोड़ मरोड़ कर संगतों में गलत प्रचार करते हैं।