नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित देशभर के सिखों और सिख समुदाय को पार्टी से कनेक्ट करने के लिए अपने सिख नेता एवं राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) को मैदान में उतारा है। इसके लिए बाकायदा एक रणनीति तैयार की गई है और देशभर में जहां—जहां सिखों की आबादी है, वहां—वहां सिरसा के कार्यक्रम एवं सभाएं करवाई जा रही हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष रह चुके मनजिंदर सिंह सिरसा की सिखों के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है। यही कारण है कि भाजपा ने सिख समुदाय का समर्थन जुटाने के लिए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। सिरसा अब तक मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड,छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा में तीन दर्जन से अधिक बैठकें कर चुके हैं, जहां सिख समुदाय के सदस्य बड़ी संख्या में रहते हैं। बीजेपी ने उन्हें पार्टी का स्टार प्रचारक भी घोषित कर दिया है। अपने अभियान के तहत मनजिंदर सिंह सिरसा ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में जाकर पिछले तीन दिनों से सिख बहुल इलाकों में सभाएं की है, जहां मतदान होना बाकी है।
—भाजपा ने राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा को मैदान में उतारा
—दिल्ली से लेकर पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी, महाराष्ट्र के सिखों के बीच कर रहे बैठकें
—कांग्रेस शासन में सिखों पर हुए जुल्म और अत्याचार की गिना रहे हैं लिस्ट
—कांग्रेस की हुकूमतों ने सिखों को दिया दर्द, प्रधानमंत्री मोदी ने लगाया मरहम
—मोदी सरकार में मिले सिखों को न्याय को प्रचार के एजेंडे में रखा गया
इन सभाओं में मनजिंदर सिंह सिरसा 70 सालों में कांग्रेस के अत्याचार को बता रहे हैं। साथ ही याद दिला रहे हैं कि कांग्रेस ने सिखों के साथ कितने जुल्म और अत्याचार किए हैं। सिरसा के एजेंडे में श्री दरबार साहिब पर हमला, 1984 का सिख नरसंहार और अन्य भेदभाव शामिल को प्रमुखता से शामिल है। इसके अलावा कांग्रेस ने सबसे ज्यादा सिखों की हत्या करने वाले कमल नाथ, एचकेएल भगत, सज्जन कुमार और अन्य आरोपियों को मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद और अन्य पदों से सम्मानित किया है, वह भी लोगों को बता रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की बात भी सिखों तक पहुंचा रहे हैं, जिन्होंने सिख समुदाय को न्याय दिया है। सज्जन कुमार और कई अन्य आरोपी आज जेलों में हैं और उनके खिलाफ जगदीश टाइटलर और कमल नाथ अलग-अलग अदालतों में हैं। बकौल सिरसा, 1984 के बाद यह पहली बार है कि सिखों को न्याय मिला है और अब उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश के अन्य मामलों में भी सिखों को न्याय मिलेगा। सिरसा कहते हैं कि जब वह अकाली दल के नेता थे तब भी उन्होंने सिखों के मुद्दे उठाए थे और अब वह भाजपा सचिव के तौर पर मुद्दे उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय के लिए जो किया है, वह 70 साल में किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया। प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव जी की जयंती पर तीन काले कानूनों के लिए सिख समुदाय से माफी मांगी और कानूनों को रद्द कर दिया। मोदी सरकार ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोलकर सिखों की गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने की 70 साल की उम्मीद को पूरा किया और गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी के छोटे बेटों की याद में हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी के साहिबजादों की वीर गाथा देश और दुनिया में भारत की हर भाषा में बताई जा रही है। इसके अलावा मोदी सरकार ने गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 400वीं जयंती उसी लाल किले पर मनाई, जहां से गुरु साहिब का शहीदी फरमान जारी हुआ था। इस तरह हम लाल किले पर दिल्ली फतेह दिवस मना रहे हैं। बकौल मनजिंदर सिरसा चूंकि प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय के लिए बहुत कुछ किया है, इसलिए वह प्रधानमंत्री के पक्ष में वोट मांग रहे हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार के कृषि बिलों के विरोध में लंबे समय तक चले किसानों के आंदोलन में नाराज चल रहे सिख समुदाय के बीच बन चुकी खाई को भी पाटने के लिए सिरसा जी तोड मेहनत कर रहे हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह दिल्ली और खासकर पंजाब के सिखों को भाजपा के पक्ष में कर लेंगे।