नयी दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पड़ते मथुरा-पलवल चौथी लाइन का कार्य पूरा हो गया है। इस लाइन के पूरा होने से ट्रेनों की समयपालन में और सुधार होगा, साथ ही यात्रियों को सुविधा मिलेगी। इस खंड पर माल और यात्री यातायात शुरू करने के लिए रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने हरी झंडी दे दिया है। अब कभी भी इस नई लाइन पर ट्रेन फर्राटा भरने लगेगी। चौथी लाइन के चालू होने के साथ, अब उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल में अप और डाउन लाइन पर परिचालन के लिए दो-दो लाइनें उपलब्ध हो गई हैं। सीआरएस पूर्वोत्तर परिक्षेत्र ने गुरुवार को छाता-भूतेश्वर के बीच 28.4 किलोमीटर की चौथी लाइन खंड का निरीक्षण किया और 110 किमी प्रति घंटे की गति से परीक्षण किया। गति परीक्षण में कोई त्रुटि नहीं मिली और सीआरएस सामान्य तौर पर संतुष्ट थे। इसको लेकर उत्तर मध्य रेलवे ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
–सीआरएस ने यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए दिया हरी झंडी
–28.4 किमी की चौथी लाइन पर 110 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ाई ट्रेन
-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पलवल और मथुरा जिले शामिल
इस परियोजना को रेलवे बोर्ड द्वारा 2015-16 में स्वीकृति प्रदान की गई थी और परियोजना की कुल लागत 668.7 करोड़ रूपये थी। इस परियोजना में क्रमश: हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पलवल और मथुरा जिले शामिल हैं। पहले चरण में इस परियोजना के पलवल-रुंधी खंड को सीआरएस की स्वीकृति के बाद 21 फरवरी 2019 को चालू किया गया था। इसके बाद, रुंधी-शोलाका, शोलाका-होडल और होडल-छटा खंडों को चालू किया गया और यातायात के लिए खोला गया। इसके बाद शेष छाता-भूतेश्वर खंड के चालू होने के साथ, अब यह परियोजना पूरी हो गई है, जिससे गतिशीलता के सुधार को बहुत बल मिलेगा। चौथी लाइन के चालू होने के साथ, अब उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल में अप और डाउन लाइन पर परिचालन के लिए दो-दो लाइनें उपलब्ध हो गई हैं।
एनसीआर के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने खुशी जताई है। साथ ही दावा किया कि यह रेल खंड प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक थी और अधिकारियों ने इसको पूरा करने के लिए दिन-रात काम किया है। प्रमोद कुमार ने आगरा मंडल और परियोजना के कार्यान्वयन में शामिल अधिकारियों की टीम को बधाई दी। साथ ही कहा कि इस परियोजना के पूरा होने अब ट्रेनों की समयपालन में और सुधार होगा और अब मथुरा-झांसी तीसरी लाइन और अन्य अन्य आधारभूत संरचना के कार्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने का उचित समय है।
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) शरद मेहता ने कहा कि यह उनके लिए बड़ा टारगेट था, जिसे पूरा करने के लिए दिन-रात काम किया। मेहता के मुताबिक सीआरएस निरीक्षण एक विस्तृत निरीक्षण है, जिसमें सीआरएस सूक्ष्म तरीके से हर पक्ष का आंकलन कर यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी संरक्षा संबंधी मानकों का पालन किया गया है कि, नहीं। इस के दृष्टिगत कड़ी मेहनत की थी कि और कोई कसर नहीं छोड़ी थी।