नई दिल्ली। गुजरात के जामनगर में स्थित वनतारा वन्यजीव केंद्र पर लगे आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सोमवार को टीम वनतारा ने इसे सच्चाई की जीत बताया और कहा कि वे जानवरों की सेवा में और मजबूत होकर आगे बढ़ेंगे। यह फैसला जानवरों के कल्याण और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: आरोपों पर लगी मुहरबंद रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले शामिल थे, ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने वनतारा पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया। ये आरोप मुख्य रूप से जानवरों, खासकर हाथियों की खरीद-फरोख्त, वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 का पालन न करने और विदेशों से जानवर लाने से जुड़े थे। कोर्ट ने 25 अगस्त को SIT गठित की थी, जो वंतरा के अलावा सरकारी अधिकारियों और कोर्ट्स पर भी लगे आरोपों की जांच कर रही थी।
SIT में पूर्व उत्तराखंड और तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रघुवेंद्र चौहान, पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले और सीनियर आईआरएस अधिकारी अनीश गुप्ता शामिल थे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपी, जिसमें सभी मुद्दों पर सफाई दी गई।
टीम वनतारा की प्रतिक्रिया: सच्चाई की जीत और सेवा का संकल्प
सोमवार को जारी बयान में टीम वनतारा ने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त SIT की रिपोर्ट का स्वागत करते हैं। यह रिपोर्ट और कोर्ट का आदेश साफ करता है कि वंतरा के जानवरों के कल्याण मिशन पर लगे सवाल बेबुनियाद थे।” टीम ने इसे राहत और आशीर्वाद बताया, जो उनके काम को और मजबूत बनाएगा।
उन्होंने कहा कि SIT के सम्मानित सदस्यों की यह पुष्टि न सिर्फ वंतरा के लिए खुशी की बात है, बल्कि यह हमें और समर्पण से सेवा करने की प्रेरणा देती है। “हम उन जीवों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं जो खुद बोल नहीं सकते। वंतरा परिवार पूरे दिल से आभारी है और वन्यजीव संरक्षण के लिए जीवनभर की निष्ठा दोहराता है।”
टीम ने जोर देकर कहा कि वंतरा हमेशा प्यार, दया और जिम्मेदारी पर आधारित रहा है। हर बचाया गया जानवर या चिकित्सा किया गया पक्षी हमें याद दिलाता है कि उनकी भलाई हमारी भलाई का हिस्सा है। “जब हम जानवरों की देखभाल करते हैं, तो हम इंसानियत की आत्मा की भी रक्षा करते हैं।”
आगे का रास्ता: सरकार के साथ मिलकर काम का वादा
वनतारा ने इस मौके पर भारत सरकार, राज्य सरकारों और सभी हितधारकों के साथ एकजुटता का वादा किया। उन्होंने कहा, “हम हाथी संरक्षण और जानवरों की देखभाल के इस बड़े चुनौतीपूर्ण काम में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। आइए, मिलकर मां पृथ्वी को सभी जीवों के लिए बेहतर बनाएं।”
SIT को जांच के लिए कई मुद्दे सौंपे गए थे, जैसे भारत और विदेशों से जानवरों की खरीद, CITES नियमों का पालन, पशु चिकित्सा की गुणवत्ता, निजी संग्रह बनाने के आरोप, पानी या कार्बन क्रेडिट का दुरुपयोग और वित्तीय अनियमितताएं। रिपोर्ट में इन सबको साफ कर दिया गया।
यह फैसला गुजरात वन्यजीव केंद्र और अनबॉक्स्ड वेंचर्स से जुड़े वनतारा के लिए बड़ी जीत है, जो जानवरों को बचाने और उनकी देखभाल पर फोकस करता है।
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