29.1 C
New Delhi
Sunday, September 14, 2025

सूखे मेवों के अवैध कारोबार का बडा खेल, पंजाब एवं J&K में दो बड़े समूहों पर छापेमारी

Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

—200 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब की आय का पता लगाया
–सूखे मेवों के कारोबार का अवैध खेल में लिप्त थीं कंपनियां
– 63 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी, 2 करोड़ के आभूषण जब्त
-14 बैंक लॉकरों को सील किया, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद

नई दिल्ली /अदिति सिंह : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने शुक्रवार को दावा किया कि आयकर विभाग ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और पंजाब में सूखे मेवों के कारोबार से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी के बाद 200 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब की आय का पता लगाया है। यह छापेमारी 28 अक्टूबर को की गई थी। यह समूह पिछले कुछ महीनों से सूखे मेवों की खरीद बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहा था। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक तलाशी कार्रवाई के दौरान, डिजिटल साक्ष्य सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज पाए गए और जब्त किए गए, जो यह दर्शाता है कि निर्धारिती समूह वर्षों से सूखे मेवों की खरीद को अत्यधिक बढ़ाकर दिखा रहा है।

यह भी पढें…दिवाली के बाद दिल्ली की हालात खराब, हवा खराब, सांस लेने में दिक्कत

प्रवक्ता के मुताबिक तलाशी कार्रवाई में 63 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 2 करोड़ रुपए के आभूषण जब्त किए गए हैं। 14 बैंक लॉकरों पर रोक लगा दी गई है। तलाशी कार्रवाई में 200 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय का पता चला है। आगे की जांच जारी है। इसमें कहा गया, एक कारोबारी जिसकी जांच की गई वह निर्धारित खातों के समानांतर बही खातों में भी हिसाब रख रहा था और दोनों बही खातों में दर्ज की गई बिक्री और खरीद के बीच काफी ज्यादा अंतर था। जब्त किए गए साक्ष्य इस तथ्य की भी पुष्टि करते हैं कि समूह के निदेशकों द्वारा ऐसी खरीद के लिए किए गए भुगतान के बदले बेहिसाब नकद वापस प्राप्त किया गया है।

यह भी पढें…खुशखबरी, ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाएगी मोदी सरकार

इस बात का भी प्रमाण मिला है कि एक निर्धारिती बही-खाते के समानांतर सेट को तैयार किया जा रहा था और बही-खातों के दोनों सेटों में दर्ज की गई बिक्री और खरीद के बीच एक बड़ा अंतर पाया गया है। इनमें से एक समूह सूखे मेवों की बेहिसाब खरीद और बिक्री में भी लिप्त है। तलाशी कार्रवाई के दौरान 40 करोड़ रुपये के अतिरिक्त भंडार का पता चला है। जब्त की गई सामग्री और एकत्र किए गए सबूतों के विश्लेषण से पता चलता है कि समूहों में से एक बेनामी स्वामित्व वाली कंपनी भी चला रहा है। दोनों समूहों में, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 आईबीके तहत कटौती के दावे को वास्तविक नहीं पाया गया है, जो लगभग 30 करोड़ रुपए अनुमानित है।

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Kurukshetra epaper

Latest Articles