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Saturday, October 18, 2025

औरंगजेब के सामने चट्टान बनकर खड़े हो गए थे गुरु तेग बहादुर : मोदी

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नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डैय : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीरवार की देर रात यहां लाल किला मैदान में श्री गुरु तेगबहादुर साहिब के 400वें प्रकाश पर्व को समर्पित समागम में उनको नमन किया। साथ ही कहा कि मुझे खुशी है कि आज हमारा देश पूरी निष्ठा के साथ हमारे गुरुओं के आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है। लाल किला परिसर में आयोजित दो दिवसीय गुरु पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें ऐसा भारत बनाना है, जिसका सामथ्र्य दुनिया देखे, जो दुनिया को नई ऊंचाई पर ले जाये। देश का विकास और तेज प्रगति हम सबका कर्तव्य है। इसके लिए सबके प्रयास की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि गुरुओं के आशीर्वाद से भारत अपने गौरव के शिखर पर पहुंचेगा। जब हम आजादी के 100 साल मनाएंगे, तो एक नया भारत हमारे सामने होगा। मुझे खुशी है कि आज हमारा देश पूरी निष्ठा के साथ हमारे गुरुओं के आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है। उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए एक बड़ी उम्मीद गुरु तेग बहादुर जी के रूप में दिखी थी।

शिखर पर पहुंचेगा भारत : प्रधानमंत्री
-गुरू तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व को समर्पित लाल किला पर समागम
–नई सोच, सतत परिश्रम और शत-प्रतिशत समर्पण, सिख समाज की पहचान
-गुरु तेग बहादुर को समर्पित 400 रुपए का सिक्का और डाक टिकट जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब मजहबी कट्टरता अपने चरम पर थी, मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी, तब भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए श्री गुरु तेग बहादुर जी के रूप में एक बड़ी उम्मीद की नई किरण नजर आई थी। उस समय गुरु तेग बहादुर जी ने औरंगजेब की आततायी सोच के सामने ‘हिन्द दी चादर बनकर चट्टान भांति खड़े हो गए थे। उन्होंने कहा कि धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्मशोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थेे, जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी।

औरंगजेब के सामने चट्टान बनकर खड़े हो गए थे गुरु तेग बहादुर : मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई सोच, सतत परिश्रम और शत-प्रतिशत समर्पण, ये आज भी हमारे सिख समाज की पहचान है। आजादी के अमृत महोत्सव में आज देश का भी यही संकल्प है। हमें अपनी पहचान पर गर्व करना है। हमें लोकल पर गर्व करना है, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आजादी को और सैकड़ों वर्षों की गुलामी से मुक्ति के संघर्ष को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा से अलग करके नहीं देखा जा सकता है। यही वजह है कि देश आजादी के अमृत महोत्सव को गुरु तेग बहादुर साहिब के 400वें प्रकाश पर्व के साथ मनाया जा रहा है।

औरंगजेब के सामने चट्टान बनकर खड़े हो गए थे गुरु तेग बहादुर : मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब अफगानिस्तान में संकट पैदा होता है, हमारे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को लाने का प्रश्न खड़ा होता है, तो भारत सरकार पूरी ताकत लगा देती है। भारत ने कभी किसी देश या समाज के लिए खतरा नहीं पैदा किया। आज भी हम पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचते हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं केंद्र सरकार ने मिलकर यह कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर कार्यक्रम के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से रागी और बच्चों ने  शबद कीर्तन  प्रस्तुत किया, जिसे प्रधानमंत्री ने बड़े गौर से सुना। इसके अलावा गुरु तेग बहादुर जी के जीवन को दर्शाने वाला एक भव्य लाइट एंड साउंड शो भी पेश किया गया। कार्यक्रम नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर के उपदेशों को रेखांकित करने पर केंद्रित है।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी, पंजाब सरकार के मंत्री हरजोत सिंह, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, भाजपा नेता मनजिंदर ङ्क्षसह सिरसा, सभी तख्तों के जत्थेदार साहिबान एवं हेड ग्रंथी, दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका सहित देशभर की सिख संगतें इस ऐतिहासिक क्षण की गवाह बनीं।

शबद कीर्तन सुनकर जो शांति मिली…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी शबद कीर्तन सुनकर जो शांति मिली, वो शब्दों में अभिव्यक्त करना मुश्किल है। आज मुझे गुरू को समर्पित स्मारक डाक टिकट और सिक्के के विमोचन का भी सौभाग्य मिला है। मैं इसे हमारे गुरूओं की विशेष कृपा मानता हूं।
इससे पहले 2019 में हमें गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व और 2017 में गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का भी अवसर मिला था।

अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहिब

पीएम मोदी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहब भी है। ये पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था। सैकड़ों काल की गुलामी से मुक्ति को, भारत की आजादी को, भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा से अलग करके नहीं देखा जा सकता। इसलिए आज देश आजादी के अमृत महोत्सव को और गुरु तेग बहादुर साहिब के 400वें प्रकाश पर्व को एक साथ मना रहा है।

अहम कालखण्डों का साक्षी रहा लालकिला

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये लालकिला कितने ही अहम कालखण्डों का साक्षी रहा है। इस किले ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी परखा है। आजादी के बाद के 75 वर्षों में भारत के कितने ही सपनों की गूंज यहां से प्रतिध्वनित हुई है। इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहूत विशेष हो गया है। इस पुण्य अवसर पर सभी दस गुरुओं के चरणों में नमन करता हूँ। आप सभी को, सभी देशवासियों को और पूरी दुनिया में गुरुवाणी में आस्था रखने वाले सभी लोगों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई देता हूं।

गुरु नानकदेव जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुरु नानकदेव जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। गुरु तेग बहादुर जी के अनुयायी हर तरफ हुये। पटना में पटना साहिब और दिल्ली में रकाबगंज साहिब, हमें हर जगह गुरुओं के ज्ञान और आशीर्वाद के रूप में ‘एक भारतÓ के दर्शन होते हैं। पिछले वर्ष ही हमारी सरकार ने, साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया।

सिख परंपरा के तीर्थों को जोडऩे के लिए सर्किट बनेगा

पीएम मोदी ने कहा कि सिख परंपरा के तीर्थों को जोडऩे के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। श्री गुरुग्रंथ साहिब जी हमारे लिए आत्मकल्याण के पथप्रदर्शक के साथ साथ भारत की विविधता और एकता का जीवंत स्वरूप भी हैं। उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के जरिये आंनदपुर एवं अमृतसर साहिब को जोड़कर तीर्थ सर्किट बना रहे हैं । इसके अलावा श्री हेमकुंड साहिब में रोपवे बनाने का कार्य कर रहे हैं।

सिक्का और यादगारी टिकट जारी किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को लाल किले पर आयोजित गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व समारोह में गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित 400 रुपए का विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी किया। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होने जो सौभाग्य मिला है। मुझे गुरू को समर्पित स्मारक डाक टिकट और विशेष सिक्के का विमोचन करने का सौभाग्य मिला है। इसके लिए मैं गुरुओं की विशेष कृपा मानता हूं।

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