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Thursday, August 28, 2025

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जीओएम को सौंपेंगी संबोधन, जीएसटी फ्रेमवर्क में आगामी सुधारों पर होगी चर्चा

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नई दिल्ली, 20 अगस्त: भारत सरकार के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का संचालन किया, जिसमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर नए प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इस बैठक का मकसद है कि देश में जीएसटी का सिस्टम ज्यादा आसान, पारदर्शी और उपभोक्ताओं के लिए सस्ता बनाया जाए। ये प्रस्ताव इस साल के अंत में लागू करने की दिशा में कदम साबित हो सकते हैं।

सरलीकृत और दो-स्तरीय जीएसटी सिस्टम का प्रस्ताव

वित्त मंत्रालय ने अब नए तरीके का जीएसटी सिस्टम सुझाया है। इसके अनुसार, अब पूरी तरह से सरल और दो स्तर वाला कर ढांचा लागू किया जाएगा। वर्तमान में जीएसटी में कुल चार स्लैब होते हैं — 5%, 12%, 18% और 28%, लेकिन नई योजना में इन चारों को एक साथ मिलाकर सिर्फ दो स्लैब रखे जाएंगे।

पहल में कहा गया है कि 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो सरल दरें हैं, जिनके साथ कुछ वस्तुओं के लिए विशेष कर की दरें भी होंगी। इन खास वस्तुओं में तंबाकू, पान मसाला, ऑनलाइन गेमिंग जैसी अवगुण वस्तुएं शामिल हैं, जिनके ऊपर 40 प्रतिशत की विशेष दर लगाई जाएगी। साथ ही, प्रस्तावित रेट स्ट्रक्चर में शामिल है कि 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के स्लैब को हटा दिया जाएगा। इससे वस्तुएं सस्ती और आम लोगों के बेहतर उपयोग के काबिल बनेंगी।

जीएसटी का नया ढांचा कैसे होगा?

इस नए प्रस्ताव के मुताबिक, जीएसटी को दो बड़े हिस्सों में बांटा जाएगा:

  • 5 प्रतिशत दर: इसमें मध्यम वर्ग, छोटे उद्योग, एमएसएमई और किसान जैसी वर्ग की वस्तुएं आएंगी। इस दर का मकसद आम आदमी का जीवन आसान बनाना है।
  • 18 प्रतिशत दर: इसमें अधिकतर वस्तुएं और सेवाएं शामिल होंगी। यह मौजूदा अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं का रेट होगा, जिसे जनता को आसानी से समझ आ सके।

कुछ खास वस्तुएं, जैसे तंबाकू, पान मसाला, और ऑनलाइन गेमिंग, पर 40 प्रतिशत की विशेष उच्चतम दर लगाने का विचार है। इससे इन वस्तुओं पर टैक्स का बोझ भी बढ़ेगा।

क्या बदलाव आएगा?

  • उपभोक्ताओं को फायदा: प्रस्तावित सिस्टम के लागू होने से वस्तुएं काफी सस्ती हो जाएंगी। अब हर रोज की जरूरत की वस्तुएं संभवतः कम दामों में मिल सकेंगी।
  • सरकार को फायदा: आसान और साफ टैक्स सिस्टम से टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी होगी, जिससे सरकार की आमदनी भी बढ़ेगी।

बैठक की महत्ता और अंतिम फैसला कब होगा?

यह बैठक दो दिनों तक चलेगी, जिसमें बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति चर्चा करेगी। इस समिति का उद्देश्य है कि किस तरह नए रेट स्ट्रक्चर को लागू किया जाए।

बैठक के खत्म होते-होते, सरकार का लक्ष्य है कि 18-19 सितंबर को जीएसटी परिषद की बैठक बुलाकर इस ऐतिहासिक प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाए। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में देश के बदलाव का संकेत दे चुके हैं।

सरल जीएसटी का सपना: जनता और कारोबार दोनों की सुविधा

प्रधानमंत्री ने कहा था कि आने वाले वर्षों में भारत का टैक्स सिस्टम और ज्यादा सरल होगा। इससे न सिर्फ सरकार का राजस्व बढ़ेगा, बल्कि जनता का जीवन आसान होगा। नए प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य है कि छोटे कारोबारियों, मध्यम वर्ग और किसानों को राहत मिले।

क्या हैं मुख्य बातें?

  • 1. दो स्लैब (5% और 18%): सरल कर संरचना
  • 2. विशेष वस्तुओं पर 40% का कर: तंबाकू, पान मसाला, ऑनलाइन गेमिंग
  • 3. मौजूदा 12% और 28% हटाए जाएंगे
  • 4. वस्तुओं का वर्गीकरण: मेरिट (5%) और स्टैंडर्ड (18%)

यह बदलाव भारत की टैक्स व्यवस्था को और अधिक व्यापक, पारदर्शी और उपभोक्ताओं के अनुकूल बनाने का एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

आसान और सस्ता कर प्रणाली बनाने का कदम

सरकार ने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा कि नए सिस्टम से लगभग 99% वस्तुएं 5% की दर में आ सकती हैं। इससे लागत कम होगी और आम जनता को राहत मिलेगी। सरकार का यह कदम देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

अंत में, उम्मीद है कि सितंबर में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में इन प्रस्तावों पर सहमति बन जाएगी, और हम जल्द ही अधिक सरल, कम टैक्स वाले दौर में पहुंचेंगे।

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