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Sunday, June 15, 2025

सरकार ने कसा शिकंजा : 10 यूट्यूब चैनलों के 45 यूट्यूब वीडियो प्रतिबंधित

नई दिल्ली /अदिति सिंह : देश में घृणा फैलाने एवं सांप्रदायिक सद्भाव बिगाडऩे वाले 45 यू-ट्यूब वीडियो पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021 के तहत अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म यू-ट्यूब चैनलों के 45 वीडियो पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश 23 सितम्बर से प्रभावी है। इन वीडियो को सवा करोड़ से अधिक लोगों ने देखा है। यह कार्रवाई खुफिया एजेंसियों की जानकारी के आधार पर की गई है। मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक इनकी विषय वस्तु (कंटेंट) में धार्मिक समुदायों के बीच नफरत फैलाने के इरादे से फैलाई गई फर्जी खबरें और मॉफ्ड वीडियो शामिल थे। मसलन, इनमें ऐसे झूठे दावे शामिल हैं कि सरकार ने कुछ समुदायों के धार्मिक अधिकारों को छीन लिया है, धार्मिक समुदायों के खिलाफ हिंसक धमकियां दी गई हैं, भारत में गृह युद्ध की घोषणा हो गई है, आदि। ऐसे वीडियो में देश में सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करने और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने की क्षमता पाई गई है।

-हेट स्पीच और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने पर हुई कार्रवाई
-भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश
-मॉफ्ड तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल किया गया, गलत खबरें भी चलाई

मंत्रालय द्वारा ब्लॉक किए गए कुछ वीडियो का उपयोग अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र, कश्मीर आदि से संबंधित मुद्दों पर दुष्प्रचार फैलाने के लिए किया जा रहा था। इनकी विषय वस्तु को राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी मुल्कों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिहाज से गलत और संवेदनशील पाया गया। इसके अलावा कुछ वीडियो में भारतीय क्षेत्र के बाहर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों से लगी भारत की बाहरी सीमा को गलत तरीके से दर्शाया गया है। इस तरह की नक्शों, ग्राफिक्स से जुड़ी गलत बयानी को भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए हानिकारक पाया गया।
मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक ब्लॉक की गई विषय-वस्तु (कंटेंट) को भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी मुल्कों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों और देश में सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक पाया गया। इसीलिए संबंधित विषय-वस्तु को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के दायरे में शामिल किया गया।
प्रवक्ता के मुताबिक केंद्र सरकार भारत की संप्रभुता और अखंडता, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर करने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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