29.1 C
New Delhi
Tuesday, October 14, 2025

सुरक्षा बलों को लेकर नये’मॉडल’पर काम कर रहा है गृह मंत्रालय

-Advertisement-
-Advertisement-
Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

नई दिल्ली \ टीम डिजिटल | 24 सितंबर । सरकार सीमा की सुरक्षा करने वाले बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी जैसे सुरक्षा बलों को चरणबद्ध तरीके से आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियों से मुक्त करने की”महत्वाकांक्षी’योजना पर काम कर रही है। इसका उद्देश्य देश की विभिन्न सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करना है।

आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि पिछले साल केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इन बलों की बैठक में पहली बार इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी। प्रस्ताव के अुसार गृह मंत्रालय एक नये’ मॉडल’पर काम कर रहा है, जिसके तहत चुनाव कराने समेत आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियों का अधिकतम भार देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) उठाएगा। तीन लाख 25 हजार सुरक्षार्किमयों वाले सीआरपीएफ को पहले ही देश के अग्रणी आंतरिक सुरक्षा बल के तौर पर चिन्हित किया जा चुका है। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने प्रस्ताव के हवाले से बताया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों में उपचुनाव के दौरान एक नया प्रयोग किया जाएगा, जिसके तहत इन चुनावों में राज्य के पुलिस बल और सीआरपीएफ को 70:30 के अनुपात में तैनात किया जाएगा।

चुनाव कराने समेत आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियों का अधिकतम भार सीआरपीएफ उठाएगा

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,’चुनाव के दौरान सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी सीआरपीएफ के हाथों में होगी। सीमा की सुरक्षा करने वाले बल जैसे सीमा सुरक्षा बल और सशस्त्र सीमा बल को चरणबद्ध तरीके से चुनाव जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाएगा। अधिकारी ने कहा,गृह मंत्रालय ने तय किया है कि इन तीनों बलों को चुनाव और कानून-व्यवस्था बरकरार रखने में राज्य के पुलिस बलों की मदद जैसी नियमित आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियों से अगले कुछ वर्षो में पूरी तरह मुक्त किया जाए। प्रतिवर्ष, इन बलों के हजारों सैनिकों को सीमा से हटाकर चुनाव और विभिन्न राज्यों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की मदद के लिये भेज दिया जाता है।

अधिकारी ने कहा कि सीमा की सुरक्षा करने वाले बलों को पहले ही संबंधित सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने का निर्देश दिया जा चुका है। इनमें और अधिक चौकियों का संचालन शुरू करने तथा आंतरिक सीमा चौकियों के बीच दूरी को कम करने जैसे कार्य शामिल हैं। एक ओर जहां बीएसएफ पाकिस्तान से लगी 3,300 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा और बांग्लादेश से लगी 4,096 किलोमीटर लंबी संवेदनशील अंतराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करता है, वहीं आईटीबीपी का काम चीन से लगी 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा करना है। एसएसबी नेपाल से लगी 1,757 किलोमीटर लंबी सीमा और भूटान से लगी 688 किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा करता है। वहीं असम राइफल का काम म्यांमा से लगी सीमा की रक्षा करना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Kurukshetra epaper

-Advertisement-

Latest Articles