–दिल्ली में भारी सुरक्षा, सभी सीमाएं सील, केंद्र ने राज्यों को दिए निर्देश
-शांति-व्यवस्था बनाए रखने को उठाए जाएं ऐतिहाती कदम
—किसानों ने इस बंद में देशवासियों से सहयोग और समर्थन की अपील की
— देश की 24 सियासी पार्टियां और दर्जनों ट्रेड यूनियन्स ने समर्थन का ऐलान किया
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल । मोदी सरकार द्वारा पास किये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों का भारत बंद आज है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी ऐतिहाती कदम उठाने का निर्देश दिया है। बंद से पहले केंद्र की ओर से जारी एडवायजरी में राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन कराने पर विशेष जोर देने को कहा गया है।
बीते 11 दिनों से कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर जटे किसानों ने मंगलवार, 8 दिसम्बर को भारत बंद का आह्वान किया है। किसानों ने इस बंद में देशवासियों से सहयोग और समर्थन की अपील की है। इस बीच देश की 24 सियासी पार्टियां और दर्जनों ट्रेड यूनियन्स ने किसानों के भारत बंद को समर्थन का ऐलान कर दिया है। इसमें कांग्रेस, एनसीपी, आरजेडी, सपा, बसपा, द्रमुक, टीआरएस और सीपीआई (एम), सीपीआई, सीपीआई (एमएल), झारखंड मुक्ति मोर्चा, शिव सेना, शिरोमणि अकाली दल, गुपकार अलाएंस, टीएमसी, एआईएमआईएम, आम आदमी पार्टी, पीडब्ल्यूपी, बीवीए, आरएसपी, फारवर्ड ब्लाक, जेडी-एस, एसयूसीआई-सी, स्वराज इंडिया जैसे प्रमुख सियासी दल शामिल हैं। किसानों के भारत बंद को मिल रहे समर्थन को देखते हुए केंद्र सरकार पूरी सतर्कता बरत रही है। केंद्र को चिंता है कि किसानों की आड़ में असामाजिक तत्व कहीं कोई हंगामा न खड़ा कर दें। इसके मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवायजरी जारी किया है। सभी राज्यों को हर ऐतिहाती कदम उठाने को कहा है ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। बंद के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती सीमाओं पर तैनाती बढ़ाते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
दफ्तर जाने, शादियों में नहीं डालेंगे बाधा
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बंद के दौरान किसी को परेशान नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बंद सुबह 11 बजे से शाम 3 बजे तक रहेगा। इस दौरान जरूरी सेवाएं भी बंद रखी जाएंगी, लेकिन एंबुलेंस और शादियों में बाधा नहीं पहुंचाई जाएगी। लोग शादी का कार्ड दिखा कर जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि हम आम लोगों के लिए समस्या नहीं खड़ा करना चाहते। बंद शांतिपूर्ण रहेगा। किसी को भी हिंसक होने की इजाजत नहीं दी गई है। उन्होंने सरकार को चेतवानी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और दिल्ली आने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने सीमाएं सील की
दिल्ली यातायात पुलिस ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि सिंघु, औचंदी, पियाओ मनीयारी, मंगेश, टिकरी और झरोदा बॉर्डर बंद हैं। यातायात पुलिस ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 भी दोनों तरफ से बंद है। पुलिस ने इस मार्ग पर यात्रा कर रहे लोगों से वैकल्पिक लामपुर, साफियाबाद, सफोली बॉर्डरों से यात्रा करने की सलाह दी है। वहीं मुकरबा और जीटीके रोड पर भी यातायात को मोड़ा गया है। नोएडा की ओर जाने वाले लोगों को डीएनडी से जाने की सलाह की गई है क्यों कि नोएडा रिंग रोड पर चिल्ला बॉर्डर भी यातायात के लिए बंद है। लोगों को दिल्ली आने के लिए एनएच-24 का इस्तेमाल करने की बजाए अप्सरा, भोपरा, डीएनडी के जरिए आने की सलाह दी है। दिल्ली यातायात पुलिस ने कहा कि बाडुसराय सीमा हल्के वाहनों, कार और दोपहिया वाहनों के लिए खुला है, जबकि झाटीकारा सीमा सिर्फ दोपहिया वाहनों के आने-जाने के लिए खुला है।
किसानों के मन की बात सुने सरकारः कांग्रेस
कांग्रेस ने किसान संगठनों के भारत बंद से एक दिन पहले सोमवार को कहा कि सरकार को अहंकार छोड़ कर किसानों के मन की बात सुननी चाहिए और कृषि संबंधी तीनों काले कानूनों को वापस लेना चाहे। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया-सरकार को कृषि कानूनों को रद्द करना होगा और इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा। वहीं कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि देश का किसान राजनीतिक दायरे से ऊपर उठ कर एकजुट है। हरित क्रांति में नेतृत्व की भूमिका निभाने वाले पंजाब ने खेती व्यापारीकरण के खिलाफ क्रांति की है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा और संसद के नए भवन पर करोड़ों रुपये खर्च करने की बजाए सरकार को पहले किसानों की समस्या सुननी चाहिए।