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Sunday, September 14, 2025

Amit Shah का ऐलान, Manipur हिंसा की जांच न्यायिक आयोग करेगा, बनेगी शांति कमेटी

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इम्फाल /नेशनल ब्यूरो । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए उच्च न्यायालय (high Court) के मुख्य न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा। लगातार तीन दिनों तक राज्य के विभिन्न हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने और राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों से चर्चा के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में शाह ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके (Anusuiya Uike) की अध्यक्षता में एक शांति समिति के गठन और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे के साथ ही राहत और पुनर्वास पैकेज की भी घोषणा की। शाह ने हिंसा के लिए मणिपुर उच्च न्यायालय की ओर से ‘जल्दबाजी’ में लिए गए फैसले को दोषी ठहराया और कहा, मणिपुर में जारी संकट का एकमात्र समाधान बातचीत है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा, हिंसा एक अस्थायी चरण था, गलतफहमियां दूर हो जाएंगी स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने लोगों से अफ़वाहों पर ध्यान ना देने और राज्य में शांति बनाए रखने की अपील की और साथ ही उग्रवादी समूहों को चेतावनी दी कि वे अगर ‘संचालन का निलंबन (SOO) संधि’ का किसी भी प्रकार से उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, किसी भी प्रकार का विचलन होने पर कठोरता से संज्ञान लिया जाएगा और इसे संधि भंग करना माना जाएगा।

समझौते की शर्तों का पालन कीजिये। उन्होंने कहा कि राज्य में हथियारों की जब्ती के लिए पुलिस शुक्रवार से जांच अभियान चलाएगी। शाह ने कहा, हिंसा होने के कारण क्या हैं और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। इन सभी की जांच के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग गठित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसकी जांच भारत सरकार की ओर से कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति का गठन भी करेगी, जिसमें कुकी और मेइती समुदायों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा सभी राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि होंगे। शाह ने कहा कि मणिपुर में सुरक्षा की दृष्टि से काम कर रही विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस के सेवानिवृत्त महानिदेशक कुलदीप सिंह की अध्यक्षता में एक ‘इंटर एजेंसी यूनिफाइड कमांड’ की व्यवस्था की जाएगी। गृह मंत्री ने यह भी घोषणा की कि मणिपुर में हिंसा के पीछे पांच आपराधिक साजिशों और एक सामान्य साजिश की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की जांच शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा, मैं सभी मणिपुर वासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि किसी भी पक्षपात और भेदभाव के बगैर हिंसा के मूल तक जाकर जांच और दोषियों को दंडित करने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आगे इस तरह की हिंसा न हो।

हिंसा में जान गंवाने वालों के परिजनों को मिलेंगे 10 लाख

केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) ने घोषणा की कि हिंसा में जान गंवाने वालों के परिजनों को भारत सरकार की ओर से पांच-पांच लाख रुपये और राज्य सरकार की ओर से पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ये राशि पीड़ित परिवारों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी। शाह ने कहा कि मणिपुर में सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलें, इसके लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी और अलग-अलग मंत्रालयों के पांच निदेशक स्तर के अधिकारी मणिपुर में उपस्थित रहेंगे।

भारत-म्यांमार सीमा मुद्दे के स्थायी समाधान होगा

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि भारत-म्यांमार सीमा मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए दोनों देशों के बीच सीमा पर बाड़ लगाने का काम पूरा करने की जरूरत होगी। ऐसी आशंकाएं हैं कि इस खुली सीमा का इस्तेमाल मादक पदार्थों की तस्करी और उग्रवादियों की आवाजाही के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों के बायोमेट्रिक्स एकत्र किए जा रहे हैं। शाह ने कहा कि उन्होंने राहत शिविरों का दौरा किया, कुकी और मेइती दोनों नागरिक समूहों से मुलाकात की और शांति प्रक्रिया पर चर्चा की। उन्होंने दावा किया कि करीब छह साल पहले मणिपुर में सत्ता में आने वाली भारतीय जनता पार्टी ने यह सुनिश्चित किया कि पूर्वोत्तर का यह राज्य बंद, कर्फ्यू आदि से मुक्त रहे। कुकी समुदाय की एक अलग प्रशासनिक इकाई की मांग के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार ने मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता पर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है। मैं इस मुद्दे को सनसनीखेज बनाने और सुर्खियां बटोरने के लिए कोई बयान नहीं देना चाहता।

मणिपुर में 30,000 मीट्रिक टन चावल भेजा

अमित शाह ने कहा कि मणिपुर में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने निर्धारित कोटे के अतिरिक्त 30,000 मीट्रिक टन चावल भेजा है। साथ ही गैस सिलिंडर, पेट्रोल और सब्जियों की आपूर्ति की व्यवस्था भी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि खोंगसांग रेलवे स्टेशन पर एक अस्थायी प्लेटफॉर्म बनाकर मणिपुर को देश के बाकी हिस्सों से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाएगी। शाह ने बताया कि आवागमन मे सुगमता के लिए चूड़ाचांदपुर, मोरेह और कांगपोकपी से अस्थायी हेलीकॉप्टर सुविधा शुरू की जा रही है, जिससे सिर्फ 2000 रूपए प्रति व्यक्ति की दर से लोगों को एयरपोर्ट और सुदूर स्थानों तक यातायात सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस सेवा का बाकी खर्चा भारत सरकार और मणिपुर सरकार उठाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाई गई आठ चिकित्सा दल में से तीन दल मणिपुर पहुंच चुके हैं और पांच दल जल्द पहुंचने वाले हैं। ये दल मोरेह, चूड़ाचांदपुर और कांगपोकपी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।

राज्य में छिटपुट घटनाएं भी जारी

इस बीच, अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में बुधवार रात संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ बुधवार रात को कुंबी पुलिस थाने के अंतर्गत तांगजेंग में हुई। उन्होंने बताया कि घायलों को इंफाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा, इंफाल पूर्व जिले के चानुंग में भी भारी गोलीबारी की खबर है। हमें अभी तक वहां से किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है।सेना और पुलिस छिपे हुए हथियारों के जखीरे के लिए राज्यव्यापी तलाशी अभियान चला रही हैं। अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन द्वारा निगरानी और सुरक्षा बलों की तैनाती भी जारी है। अधिकारियों ने बताया कि संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है।

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