अगरतला, 21 सितंबर 2025: त्रिपुरा के 524 साल पुराने माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर का कायाकल्प हो चुका है। यह मंदिर हिंदुओं के 51 पवित्र शक्तिपीठों में से एक है। नवरात्रि के पहले दिन, 22 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पुनर्विकसित मंदिर परिसर का उद्घाटन करेंगे। यह मंदिर त्रिपुरा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है।
पीएम मोदी का त्रिपुरा दौरा
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार दोपहर अरुणाचल प्रदेश से अगरतला पहुंचेंगे। इसके बाद वे उदयपुर के माताबाड़ी में स्थित इस मंदिर जाएंगे, जहां वे मंदिर परिसर के विकास कार्यों का उद्घाटन करेंगे और माता त्रिपुर सुंदरी की पूजा-अर्चना करेंगे। यह मंदिर गोमती जिले के उदयपुर में स्थित है और इसे 1501 में महाराजा धन्य माणिक्य ने बनवाया था।
52 करोड़ से हुआ मंदिर का पुनर्विकास
पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना (तीर्थयात्रा पुनरुद्धार एवं आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान) के तहत 52 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से मंदिर का पुनर्विकास किया गया है। त्रिपुरा सरकार ने भी इस परियोजना में 7 करोड़ रुपये का योगदान दिया। इस पुनर्विकास से मंदिर का स्वरूप और सुविधाएं और आकर्षक हो गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिलेगा।
माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर की खासियत
यह मंदिर भगवान शिव की अर्द्धांगिनी देवी पार्वती के अवतार माता त्रिपुर सुंदरी को समर्पित है। मंदिर का गर्भगृह चौकोर आकार का है, जिसे बंगाल की पारंपरिक झोपड़ी की शैली में बनाया गया है। मंदिर के पीछे कल्याणसागर झील इस परिसर की सुंदरता को और बढ़ाती है। इस झील में कछुए विचरण करते हैं, जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
मंदिर पूर्वी भारत में कोलकाता के कालीघाट मंदिर और गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर के बाद तीसरा प्रमुख शक्तिपीठ है। हर साल दीपावली के दौरान देशभर से हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
त्रिपुरा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
15 अक्टूबर 1949 को महारानी कंचन प्रभा देवी और भारतीय गवर्नर जनरल के बीच हुए विलय समझौते के बाद त्रिपुरा की रियासत भारत का हिस्सा बनी। यह मंदिर त्रिपुरा की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का जीवंत उदाहरण है।
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने जताई खुशी
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंदिर के पुनर्विकसित परिसर का एक वीडियो साझा किया। उन्होंने लिखा, “प्रसाद योजना के तहत माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर के नए ढांचे का रात का मनमोहक दृश्य हर किसी को आकर्षित करेगा। यह परिसर माता के प्रति हमारी सरकार की श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है। त्रिपुरा की जनता 22 सितंबर को पीएम मोदी के उद्घाटन का बेसब्री से इंतजार कर रही है।”
51 शक्तिपीठ पार्क का निर्माण
गोमती जिले के बंदुआर में मंदिर से 4 किलोमीटर दूर 97.70 करोड़ रुपये की लागत से 51 शक्तिपीठ पार्क का निर्माण चल रहा है। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने 13 जुलाई को इसकी आधारशिला रखी थी। इस पार्क में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए फूड कोर्ट, दुकानें, पेयजल, पार्किंग, अतिथि आवास और पौराणिक कथाओं पर आधारित संग्रहालय जैसी सुविधाएं होंगी।
क्यों है यह मंदिर खास?
माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर त्रिपुरा की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान का केंद्र है। पुनर्विकास के बाद यह मंदिर और अधिक भव्य हो गया है, जिससे पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है। नवरात्रि के पहले दिन पीएम मोदी का दौरा इस मंदिर की महत्ता को और बढ़ाएगा।
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