दिल्ली-कोलकाता रूट पर पैसेंजर ट्रेनों की बढ़ेगी 3 गुना रफ़्तार
– अगले महीने शुरू होगा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
-डीएफसी कॉरिडोर शुरू होने के बाद दिल्ली आने वाली गाड़ियों में नहीं होगी देरी
-70 फीसदी मालगाड़ी होगी शिफ्ट, बढेगा कारोबार, समय पर पहुँचेगा माल
(आकर्ष शुक्ला )
नई दिल्ली 16 नवम्बर । मालगाड़ियों के लिए अलग से बनाए जा रहे रेल गलियारों में पूर्वी गलियारे के उत्तर प्रदेश स्थित खुर्जा-भदान खंड को यातायात के लिए अगले महीने औपचारिक रूप से कारोबार के लिए खोल दिया जाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के इस पहले कोरिडोर का उद्घाटन करेंगे। इस 194 किलोमीटर के खंड पर मालगाड़ियों का परिचालन 75 से 100 किमी की रफ़्तार से शुरू हो जाएगा। इसके बाद दिल्ली-कोलकाता रेल मार्ग से 70 फीसदी मालगाड़ी इस कॉरिडोर पर शिफ्ट हो जाएगी। ऐसा होते ही सबसे बिजी दिल्ली-कोलकाता रेल रूट पर पैसेंजर ट्रेनों की रफ़्तार तीन गुना ज्यादा बढ़ जाएगी। साथ ही यूपी, बिहार, बंगाल से आने वाली ट्रेने समय पर आने लगेगी।
रेल राज्य मंत्री सुरेश आँगड़ी (Suresh Angadi ) ने शुक्रवार को टूंडला में डीएफसी कॉरिडोर का जायजा भी लिया। इस मौके पर
रेल राज्य मंत्री सुरेश आँगड़ी ने बताया डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के बनने से लॉजिस्टिक की लागत में पांच से सात प्रतिशत की कमी आएगी। सरकार दिल्ली से चेन्नई मुंबई से कोलकाता कोलकाता से चेन्नई के बीच में नए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर योजना बनाने पर विचार कर रही है
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ट्रेनों की पंचुअल्टी में होगा सुधार
भारतीय समर्पित मालवहन गलियारा निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनुराग सचान ने बताया कि खुर्जा-भदान खंड पर मालगाड़ियों का वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने के बाद मालगाड़ियों को इस पर चलाया जाएगा। इससे राष्ट्रीय राजधानी प्रक्षेत्र में आने वाली गाड़ियों की समयबद्धता पर अच्छा असर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस खंड पर मालगाड़ियों की औसत गति 65 से 70 किलोमीटर प्रतिघंटा शुरुआत में हो जाएगी। उन्होंने बताया कि पश्चिमी गलियारे में रेवाड़ी से पालनपुर के बीच करीब साढ़े छह सौ किलोमीटर का खंड मार्च 20 20 तक चालू हो जाएगा, जबकि दादरी से खुर्जा एवं दादरी से रेवाड़ी के खंड पर मार्च 2021 तक यातायात शुरू होगा। दिसंबर 2021 तक जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह से दादरी और दादरी से सोननगर तक डीएफसी खुल जाएगा।
सोननगर से दानकुनी के लिए 87 प्रतिशत भू-अधिग्रहण हो गया है और इसी साल निविदा जारी कर दी जाएगी।बता दें कि दिल्ली-कानुपर के बीच लगभग 240 मालागाड़ियां चलेंगी। सुरक्षा की दृष्टि से 24 घंटे में 4 घंटे के लिए परिचालन पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा। इस दौरान रेलवे ट्रैक, सिग्नल सिस्टम, रोलिंग स्टॉक आदि की मरम्मत आधुनिक तकनीक से की जाएगी। जिससे डीएफसी को एक्सीडेंट फ्री बनाया जा सके।
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प्रयागराज में बनाया ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर
पूर्वी डीएफसी पर गाड़ियों के परिचालन को नियंत्रित करने के लिए प्रयागराज में एक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर बनाया गया है जिसमें विश्व का दूसरी सबसे बड़ी वीडियो वॉल बनाई गई है। डीएफसी के महाप्रबंधक (ऑपरेशन) वेद प्रकाश की माने तो डीएफसी पर सिगनल, विद्युतीकरण एवं ट्रैक की जो तकनीक का प्रयोग किया गया है उससे एक दिन में 120 हैवी हॉल मालगाड़ियां एक दिशा में चलाई जा सकेंगी। इनमें रो-रो सेवा भी शामिल होगी। एक हैवी हॉल मालगाड़ी में करीब 105 वैगन होते हैं और करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी इस गाड़ी में लगभग 13 हजार टन सामान जा सकेगा। इस प्रकार से एक मालगाड़ी करीब 1300 ट्रकों का सामान द्रुत गति से पहुंचा सकेगी। उन्होंने कहा कि डीएफसी पर सीमेंट की ढुलाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
अगले 30 साल में 35 करोड़ टन कार्बन
डाइऑक्साइड का कम उत्सर्जन
डीएफसी के महाप्रबंधक (ऑपरेशन) वेद प्रकाश ने बताया कि डीएफसी के पूर्ण रूप से शुरू होने के बाद विश्व बैंक के अध्ययन के मुताबिक अगले 30 साल में 35 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड का उर्त्सजन कम होगा। डीएफसी के अधीन हैवी हॉल अनुसंधान संस्थान के साथ शोध एवं विकास पहल के तहत ऑस्ट्रेलिया के वॉलोन्गॉन्ग विश्वविद्यालय के साथ सहयोग के एक करार हुआ है।
ट्रेनों की होगी जीपीएस मोनिटरिंग
डीएफसी के महाप्रबंधक (ऑपरेशन) वेद प्रकाश ने बताया कि डीएफसी पर 1.5 किलोमीटर लंबी माल गाड़ियां 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। माल गाड़ी का टाइम टेबल से चलेंगे जीपीएस मॉनिटरिंग होगी बारकोडिंग से माल भेजने में वाले व्यापारी मालगाड़ी की वास्तु स्थिति की जानकारी ले सकेंगे। पूर्वी और पश्चिमी समूचे कॉरिडोर पर एक भी रेलवे क्रॉसिंग नहीं होगी जिससे हादसे की संभावना संभावना शून्य होगी भारतीय रेलवे के मार्गों पर बीएससी एलिवेटेड बनाया गया है।