-BJP के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पारित
—प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को दुनिया के सामने मिसाल के तौर पर पेश किया
-आम बजट को बताया ऐतिहासिक, देश के विकास की नींव को मजबूत करेगा
–चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के दौरान उपयुक्त कदम उठाने को भी रेखांकित किया गया
–कोरोना महामारी के चलते जान गंवाने वाले लोगेां के प्रति संवेदना प्रकट की
नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय पदाधिकारियों की यहां हुई अहम बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कृषि क्षेत्र में सुधार और कोविड-19 महामारी के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया गया। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की चुनौती से बखूबी निपटते हुए दुनिया के सामने भारत को एक मिसाल के तौर पर पेश किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में बैठक की अध्यक्षता भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा ने की। नई दिल्ली के एनडीएमसी कनवेंशन सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय बैठक में पास प्रस्ताव की जानकारी देते हुए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. रमन सिंह ने कहा कि कोरोना के दौरान भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस संकट से निपटने की थी, क्योंकि 130 करोड़ की आबादी वाले देश में स्वास्थ्य संबंधी मूलभूत सुविधाएं मजबूत नहीं थी। इसके बावजूद प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व के चलते लॉकडाउन के 48 घंटे के भीतर करोड़ों गरीब मजदूर आबादी को राहत देने के लिए 2.76 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की गई।
इससे 80 करोड़ जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि कोरेाना काल में सेवा के संकल्प में संगठन को गतिशील करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, जिसके चलते सेवा ही संगठन कार्यक्रम से 22 करोड़ से अधिक लोगों को खाने की व्यवस्था की गई। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत के कारण भारत ने दो-दो कोरोना वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल की। आज दुनिया के 17 देशों को भारत वैक्सीन भेज रहा है।
मोदी ने तीन कानूनों के माध्यम से बड़े फैसले लिए
राजनीतिक प्रस्ताव में कृषि कानूनों के समर्थन की बात कहते हुए रमन सिंह ने कहा कि कृषि कल्याण, कृषि सुधार और किसानों के हित में पीएम मोदी ने तीन कानूनों के माध्यम से बड़े फैसले लिए। इससे किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिले, आय दोगुनी हो, किसान अपनी उपज कहीं भे बेच सके, ऐसी स्वतंत्रता मिली है। इस दौरान आत्मनिर्भर भारत अभियान और कृषि कानूनों पर भी बैठक में चर्चा की गई। राजनीतिक प्रस्ताव में आम बजट को ऐतिहासिक बताया गया। साथ ही कहा गया है कि इससे आत्मनिर्भर भारत का संकल्प पूरा होगा और यह सर्वस्पर्शी, समावेशी बजट देश के विकास की नींव को मजबूत करेगा।
इस मौके पर कोरोना महामारी के चलते जान गंवाने वाले लोगेां के प्रति संवेदना प्रकट करने के लिए शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध को रेखांकित किया
इस प्रस्ताव में महामारी के दौरान गरीब किसान कल्याण योजना चलाने, समावेशी बजट प्रस्तुत करने और चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के दौरान उपयुक्त कदम उठाने को भी रेखांकित किया गया। कोरोना महामारी के दौरान यह राष्ट्रीय पदाधिकारियों की पहली बैठक है जिसमें नेता प्रत्यक्ष तौर पर शामिल हुए।
बता दें कि यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले लगभग तीन महीने से आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन कर रहे किसान संगठन अपने आंदोलन को देशव्यापी बनाने की कोशिशों में हैं और वे लगातार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर हैं।