36.2 C
New Delhi
Sunday, July 27, 2025

PM नरेन्द्र मोदी ने आयुष चिकित्सकों के साथ विचार-विमर्श किया

नई दिल्ली / टीम डिजिटल : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयुष सेक्‍टर के चिकित्सकों के साथ विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष सेक्‍टर में राष्ट्र को स्वस्थ रखने की एक लंबी परंपरा रही है और ‘कोविड-19’ से निपटने के लिए निरंतर जारी ठोस प्रयासों में इसका विशेष महत्व कई गुना बढ़ गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष चिकित्सकों का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है, अत: उनके लिए यह अत्‍यंत आवश्यक है कि वे डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों के अनुसार काम करते हुए उन अच्छी प्रथाओं या तौर-तरीकों पर अमल करने के संदेश को फैलाने के लिए इस नेटवर्क का उपयोग करें जिन्हें वायरस को फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों में अपनाने की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने इस कठिन समय में दिमाग को तनाव मुक्त करने और शरीर को सुदृढ़ बनाने हेतु #YogaAtHome को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की।

प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि आयुष में इस बीमारी का इलाज होने के अप्रमाणित दावों को परखने और इसकी तथ्य-जांच अत्‍यंत आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि आयुष वैज्ञानिकों, आईसीएमआर, सीएसआईआर और अन्य अनुसंधान संगठनों को साक्ष्‍य आधारित शोध के लिए निश्चित तौर पर एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को इस चुनौती से पार पाने के लिए समस्‍त स्वास्थ्य कार्यबल का उपयोग करने के लिए अवश्‍य ही तैयार रहना चाहिए, और यदि जरूरत पड़े तो सरकार आयुष से जुड़े निजी डॉक्टरों से मदद देने का अनुरोध कर सकती है।

प्रधानमंत्री ने यह सुझाव दिया कि आयुष दवा निर्माता अपने संसाधनों का उपयोग सैनिटाइजर जैसी आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन में कर सकते हैं जिनकी भारी मांग इन दिनों है। प्रधानमंत्री ने इस महामारी से लड़ने के लिए उनसे जनता तक पहुंचने और निरंतर जागरूकता उत्पन्न करने के लिए टेलीमेडिसिन के प्‍लेटफॉर्म का उपयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने महामारी को फैलने से रोकने के लिए पूरे उत्‍साह के साथ सामाजिक दूरी बनाए रखने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

आयुष चिकित्सकों ने कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इन पारंपरिक प्रथाओं या तौर-तरीकों के प्रभाव के बारे में चर्चा की। उन्होंने रोग के लक्षणों के अनुसार उपचार के लिए अनुसंधान करने संबंधी अपने प्रयासों का भी उल्लेख किया और इसके साथ ही संकट के इस समय में राष्ट्र की सेवा करने की इच्छा व्यक्त की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्‍व भर में भारत की पारंपरिक दवाओं और चिकित्सा पद्धतियों के बारे में जागरूकता उत्‍पन्‍न करना अत्‍यंत आवश्‍यक है। उन्होंने जन सेवा के लिए निरंतर प्रयास करने के लिए आयुष चिकित्सकों का धन्यवाद किया और इसके साथ ही ‘कोविड-19’ के खिलाफ भारत की लड़ाई में इनके द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर फिर से प्रकाश डाला।

केंद्रीय आयुष मंत्री, कैबिनेट सचिव और आयुष मंत्रालय में सचिव ने भी इस विचार-विमर्श में भाग लिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Kurukshetra epaper

Latest Articles