-प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी-बिहार सहित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की बात
– बिहार, गुजरात, यूपी, बंगाल और तेलंगाना में जांच में तेजी लाने के निर्देश
–संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाकर 72 घंटों में जांच होनी चाहिए
–80 फीसदी सक्रिय मामले 10 राज्यों से हैं, काबू पा लिया तो देश विजयी होगा
–मृत्यु दर 1 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य जल्द प्राप्त किया जा सकता है
–हाथ धोना, दो गज की दूरी और मास्क पहनना जरूरी
– हमें एक नए मंत्र का पालन करना होगा : प्रधानमंत्री
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली/टीम डिजिटल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां पंजाब, बिहार, गुजरात एवं उत्तर प्रदेश सहित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रतिनिधियों के साथ कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए मौजूदा स्थिति और भविष्य की योजना बनाने के बारे में चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी ने बेहद सहयोग दिखाया है और टीम इंडिया ने मिलकर काम करने का उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। उन्होंने अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के सामने उत्पन्न चुनौतियों और दबाव की चर्चा की। साथ ही कहा कि लगभग 80 प्रतिशत सक्रिय मामले चर्चा में भाग ले रहे 10 राज्यों से हैं, और अगर इन दस राज्यों में वायरस पर काबू पा लिया जाता है, तो पूरा देश कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में विजयी होगा। बैठक में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल थे।
Had an extensive interaction on the COVID-19 situation with Chief Ministers of 10 states. CMs highlighted the efforts by their respective Governments to tackle the pandemic.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 11, 2020
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दैनिक जांच की संख्या लगभग 7 लाख तक पहुंच गई है और इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे रोग की शुरुआत में पहचान करने और रोकथाम में मदद मिली है। देश में औसत मृत्यु दर सबसे कम है और लगातार नीचे जा रही है। सक्रिय मामलों का प्रतिशत कम हो रहा है, जबकि ठीक होने दर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इन कदमों से लोगों का विश्वास बढ़ा है और मृत्यु दर को 1 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य जल्द प्राप्त किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि चर्चा से यह स्पष्ट है कि बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में जांच में तेजी लाने की तत्काल आवश्यकता है। इस लड़ाई में कंटेनमेंट, संपर्क का पता लगाना और निगरानी सबसे प्रभावी हथियार हैं। लोग जागरूक हो गए हैं और इन प्रयासों में मदद कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप हम घर में प्रभावी तरीके से क्वारंटाइन करने में सफल रहे हैं।
पीएम मोदी ने आरोग्य सेतु ऐप की उपयोगिता की चर्चा करते हुए कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार यदि हम शुरुआती 72 घंटों में मामलों की पहचान कर लेते हैं, तो वायरस के फैलने की गति धीमी हो सकती है। उन सभी लोगों का पता लगाने और परीक्षण करने की आवश्यकता पर जोर दिया जो 72 घंटे के भीतर एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे। उन्होंने कहा कि इस मंत्र का ठीक उसी तरह पालन किया जाना चाहिए, जैसे हाथ धोना, दो गज की दूरी बनाए रखना और मास्क पहनना आदि जरूरी है। बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, स्वास्थ मंत्री डा. हर्षबर्धन, गृह राज्य मंत्री भी मौजूद थे।
दिल्ली और आसपास के राज्यों में गृहमंत्री ने बनाई रणनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी से सफलतापूर्वक निपटने के लिए गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राजधानी दिल्ली और आसपास के राज्यों के साथ मिलकर रोडमैप तैयार करने के अनुभव को याद किया। साथ ही कहा कि इस रणनीति के मुख्य स्तंभों में कंटेनमेंट जोन को अलग करना और स्क्रीनिंग पर ध्यान केंद्रित करना है, विशेष कर अधिक जोखिम वाले वर्ग में। इन कदमों के परिणाम सभी देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन और आईसीयू बेड बढ़ाने जैसे कदम भी बहुत मददगार साबित हुए।
मुख्यमंत्रियों ने दी राज्यों की जमीनी स्थिति की जानकारी
इस दौरान सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों की जमीनी स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने महामारी के सफल प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की और उन्हें निरंतर मार्गदर्शन करने और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्रियों ने जांच किए जाने, जांच बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों, टेली-मेडिसिन के उपयोग और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के प्रयासों की चर्चा की। साथ ही सीरो-सर्वेक्षण कराने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा और मार्गदर्शन करने का अनुरोध किया, साथ ही देश में एक एकीकृत चिकित्सा बुनियादी ढांचा स्थापित करने का भी सुझाव दिया।
मृत्यु दर के आंकड़ों की सही रिपोर्टिंग आवश्यक
इस मौके पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव ने देश में कोविड मामलों की जानकारी दी। यह देखते हुए कि कुछ राज्यों में मामलों की वृद्धि दर औसत दर से अधिक है, इन राज्यों से जांच क्षमता के अधिकतम उपयोग पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया। उन्होंने मृत्यु दर के आंकड़ों की सही रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर जोर दिया और स्थानीय समुदायों की मदद से नियंत्रण क्षेत्रों की परिधि की निगरानी के बारे में भी बात की।