इंफाल, 14 सितंबर। मणिपुर के गवर्नर अजय कुमार भल्ला ने रविवार को कहा कि दशकों से क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (RIMS), इंफाल देश में मेडिकल साइंस का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है। आज ये संस्थान देश के शीर्ष संस्थानों के बराबर खड़ा है। RIMS इंफाल की ये उपलब्धि न सिर्फ गर्व की बात है, बल्कि पूर्वोत्तर भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाती है।
RIMS का 54वां स्थापना दिवस: जश्न और सोचने का मौका
RIMS के 54वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए गवर्नर भल्ला ने कहा कि ये दिन सिर्फ जश्न का नहीं, बल्कि संस्थान की यात्रा पर सोचने का भी मौका है। RIMS ने 1972 में क्षेत्रीय मेडिकल कॉलेज के रूप में अपनी शुरुआत की थी और अब 53 सालों की मेहनत के बाद ये पूर्वोत्तर के मेडिकल एजुकेशन और हेल्थकेयर में अहम योगदान दे रहा है।
डॉक्टरों की भूमिका और संस्थान की उपलब्धियां
गवर्नर ने RIMS इंफाल की अकादमिक सफलताओं की सराहना की। उन्होंने बताया कि ये संस्थान पीढ़ी दर पीढ़ी हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स तैयार कर रहा है। डॉक्टर न सिर्फ बीमारियों का इलाज करते हैं, बल्कि लोगों का भरोसा भी बहाल करते हैं। ये जीवन की रक्षा का पवित्र दायित्व है। भल्ला ने जोर दिया कि RIMS को रिसर्च और इनोवेशन पर और फोकस करना चाहिए, खासकर पूर्वोत्तर क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर। साथ ही, ग्लोबल कोलैबोरेशन को मजबूत करने की जरूरत है।
सम्मान और पुरस्कार वितरण: छात्रों का उत्साह
समारोह में गवर्नर ने डॉक्टरों, नर्सों और अन्य हेल्थकेयर वर्कर्स की निष्ठा की तारीफ की। उनकी मेहनत ने RIMS को मेडिकल उत्कृष्टता का प्रतीक बना दिया है। इस मौके पर भल्ला ने विभिन्न मेडिकल स्ट्रीम्स के 50 से ज्यादा मेधावी छात्रों को पुरस्कार दिए। उन्होंने संस्थान की वार्षिक मैगजीन ‘रेमेडी’ भी जारी की। RIMS मेडिकल सोसाइटी का जर्नल रिलीज हुआ और नए ऑफिस बियरर्स का परिचय कराया गया।
RIMS की क्षमता: डॉक्टरों का बड़ा योगदान
RIMS हर साल 125 MBBS स्टूडेंट्स और 25 स्पेशलाइटीज में 166 पोस्टग्रेजुएट स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देता है, जिसमें सुपर-स्पेशलाइटी कोर्स भी शामिल हैं। दशकों में ये संस्थान देश को 4,000 से ज्यादा डॉक्टर, 2,300 से अधिक स्पेशलिस्ट्स और कई हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स दे चुका है। कार्यक्रम में RIMS के डायरेक्टर प्रो. जी. सुनील कुमार शर्मा समेत अन्य गरिमामंडल मौजूद थे।
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