नयी दिल्ली /अदिति सिंह । केंद्र ने विजया किशोर रहाटकर को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की नौवीं अध्यक्ष के रूप में नामित किया है। एक आधिकारिक आदेश में यह कहा गया है। शनिवार को जारी एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया कि राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 की धारा 3 के तहत की गई यह नियुक्ति तीन साल की अवधि या रहाटकर के 65 वर्ष के होने (दोनों में जो भी पहले हो) तक के लिये होगी। रहाटकर का कार्यकाल तत्काल प्रभाव से शुरू होगा। यह घोषणा भारत के गजट में प्रकाशित की जाएगी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, डॉ. अर्चना मजूमदार को आधिकारिक तौर पर तीन साल के कार्यकाल के लिए एनसीडब्ल्यू का सदस्य नियुक्त किया गया है। एक वैधानिक निकाय एनसीडब्ल्यू महिलाओं के अधिकारों की दिशा में काम करता है। इसके कार्यों में महिलाओं के लिए प्रदान किए गए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करना शामिल है। मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, रहाटकर ने विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों में नेतृत्व कौशल दिखाया है। महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष (2016-2021) रहने के दौरान उन्होंने सक्षमा (तेजाब हमले की पीड़िताओं के लिए सहयोग), प्रज्ज्वला (स्वयं सहायता समूहों को केंद्र सरकार की योजनाओं से जोड़ना) और सुहिता’ (महिलाओं के लिए चौबीसों घंटे की हेल्पलाइन सेवा) जैसी पहलों का नेतृत्व किया। रहाटकर ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, तीन तलाक विरोधी प्रकोष्ठ और मानव तस्करी विरोधी इकाइयों जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कानूनी सुधारों पर भी काम किया।
डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम भी शुरू किए
रहाटकर ने डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम भी शुरू किए और महिलाओं के मुद्दों को समर्पित साद नामक प्रकाशन भी शुरू किया। छत्रपति संभाजीनगर की 2007 से 2010 तक महापौर रहने के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी ढांचे से जुड़ी महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं लागू कीं। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक और औरंगाबाद : लीडिंग टू वाइड रोड्स समेत कई किताबें भी लिखी है। महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान ने उन्हें कई सम्मान दिलाए हैं, जिनमें राष्ट्रीय कानून पुरस्कार और राष्ट्रीय साहित्यिक परिषद द्वारा दिया जाने वाला सावित्रीबाई फुले पुरस्कार शामिल हैं।