नई दिल्ली /अदिति सिंह। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत 28 फरवरी, को गुवाहाटी, असम में पूर्वोत्तर राज्यों के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी), ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के मंत्रियों के एक क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। क्षेत्रीय सम्मेलन जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के कार्यान्वयन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित होगा। 23 फरवरी को आयोजित ‘केंद्रीय बजट 2022 उपरांत – लिविंग नो सिटीजन बिहाइंडक’ पर वेबिनार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्राप्त मार्गदर्शन के अनुरूप शेखावत पूर्वोत्तर राज्यों के लिए रोडमैप तैयार करेंगे, जहां प्रधानमंत्री ने कहा था,एक स्पष्ट रोडमैप बनाया जाना चाहिए ताकि राज्य / केंद्रशासित प्रदेश निर्धारित समय-सीमा के भीतर लक्ष्य प्राप्त कर सकें। उत्तर-पूर्वी सीमावर्ती राज्यों, पर्वतीय क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। दुर्गम भू-भाग, भारी बारिश और हिमपात के साथ-साथ निर्माण सामग्री की अनियमित आपूर्ति उत्तर-पूर्व के सीमावर्ती क्षेत्रों में मिशन कार्य की प्रगति को बहुत प्रभावित करती है।
—केंद्रीय जल शक्ति मंत्री आज पूर्वोत्तर राज्यों के मंत्रियों के क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे
जन स्वास्थ्य और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के कल्याण के प्रति अपने संकल्प की पुष्टि करते हुए, जल जीवन मिशन के लिए केंद्रीय बजट 2022-23 फंड आवंटन को 2021-22 के 45,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2022-23 में 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए बजट 2022-23 में 7,192 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। हर घर जल भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में लागू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य 2024 तक देश के हर ग्रामीण घर में नल का पानी कनेक्शन प्रदान करना है। मणिपुर, मेघालय और सिक्किम के लिए 2022 में हर घर जल के लक्ष्य को प्राप्त करना है। अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा और नगालैंड द्वारा निर्धारित समय-सीमा 2023 है, असम के लिए 2024 का लक्ष्य है। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा एक अन्य प्रमुख कार्यक्रम है। देश के सभी राज्यों ने 2 अक्टूबर, 2019 तक खुले में शौच मुक्त का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है, जब पूरे भारत के गांवों ने खुद को ओडीएफ घोषित कर दिया था। अपने दूसरे चरण में, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत खुले में शौच से मुक्ति को टिकाऊ बनाने और 2024-25 तक सभी गांवों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लक्ष्य को प्राप्त करने, यानी गांवों को ओडीएफ प्लस में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव श्रीमती विनी महाजन सम्मेलन का एजेंडा तय करेंगी, जिसमें इन दोनों कार्यक्रमों के कार्यान्वयन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
उत्तर-पूर्व में 6,798 गांव ने हर घर जल का लक्ष्य प्राप्त कर लिया
उत्तर-पूर्व में कुल 43,668 गांव हैं, जिनमें से 6,798 ने हर घर जल का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। अब तक, कार्यक्रम के तहत, 30,196 ग्राम जल और स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) का गठन किया गया है और 31,811 ग्राम कार्य योजनाएं (वीएपी) विकसित की गई हैं। पूर्वोत्तर राज्यों द्वारा जागरूकता निर्माण, सामुदायिक लामबंदी, ग्रामीण समुदायों को सहायता प्रदान करने आदि के लिए 197 कार्यान्वयन सहायता एजेंसियां (आईएसए) लगी हुई हैं। इस क्षेत्र में 14 आकांक्षी जिले हैं, जहां 18.79 लाख घरों में नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। क्षेत्र के 68,936 आंगनवाड़ी केंद्रों में से 35,944 (52 प्रतिशत) में अब नल के पानी का कनेक्शन है। पूर्वोत्तर में 71,814 स्कूल हैं और आज की तारीख में 48,724 (68 प्रतिशत) पीने योग्य नल का पानी पीने, मध्याह्न भोजन पकाने, हाथ धोने और शौचालयों में उपयोग के लिए उपलब्ध हैं।
जलापूर्ति से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं को लेकर योजना बनाई
इसके अलावा, ‘हर घर जल’ कार्यक्रम के तहत शेष गांवों को कवर करने के लिए जलापूर्ति से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं को लेकर योजना बनाई गई है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य स्थानीय ग्रामीण युवाओं को राजमिस्त्री, प्लंबर, पंप ऑपरेटर, फिटर, तकनीशियन, इलेक्ट्रीशियन आदि के रूप में कौशल प्रदान करना है ताकि निर्माण, मरम्मत और रखरखाव संबंधी क्रियाकलापों में ग्राम जल योजनाओं का समर्थन किया जा सके। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा और आजीविका के लिए गांवों से लोगों का प्रवास भी रुकेगा।