16.1 C
New Delhi
Monday, December 9, 2024

PM मोदी ने जताई चंद्रयान-3 की सफलता पर खुशी, बोले-‘ अब आया चंद्र पथ पर चलने का समय’

New Delhi/प्रज्ञा शर्मा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद देशवासियों, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और वैज्ञानिक समुदाय को बधाई दी और कहा कि ‘भारत अब चंद्रमा पर है’ तथा यह सफलता पूरी मानवता की है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने पृथ्वी पर एक संकल्प लिया और चंद्रमा पर इसे पूरा किया। प्रधानमंत्री ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहानिसबर्ग के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत अब चांद पर है और अब ‘चंद्र पथ’ पर चलने का समय है।” मिशन के सफल होने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ को फोन किया और उन्हें व वैज्ञानिकों की पूरी टीम को बधाई दी। इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम की साफ्ट लैंडिग कराने में सफलता हासिल की। भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करने वाले चार देशों में शामिल हो गया है।

आंखो के सामने बना इतिहास

मोदी ने कहा, ‘‘जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्रीय जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती है।” उन्होंने कहा, ‘‘यह पल अविस्मरणीय है, यह क्षण अभूतपूर्व है, यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत के चंद्र पथ पर चलने का है। यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सार्म्थय का है। यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नये विश्वास, नई चेतना का है। ये क्षण भारत के उदयमान भाग्य के आह्वान का है।” इसरो के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्रमा मिशन ‘‘चंद्रयान-3” के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) ने बुधवार शाम चंद्रमा की सतह को चूम कर अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नयी इबारत रची। वैज्ञानिकों के अनुसार इस अभियान के अंतिम चरण में सारी प्रक्रियाएं पूर्व निर्धारित योजनाओं के अनुरूप ठीक से चली। यह एक ऐसी सफलता है जिसे न केवल इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक बल्कि भारत का हर आम और खास आदमी टीवी की स्क्रीन पर टकटकी बांधे देख रहा था। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर दुनिया को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का सफल चंद्र मिशन केवल भारत का नहीं है बल्कि पूरी मानव जाति का है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसा वर्ष है, जिसमें दुनिया भारत की जी-20 अध्यक्षता देख रही है। एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का हमारा दृष्टिकोण दुनिया भर में गूंज रहा है। यह मानव-केंद्रित दृष्टिकोण जो हम प्रस्तुत करते हैं, उसका सार्वभौमिक रूप से स्वागत किया गया है। हमारा चंद्रमा मिशन भी उसी मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर आधारित है। इसलिए, यह सफलता पूरी मानवता की है।”

चंद्रयान 3 की सफलता का कारण है भारत के वैज्ञानिक 

प्रधानमंत्री ने इस सफलता को भारत के ‘उदीयमान भाग्य के आह्वान’ का भी बताया और कहा कि अमृत काल की प्रथम प्रभा में सफलता की यह अमृत वर्षा हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया। हमारे वैज्ञानिक साथियों ने भी कहा है ‘इंडिया इज ऑन द मून’। आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि वह भले दक्षिण अफ्रीका में हैं लेकिन हर देशवासी की तरह उनका मन चंद्रयान महाअभियान पर ही लगा हुआ था। देशवासियों के उमंग और उल्लास से खुद को जोड़ते हुए मोदी ने कहा कि वह टीम चंद्रयान को, इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को जी जान से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, जिन्होंने इस पल के लिए वर्षों तक इतना परिश्रम किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से भारत चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है। अब आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे। कथानक भी बदल जाएंगे। और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएगी।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में तो सभी लोग धरती को ‘मां’ कहते हैं और चांद को ‘मामा’ बुलाते हैं लेकिन आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक और कथानक भी बदल जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘…और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी। कभी कहा जाता था- चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा…जब बच्चे कहा करेंगे, चंदा मामा बस एक टूर के हैं।” प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भावी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने कई बड़े और महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रयान महाअभियान की यह उपलब्धि भारत की उड़ान को चन्द्रमा की कक्षाओं से आगे ले जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम हमारे सौरमंडल की सीमाओं का सामर्थ्य परखेंगे और मानव के लिए ब्रह्मांड की अनंत संभावनाओं को साकार करने के लिए भी जरुर काम करेंगे। हमने भविष्य के लिए कई बड़े और महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। जल्द ही, सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए इसरो ‘आदित्य एल-1′ मिशन लांच करने जा रहा है। इसके बाद शुक्र भी इसरो के लक्ष्यों में से एक है। गगनयान के जरिए देश अपने पहले मानव अंतरिक्ष फ्लाइट मिशन के लिए भी पूरी तैयारी के साथ जुटा है।” विज्ञान और प्रौद्योगिकी को देश के उज्ज्वल भविष्य का आधार बताते हुए मोदी ने कहा कि आज के दिन को देश हमेशा-हमेशा के लिए याद रखेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह दिन हम सभी को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। ये दिन हमें अपने संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाएगा। ये दिन, इस बात का प्रतीक है कि हार से सबक लेकर जीत कैसे हासिल की जाती है।” ज्ञात हो कि पिछली बार भारत का चंद्रयान मिशन असफल हो गया था।

latest news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

epaper

Latest Articles