नई दिल्ली/ नेशनल ब्यूरो : राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी समेत राज्य विधान सभा सचिवालयों को मतपेटियों, मतपत्रों, विशेष पेन और अन्य सीलबंद चुनाव सामग्री भेजना शुरू कर दिया है। चुनाव सामग्री को समयबद्ध और सुरक्षित तरीके से राज्यों को भेजने के लिए चुनाव आयोग में दो दिवसीय अभ्यास-कार्य का आयोजन किया गया। इसकी अगुवाई खद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार कर रहे हैं। उनके साथ चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय भी हैं। चुनाव के दौरान मतदान एवं मतगणना की व्यवस्था की निगरानी के लिए आयेाग ने 37 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। ये पर्यवेक्षक भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव,संयुक्त सचिव स्तर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं।
-आयोग ने अधिकारियों को किया सतर्क, मतपेटियों व मतपत्र को लेकर निर्देश
-राष्ट्रपति चुनाव के लिए आयोग ने नियुक्त किए 37 पर्यवेक्षक
-राज्य विधानसभाओं को सुरक्षित चुनाव सामग्री भेजने का काम शुरू
आयोग ने विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं में स्थित 30 मतदान-केन्द्रों में से प्रत्येक पर मतदान की निगरानी के लिए एक पर्यवेक्षक और संसद भवन के लिए दो पर्यवेक्षकों को तैनात किया है। इस बीच मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस बात को रेखांकित किया कि निर्वाचन आयोग की विभिन्न टीमों द्वारा प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करते हुए हर बार त्रुटिविहीन चुनाव कराना एक विशिष्ट पहचान बन गया है। कुमार ने अधिकारियों को सतर्क रहने और मतपेटियों तथा मतपत्र सहित चुनाव सामग्री के परिवहन एवं भंडारण के लिए प्रोटोकॉल एवं दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतपेटियां यात्रियों के रूप में ‘उड़ानÓ भर रही हैं और इनमें से प्रत्येक को विमान में एक सीट आवंटित की गई है। वे ज्यादातर राज्यों की राजधानियों को जा रही हैं जहां उनका इस्तेमाल 18 जुलाई को होने वाले मतदान के लिए किया जाएगा। मतपेटियों के लिए मिस्टर बैलेट बॉक्स के नाम से अलग से टिकट बुक की जाती हैं और वह मतपत्र तथा मतों को चिह्नित करने के लिए विशेष पेन जैसी चुनाव सामग्री ले जाने वाले अधिकारी की सीट के बगल में विमान की अगली पंक्ति में बैठा होता है। मंगलवार को जहां 14 मतपेटियां भेजी गईं, वहीं बुधवार को 16 मतपेटियां भेजी जाएंगी। संसद भवन और दिल्ली विधानसभा के लिए बनीं मतपेटियां बुधवार को भेजे जाने की संभावना है। चुनाव आयोग के प्रवक्ता की माने तो हिमाचल प्रदेश के लिए बनी मतपेटी सड़क मार्ग से यात्रा करेंगी। राज्य से सहायक चुनाव अधिकारी और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से एक अधिकारी चुनाव सामग्री एकत्र करने के लिए यहां निर्वाचन आयोग के मुख्यालय निर्वाचन सदन में आते हैं। उनका उसी दिन राज्य की राजधानी लौटना अनिवार्य होता है। जब मतपेटियां और मतपत्र राज्यों की राजधानियों में पहुंच जाते हैं, तो इन्हें पहले से निरीक्षण किए गए और ठीक से सील किए गए स्ट्रांग रूम में रखा जाता है तथा प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है। मतदान समाप्त होने के बाद सील की गईं मतपेटियों और अन्य चुनाव सामग्री को अगली उपलब्ध उड़ान से चुनाव अधिकारी, जो इस बार राज्यसभा महासचिव हैं, के कार्यालय में वापस ले जाया जाता है। मतपेटियों और अन्य दस्तावेजों को व्यक्तिगत रूप से विमान के कैबिन में ले जाया जाता है और इन पर साथ आने वाले अधिकारियों की हर समय नजर रहती है। मतदान संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में होता है तथा निर्वाचित सांसद और विधायक – मनोनीत नहीं – वोट देने के हकदार होते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में विधान परिषदों के सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं है।