—फ्री शिक्षा, हेल्थ बीमा, मासिक भत्ता और 10 लाख रुपए
-मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ आज, पूर्व संध्या पर बड़ी घोषणा
–दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों का केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में पढ़ेंगे
–11 से 18 वर्ष के बच्चे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय में मिलेगा दाखिला
-पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना के तहत सहयोग किया जाएगा
-देश भर में करीब 577 बच्चे कोविड-19 के कारण अनाथ हुए हैं
नई दिल्ली /नेशनल ब्यूरो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां शनिवार को कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की। इसमें ऐसे बच्चों के 18 वर्ष पूरा होने पर उन्हें दस लाख रुपये दिए जाने और उनकी शिक्षा को लेकर प्रावधान शामिल हैं। इस तरह के बच्चों का सहयोग करने के लिए उपायों पर विचार-विमर्श की खातिर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना के तहत उनका सहयोग किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व में केंद्र सरकार के कल 7 साल पूरे हो रहे हैं। रविवार को सातवीं वर्षगांठ है। इसकी पूर्व संध्या पर शनिवार को प्रधानमंत्री ने एक बड़ा ऐलान किया।
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Several children lost their parents due to COVID-19. The Government will care for these children, ensure a life of dignity & opportunity for them. PM-CARES for Children will ensure education & other assistance to children. https://t.co/V3LsG3wcus
— Narendra Modi (@narendramodi) May 29, 2021
बता दें कि इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के नाम पर सावधि जमा योजना शुरू की जाएगी और पीएम केयर्स कोष से एक विशेष योजना के तहत इसमें योगदान दिया जाएगा ताकि 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर प्रत्येक के लिए 10 लाख रुपये का कोष बनाया जा सके। इस कोष का इस्तेमाल 18 वर्ष के बाद अगले पांच वर्षों तक उन्हें मासिक वित्तीय सहयोग देने में किया जाएगा ताकि उच्च शिक्षा के वर्षों में वे अपनी निजी जरूरतों को पूरा कर सकें। 23 वर्ष की उम्र में निजी और पेशेवर इस्तेमाल के लिए उन्हें एक निश्चित धन राशि दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन योजनाओं की घोषणा करते हुए कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं और उनका समर्थन करने एवं उनका संरक्षण करने के लिए सरकार हरसंभव सहयोग करेगी ताकि वे मजबूत नागरिक बन सकें और उनका भविष्य उज्ज्वल हो। देश भर में करीब 577 बच्चे कोविड-19 के कारण अनाथ हुए हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस तरह की कठिन परिस्थिति में समाज के तौर पर हमारा कर्तव्य है कि अपने बच्चों की देखभाल करें और उज्ज्वल भविष्य के लिए उनमें उम्मीद जगाएं। ऐसे सभी बच्चे जिनके माता-पिता दोनों या वैधानिक अभिभावक, गोद लेने वाले अभिभावक की कोविड-19 के कारण मौत हो गई है, उन्हें ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना के तहत सहयोग दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों का नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में नामांकन कराया जाएगा।
सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय स्कूल में मिलेगा दाखिला
जो बच्चे 11 से 18 वर्ष के बीच के हैं उन्हें सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय जैसे केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय स्कूल में नामांकित कराया जाएगा। अगर बच्चा अपने अभिभावक या परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ रहता है तो उसे नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में नामांकित कराय जाएगा। पीएमओ ने कहा कि अगर बच्चे का नामांकन निजी स्कूल में किया जाता है तो शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उसका शुल्क पीएम केयर्स कोष से दिया जाएगा और उसके स्कूल यूनिफॉर्म, किताब एवं कॉपियों के खर्च का भी भुगतान किया जाएगा। उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को पेशेवर पाठ्यक्रमों या भारत में उच्च शिक्षा की खातिर शिक्षा ऋण हासिल करने में मदद की जाएगी। इस ऋण के ब्याज का पीएम केयर्स से भुगतान किया जाएगा। स्नातक एवं पेशेवर पाठ्यक्रमों के लिए विकल्प के तौर पर ट््यूशन फी या पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर राशि केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत दी जाएगी।
सभी बच्चों को पांच लाख रुपये स्वास्थ्य बीमा मिलेगा
पीएमओ के मुताबिक जो बच्चे वर्तमान स्कॉलरशिप योजना के तहत पात्र नहीं हैं उन्हें पीएम केयर्स से समान छात्रवृत्ति मुहैया कराई जाएगी। इसमें बताया गया कि सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तौर पर लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा, जिसमें उन्हें पांच लाख रुपये स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। 18 वर्ष की उम्र तक इन बच्चों के लिए प्रीमियम की राशि पीएम केयर्स से दी जाएगी। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की एक अप्रैल से 25 मई के बीच की रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस हफ्ते बताया था कि देश भर में करीब 577 बच्चे कोविड-19 के कारण अनाथ हुए हैं।