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Tuesday, June 3, 2025

1984 सिख दंगा : ‘सच्च की दीवार’ पर मोमबत्तियां जलते ही छलक पड़े आंसू

–पीडि़त परिजनों ने किया अपनों को याद, अर्पित किए श्रद्वा के फूल
–गुरुद्वारा कमेटी की ओर से शहीदों की याद में समागम आयोजित
–गुरुद्वारा बंगला साहिब में श्री अखण्ड पाठ साहिब रखवाये गये

(अदिति सिंह)
नई दिल्ली /टीम डिजिल : 1984 सिख विरोधी दंगों में मारे गए अनगिनत सिखों की याद में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी की ओर से समागम आयोजित किया गया। इस मौके पर शहीदों की याद में गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में स्थित सच्च की दीवार पर मोमबतियां जलाकर शहीदों को भावभीनी श्रदधांजलि दी गई। इस दौरान मारे गए लोगों के परिजनों ने अपनों को याद कर भावुक हो उठे। कईयों के आंसू भी छलक पड़े। 1984 के काले अध्याय को अपने जीवन में झेल चुकी बीबी जगदीश कौर भी विशेष तौर पर पहुंची।

उन्होंने इस मौके पर आप बीती सुनाई तो सुनकर सभी की आंखे नम हो गई। कमेटी की ओर से मारे गए लोगों की एक चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे लोगों ने बहुत ही गंभीरता से एक-एक तस्वीर को देखा।

1984 सिख दंगा : 'सच्च की दीवार' पर मोमबत्तियां जलते ही छलक पड़े आंसू
बता दें कि दिल्ली कमेटी शहीदों की याद में हर साल समागम करवाया जाता है। इस बार भी गुरुद्वारा बंगला साहिब में श्री अखण्ड पाठ साहिब रखवाये गये थे, जिसके भोग के पश्चात आज कीर्तन समागम हुआ। कमेटी अध्यक्ष मनजिन्दर सिंह सिरसा, महासचिव हरमीत सिंह कालका सहित तख्त पटना साहिब के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह हित द्वारा शहीदों को श्रद्वा के फूल भेंट किये गये।

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इस दौरान सभी सिख नेताओं ने कहा-यह देश के इतिहास में एक ऐसा बदनुमा दाग है जो कि कांग्रेस की सरकार ने दिया इसे ना तो मिटाया जा सकता है और ना ही कभी भुलाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है नवम्बर 1984 में इन्दिरा गांधी की मौत के बाद देशभर में हजारों सिखों का बेरहमी से कत्ल हुआ, जिसे देखा सबने पर अफसोस कि एक भी गवाह सामने नहीं आया जो कातिलों की शिनाख्त कर पाता। कमेटी के अध्यक्ष मनजिन्दर सिंह ने कहा अकाली दल पिछले 36 सालों से लोकसभा से लेकर सड़कों तक इस लड़ाई को लड़ता आ रहा है और उसी का परिणाम है कि आज सज्जन कुमार जेल की सलाखों में है।

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अब जगदीश टाईटलर और कमलनाथ पर भी शिकंजा कसा हुआ है। कांग्रेस सरकार ने तो जगदीश टाईटलर और कमलनाथ के खिलाफ केस बंद करके उन्हें दोष मुक्त करार दिया था, लेकिन गृहमंत्रालय ने केस को पुन: खुलवाया। उनका कहना है कि जब तक सभी कातिलों को जेल नहीं भिजवा देते संघर्ष जारी रहेगा।
इस मौके पर बीबी रणजीत कौर, परमजीत सिंह राणा, परमजीत सिंह चंडोक, जतिन्दरपाल सिंह गोल्डी, मनजीत सिंह ओलख के अलावा शहीद परिवारों के सदस्य और शिरोमणी अकाली दल वर्कर मौजूद रहे।

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