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Saturday, May 31, 2025

मंजीत सिंह GK बोले-ढीली कानूनी पैरवी गुरू हरिक्रिशन पब्लिक स्कूलों के आर्थिक संकट का कारण

नई दिल्ली/अदिति सिंह : गुरू हरिक्रिशन पब्लिक स्कूलों के आर्थिक संकट पर दिल्ली हाईकोर्ट के 2 मई को आएं हालिया आदेश को लेकर आज दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने मीडिया को संबोधित किया। जीके ने मौजूदा दिल्ली कमेटी प्रबंधकों को इस आर्थिक बदहाली का जिम्मेदार बताते हुए कहा कि सारी अदालती कार्रवाई के दौरान इनका रवैया लापरवाही भरा रहा है। ढीली कानूनी पैरवी गुरू हरिक्रिशन पब्लिक स्कूलों के आर्थिक संकट का कारण बन गई है। पर फिर भी जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात बने हुए थे, इन्होंने मेरे और मेरे वकील नगिंदर बेनीपाल पर 2 मई को कोर्ट की सुनवाई को लेकर गैर प्रमाणित आरोप लगाए। जिस वजह से आज मुझे बोलना पड़ रहा है। जीके ने स्कूल स्टाफ की लगभग 400 करोड़ रुपए की देनदारी की अभी तक चली सारी अदालती कार्रवाई का दस्तावेज सार सामने रखते हुए दावा किया कि मेरे वकील ने इस मामले में मेरा ऐफिडेविट दिल्ली हाईकोर्ट में फाइल किया था। जिसमें मैंने गुरुद्वारे या स्कूल की किसी भी जायदाद को बिकने का विरोध किया था। पर दिल्ली कमेटी प्रधान हरमीत सिंह कालका ने मेरे और मेरे वकील के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मनगढ़ंत आरोप लगाएं है।

सिविल सोसायटी के काबिल तथा तजुर्बेकार सिखों को स्कूलों का प्रबंध सौंपने की वकालत की

जीके ने कहा कि दिल्ली कमेटी की तरफ से 30 जून 2023 तक की दाखिल कर्जा रिपोर्ट के अनुसार गुरू हरिक्रिशन पब्लिक स्कूलों के 726 सेवामुक्त कर्मचारियों को 77.23 करोड़ रुपए तथा 1152 सेवारत कर्मचारियों का 234.16 करोड़ रुपए की राशि 30 जून 2023 तक देय थी। इसके अलावा दिल्ली कमेटी के कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड तथा ईएसआई फंड में भी मोटी देनदारी बकाया है। पर अपनी कारगुजारियों की जवाबदेही देने की बजाए यह हमें सवाल कर रहें हैं। जीके ने कहा कि हाईकोर्ट ने लगातार इन्हें (प्रधान व महासचिव) बार-बार लताड़ लगाने के बाद अदालत की अवमानना का दोषी माना है। अब इन्होंने अदालत को भरोसा दिया है कि वो कमेटी और स्कूलों की जायदादों पर तीसरे पक्ष का हित नहीं पैदा करेंगे तथा हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त वैल्यूर को भी पूरा सहयोग देंगे। यह एक तरह से कमेटी व स्कूलों के मनमाने संचालन पर अदालती रोक है। इसलिए इन्हें अपने पद पर रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। मेरा मानना है कि अब इन स्कूलों की मलकियत कमेटी को अपने पास रखकर इनका प्रबंधन सिविल सोसायटी के काबिल तथा तजुर्बेकार सिखों को तुरंत सौंप देना चाहिए। इस मौके पर ऐडवोकेट नगिंदर बेनीपाल ने भी स्कूलों की मौजूदा स्थिति पर कानूनी पहलुओं की जानकारी दी। दिल्ली कमेटी सदस्य परमजीत सिंह राणा, सतनाम सिंह खीवा, अकाली नेता डॉ परमिंदर पाल सिंह, बलदीप सिंह राजा, जतिंदर सिंह बॉबी तथा जगजीत सिंह मौजूद थे।

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