रेलवे स्टेशनों पर कदम रखे तो देना होगा ‘ सुविधा शुल्क’
–नई दिल्ली, अमृतसर, नागपुर, ग्वालियर, साबरमती एवं सीएसटी पर लगेगा शुल्क
–पुर्निवकसित रेलवे स्टेशनों के लिए जन सुविधा शुल्क वसूलेगी रेलवे
–हवाई अड्डों की तरह यूडीएफ वसूलने की तैयारी
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : भारतीय रेलवे देशभर में पुर्निवकसित रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध जनसुविधाओं के लिए हवाई अड्डों की तरह जन सुविधा शुल्क वसूल करेगा। यह शुल्क कितना होगा, यह फैसला अभी नहीं हो पाया है। लेकिन, इतना तय है कि अब रेलवे स्टेशनों पर बैठने, ट्रेन पकडऩे या फिर ट्रेन से उतरने वाले मुसाफिरों को एक नये तरह का शुल्क देना होगा। यह शुल्क यात्रियों से टिकट बनवाते समय ही वसूल लिया जाएगा। यह सुविधा देश की राजधानी दिल्ली में स्थित नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी शुरू होगी। नई दिल्ली स्टेशन के पुर्नविकसित करने का भी फैसला किया गया है।
अभी तक देश में सिर्फ 4 स्टेशनों अमृतसर, नागपुर, ग्वालियर और साबरमती रेलवे स्टेशनों का पुर्निवकास करने के लिए चुना गया था। लेकिन अब इस श्रेणी में नई दिल्ली एवं मुबंई सीएसटी को भी रखा जा रहा है।
बता दें कि हवाई यात्रा में जनसुविधा विकास शुल्क (UDF) कर का हिस्सा होता है जिसका हवाई यात्री भुगतान करते हैं। यूडीएफ विभिन्न हवाई अड्डों पर वसूला जाता है और इसकी दरें विभिन्न पहलुओं पर निर्भर होने की वजह से अलग-अलग है। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो नये विकसित रेलवे स्टेशनों पर शुल्क वहां आने वाले यात्रियों की संख्या के आधार पर अलग-अलग होगी। रेल मंत्रालय जल्द ही शुल्क के रूप में वसूली जाने वाली राशि से संबंधित अधिसूचना जारी करेगा। बता दें कि 1,296 करोड़ रुपये की अुनमानित लागत से अमृतसर, नागपुर, ग्वालियर और साबरमती रेलवे स्टेशनों का पुर्निवकास करने के लिए रेलवे ने प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।
केंद्र सरकार ने भारतीय रेलवे स्टेशन पुर्निवकास निगम लिमिटेड (IRSDC) के जरिये 2020-2021 में पूरे देश में 50 स्टेशनों के पुर्निवकास के लिए निविदा जारी करने की योजना बनाई है और इसपर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश का प्रस्ताव है। बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी की माने तो जनसुविधा विकास शुल्क हवाई अड्डा परिचालकों की ओर से लिए जा रहे शुल्क के अनुरूप ही होंगे। इससे स्टेशनों के उन्नयन के लिए धन की व्यवस्था होगी। यह शुल्क बहुत मामूली होगा।
उन्होंने कहा कि सुविधा शुल्क की वजह से किराए में मामूली बढ़ोतरी होगी लेकिन इससे यात्रियों को विश्व स्तरीय स्टेशनों की सुविधा का एहसास होगा। बता दे कि नरेंद्र मोदी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक सरकार ने पहले कार्यकाल में 400 रेलवे स्टेशनों का पुर्निवकास करने की घोषणा की थी।
योजना के तहत स्टेशनों के विकास पर व्यय होने वाला धन स्टेशन के आसपास की जमीन को विकसित कर एकत्र किया जाएगा। रेलवे स्टेशनों का पुर्निवकास वित्तीय व्यावहारिकता के आधार पर किया जा रहा है। सरकार के ङ्क्षथक टैंक नीति आयोग ने अक्टूबर में स्टेशन पुर्निवकास योजना में देरी होने पर रेल मंत्रालय की खिचांई की थी। आयोग ने 50 स्टेशनों को प्राथमिकता के आधार पर पुर्निवकास करने के लिए शीर्ष नौकरशाहों की अधिकार प्राप्त समूह बनाने की सिफारिश की थी।