— समय बचाओ, रफ्तार बढ़ाओ नीति के तहत कदम उठा रहा है रेलवे
— राजनीतिक मांग वाले कई स्टापेज रेलवे का समय खराब कर रहे
–देश के कई स्टापेज पर 50 से कम सवारी ट्रेन में उतरती-चढ़ती हैं
नई दिल्ली /टीम डिजिटल : भारतीय रेलवे देशभर में अपने रेलवे नेटवर्क पर ट्रेन के दस हजार स्टापेज खत्म करने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही घाटे में चल रही 500 ट्रेनोंं को बंद करने की तैयारी चल रही है। रेलवे यह कदम समय बचाओ, रफ्तार बढ़ाओ नीति के तहत उठा रहा है। राजनीतिक मांग वाले कई स्टापेज रेलवे का समय खराब कर रहे हैं, इसी तरह से कई ऐसी पैसेंजर ट्रेन हैं, जो बिना सवारी के चल रही हैं। रेलवे स्टापेज खत्म करके ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने के साथ ट्रेन बंद करने जो खाली होने वाले ट्रैक पर एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेन चलाने की योजना लेकर चल रहा है।
देश के बहुत सारे ट्रेन स्टारेज का ब्यौरा 2015 में एकत्र कराया गया था।
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यह पहल तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने किया था। उस समय देश में 17 हजार स्टापेज ऐसे निकाले गए थे, जो राजनीतिक मांग के आधार पर ट्रेनों को रोकने के लिए बना दिए गए थे। वहां ना ज्यादा यात्री आते-जाते थे और ना ही रेलवे को कोई फायदा हो रहा था। लेकिन तब रेलमंत्री सुरेश प्रभु और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने इन स्टापेज को धीरे-धीरे खत्म करने की नीति बनाई थी। यह बात सही है कि माननीय सांसदों और विधायकों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में ट्रेन स्टापेज बनवाने का काम देश में तेजी से किया गया है। इसका सीधा असर ट्रेन की रफ्तार पर पड़ा है, क्योंकि एक स्टापेज पर ट्रेन के रूकने से उसे गति पकडऩे में आधा घंटा से ज्यादा समय लगता है और जैसे वह गतिशील होती है,अगला स्टापेज आ जाता है। इसी के चलते एक स्थान से दूसरे स्थान तक ट्रेन से पहुचने का जो समय बढ़ गया है। अब रेलवे समय घटाने और ट्रेन की रप्तार बढ़ाने के लिए स्टापेज खत्म करने का मन बना लिया है।
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सूत्रों के अनुसार देश के ऐसे दस हजार स्टापेज चिंहित किए गए हैं, जहां 50 से कम सवारी ट्रेन में उतरती-चढ़ती हैं। इनके खत्म करने से समय बचेगा और उससे मेल-एक्सप्रेस ट्रेन को सुपरफास्ट का दर्जा देकर उनकी रफ्तार बढ़ाई जाएगी। इसके साथ 500 ऐसी ट्रेन बंद होने वाली हैं जिनके पास सवारियों का अकाल है। इनमें अधिकांश पैसेंजर ट्रेन हैं, रेलवे यह कदम इस समय इसलिए उठा रहा है, क्योंकि अभी ट्रेन का परिचालन बंद है। ट्रेन को देश में नए सिरे से चलाना है। इसलिए नया टाइम टेबल बनाकर उन्हें चलाना आसान होगा। ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने की पहल इसलिए की गई है कि लॉकडाउन में ट्रेन बंद होने से ट्रैक खाली थे और रेलवे को उसमें सुधार करने का अवसर मिल गया है। देश के अधिकांश ट्रैक दुरुस्त कर लए गए हैं, जहां रफ्तार बढ़ाने में रेलवे को कोई परेशानी नहीं आएगी। स्टापेज कम करके और रफ्तार बढ़ाकर रेलवे ट्रेन के समय को कम करेगा और इससे ट्रेन को प्राफिटमेकिंग बनाने का काम आसान हो जाएगा।