31.3 C
New Delhi
Monday, June 16, 2025

151 प्राइवेट ट्रेन व 50 फीसदी पदों को सरेंडर करने पर भड़के रेलवे कर्मचारी

–151 प्राइवेट ट्रेन चलाने का किया सख्त विरोध, बोर्ड को दिया प्रस्ताव
-प्राइवेट ट्रेन व 50 फीसदी पदों को सरेंडर करने पर भड़के कर्मचारी
-रेल मंत्रालय में हाईलेवल बैठक, संगठनों का विरोध, फैसला रद करे रेलवे
-रेलवे का भरोसा, पदों को सरेंडर करने का करेंगे रिब्यू

(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली/टीम डिजिटल : रेलवे के निजीकरण, नॉन सेफ्टी वाले 50 प्रतिशत कर्मचारियों के पद सरेंडर करने एवं निजी कंपनियों को 109 रुटों पर प्राइवेट ट्रेन चलाने की अनुमति देने के खिलाफ रेलवे कर्मचारी भड़क उठे हैं। इसको लेकर कर्मचारी संगठनों ने आज सप्ताह में दूसरी बार रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव के साथ हाईलेवल बैठक की। साथ ही रेलवे के फैसलों पर कड़ी आपत्ति जताई। कर्मचारी संगठनों ने वीरवार की शाम करीब सवा 2 घंटे से अधिक देर तक बैठक की, जिसमें रेलवे को फैसले वापस लेने का दबाव बनाया।

कर्मचारी संगठनों ने नॉन सेफ्टी कैटेगरी में 50 प्रतिशत पोस्ट सरेंडर करने का आदेश को रद करने की मांग। साथ ही कहा कि यह सरकार ने कुछ सोच कर इन पदों को सृजित किया होगा। इसमें कई महत्वपूर्ण पद और विभाग भी हैं। इसके अलावा खाली पड़े पदों पर नये कर्मचारियों की भर्ती एवं प्रमोशन दिया जाए। सूत्रों के मुताबिक रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने 50 प्रतिशत पदों को सरेंडर करने की बात पर रिब्यू करने का भरोसा दिया है। साथ ही कहा है कि इस बारे में दोबारा बैठक कर स्थिति को स्पष्ट की जाएगी। इसके अलावा रेलवे के निजीकरण की बात से इनकार किया है। जबकि, प्राइवेट ट्रेन चलाने को लेकर दोबारा बैठक करने की बात कर्मचारी नेताओं से की है। सूत्रों की माने तो बैठक काफी गरमागरम रही।

यह भी पढें…भारतीय रेल में नई पोस्ट क्रियेट नहीं होगी, 2 साल से खाली पद होंगे सरेंडर

इस मौके पर कर्मचारियों की तरफ से आल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा, एनआरएमयू के अध्यक्ष एवं एआईआरएफ के सहायक महामंत्री एसके त्यागी आदि लोग मौजूद रहे।

सूत्रों के मुताबिक करीब सवा 2 घंटे चली बैठक में कर्मचारी संगठनों ने कहा कि विपरीत हालातों में भी ट्रेनों का कुशलतापूर्वक संचालन कर रेलकर्मचारियों ने साबित किया है कि वो हर हाल में मेहनत से काम कर सकते हैं। कोरोना में जब पूरा देश लॉकडाउन के चलते बंद हो गया, उस समय भी रेल कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में मालगाड़ी और पार्सल ट्रेनों का संचालन कर देश भर में आवश्यक वस्तुओं की कमी नहीं होने दिया। इतना ही नहीं जब तमाम राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने में नाकाम रही तो रेलकर्मियों ने ही श्रमिक ट्रेनों का संचालन कर उन्हें घर पहुंचाया। यही वजह है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात में रेलकर्मचारियों को फ्रंट लाइन करोना वारियर्स बताया।

151 प्राइवेट ट्रेन व 50 फीसदी पदों को सरेंडर करने पर भड़के रेलवे कर्मचारी
सूत्रों के मुताबिक आल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने सवाल उठाया कि जब रेल कर्मचारी हर हालात में ट्रेनों का संचालन करने में सक्षम हैं तो आखिर प्राईवेट आपरेटरों को ट्रेनों के संचालन के लिए आमंत्रित क्यों किया जा रहा है ? महामंत्री ने कहा कि मुश्किल घड़ी में तेजस चलाने वाले प्राईवेट आपरेटर आखिर क्या कर रहे थे। उन्होंने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से कहा कि मंत्रालय जो 109 रूट प्राइवेट आपरेटर्स को देना चाहती है, वह उन्हें दे, रेलवे कर्मचारी अच्छी तरह से चलाकर रेलवे का खजाना भरेंगे।

रेलवे का निजीकरण नहीं होने देंगे : मिश्रा

151 प्राइवेट ट्रेन व 50 फीसदी पदों को सरेंडर करने पर भड़के रेलवे कर्मचारी

आल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने मीटिंग खत्म होने के बाद खास बातचीत में दावा किया कि कर्मचारी रेलवे का किसी भी सूरत में निजीकरण नहीं होने देंगे। साथ ही 50 प्रतिशत पद को सरेंडर भी नहीं होने देंगे। शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि पदों का सृजन तमाम अध्ययन और स्टेटिक्स के आधार पर किया जाता है, ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, आज तमाम कर्मचारियों पर काम का बोझ है, इसके बाद नई तैनाती करने के बजाए पोस्ट सरेंडर करने की बात हो रही है, जबकि इसका कोई आधार नहीं है।

रेलवे का निजीकरण नहीं किया जा रहा : पीयूष गोयल

रेलवे के निजीकरण के विरोध के बीच रेल मंत्री पीयूष गोयल ने फिर ट्वीट कर कहा कि रेलवे का किसी भी प्रकार से निजीकरण नहीं किया जा रहा है, वर्तमान में चल रही रेलवे की सभी सेवायें वैसे ही चलेंगी। निजी भागीदारी से 109 रूट पर 151 अतिरिक्त आधुनिक ट्रेनें चलाई जायेंगी। जिनका कोई प्रभाव रेलवे की ट्रेनों पर नही पड़ेगा, बल्कि ट्रेनों के आने से रोजगार का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि रेलवे की वर्तमान में चल रही सेवाओं में बिना कोई परिवर्तन किये, निजी भागीदारी द्वारा आधुनिक सुविधाओं से युक्त 151 नई ट्रेनें चलेंगी। इन ट्रेनों से रेलवे का निजीकरण नही होगा, बल्कि इस भागीदारी से आधुनिक सुविधा, सुरक्षा सहित सीटों की उपलब्धता बढ़ेगी, जिसका लाभ यात्रियों को मिलेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

Delhi epaper

Prayagraj epaper

Latest Articles