नई दिल्ली /सुनील पाण्डेय । केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वलसाड स्थित आरपीएफ क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) की स्थापना दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस मौके पर, केंद्रीय मंत्री ने यात्रियों की जान बचाने में उनके साहसिक प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पदक, जीवन रक्षा पदक आदि से सम्मानित 41 आरपीएफ कर्मियों का अभिनंदन भी किया। ये पुरस्कार देश के रेल नेटवर्क की सुरक्षा में आरपीएफ की अनुकरणीय सेवा को दर्शाते हैं और बल के अन्य सदस्यों को नए जोश के साथ अपने समर्पित प्रयासों को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने आरपीएफ परेड की औपचारिक सलामी भी ली, जो अनुशासन और प्रतिबद्धता का एक सराहनीय प्रदर्शन था। उन्होंने परेड के दौरान कर्मियों द्वारा प्रदर्शित अनुशासन, सटीकता और समर्पण की सराहना की।
—रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वलसाड में आरपीएफ स्थापना दिवस परेड में शिरकत की
—अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे में आ रहे बड़े बदलावों पर प्रकाश डाला
— आरपीएफ के लिए उन्नत तकनीकी अपग्रेड और प्रशिक्षण से जुड़ी नई पहलों की घोषणा की
अपने संबोधन में वैष्णव ने आरपीएफ कर्मियों को उनके स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई दी और यात्रियों तथा रेल संपत्ति की सुरक्षा करने में उनके अटूट समर्पण और प्रतिबद्धता की भी तारीफ की। मंत्री ने हाल ही में हुए महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुरक्षित तथा सुगम यात्रा सुनिश्चित करने में आरपीएफ की उल्लेखनीय सेवा की सराहना की।
केंद्रीय मंत्री ने ज़ोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे एक ऐतिहासिक बदलाव के दौर से गुज़र रहा है। पिछले 11 सालों में, करीब 35,000 किलोमीटर नई रेल पटरियाँ बिछाई गई हैं और 99% रेलवे नेटवर्क (करीब 60,000 किलोमीटर) का विद्युतीकरण किया जा चुका है। वर्तमान में, लगभग 150 वंदे भारत और 30 अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं, जो यात्रियों को विश्वस्तरीय यात्रा का अनुभव प्रदान करती हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1300 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है, जिनमें से 110 स्टेशनों का उद्घाटन हो चुका है और शेष पर काम तेज़ी से चल रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि त्योहारी सीज़न की माँग को पूरा करने के लिए, दीवाली और छठ के लिए रिकॉर्ड 12,000 से ज़्यादा विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं, ताकि सभी यात्रियों की यात्रा सुविधाजनक हो सके।
श्री वैष्णव ने बताया कि दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई जैसे प्रमुख मार्गों पर कवच प्रणाली का तेज़ी से उपयोग किया जा रहा है और यह अपने अंतिम चरण में है। कवच को 1200 इंजनों पर लगाया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि हर साल लगभग 7000 कोच बनाए जा रहे हैं, जबकि आम लोगों की सुविधा के लिए 3500 सामान्य कोच भी जोड़े गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि रेलवे सुरक्षा बल में आधुनिक प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है और इस दिशा में ज़रुरी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
RPF में आधुनिक प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर उपयोग
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल में आधुनिक प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है और इस दिशा में ज़रुरी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। कार्यक्रम में वलसाड से संसद सदस्य धवल पटेल, वलसाड से विधायक भरतभाई पटेल, कपराडा से विधायक जीतूभाई चौधरी, उमरगाम से विधायक रमणलाल पाटकर, आरपीएफ की महानिदेशक श्रीमती सोनाली मिश्रा, पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक विवेक कुमार गुप्ता, पश्चिम रेलवे के आईजी सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त अजॉय सदानी, मुंबई सेंट्रल डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक पंकज सिंह और पश्चिम रेलवे के मुख्यालय और मंडल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
आरपीएफ: सेवा ही संकल्प के उद्देश्य को साकार किया
आरपीएफ स्थापना दिवस परेड आरपीएफ सदस्यों और उनके परिवारों द्वारा मनाई जाती है। यह जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का दिन है। आरपीएफ एक करुणामयी बल के रूप में उभरा है, क्योंकि यह रेलवे के संपर्क में आने वाली महिलाओं, बच्चों, बीमारों, बुजुर्गों, दिव्यांगों और देखभाल व सुरक्षा की ज़रुरत वाले अन्य लोगों की मदद करता रहा है। यह बल रेल यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है। परिवहन सुरक्षा में अहम भूमिका निभाकर, आतंकवादी कृत्यों के विरुद्ध निवारक कार्रवाई करके, मानव तस्करी सहित तमाम अपराधों से लड़कर, अपराधों का पता लगाने में पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करके, कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सहायता करते हुए, यह राष्ट्रीय सुरक्षा ग्रिड में एक ज़रुरी हितधारक बन गया है।
रेलवे सुरक्षा बल ने सेवा ही संकल्प” के उद्देश्य को साकार करने के लिए राष्ट्र और उसके नागरिकों की सेवा के लिए पूरी लगन, ईमानदारी और कड़ी मेहनत के साथ खुद को समर्पित किया है और अपने आदर्श वाक्य “यशो लाभस्व” की दिशा में काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।